राज्यसभा में और कमजोर हुए अखिलेश यादव, सुरेंद्र नागर व संजय सेठ का इस्तीफा मंजूर
समाजवादी पार्टी मुखिया (samajwari chief) अखिलेश यादव सोमवार को उस समय तगड़ा झटका लगा सुरेन्द्र सिंह नागर और संजय सेठ का इस्तीफा सभापति वेंकैंया नायडु ने मंजूर कर लिया।
नई दिल्ली, जेएनएन। उच्च सदन राज्यसभा (Rajya Sabha) में समाजवादी पार्टी मुखिया (samajwari chief) अखिलेश यादव सोमवार को उस समय तगड़ा झटका लगा सुरेन्द्र सिंह नागर और संजय सेठ का इस्तीफा सभापति वेंकैंया नायडु ने मंजूर कर लिया। इसी के साथ राज्यसभा में समाजवादी पार्टी की ताकत 11 से 9 रह गई है। जाहिर राज्यसभा में समाजवादी पार्टी संख्या बल के लिहाज से कमजोर हुई है। वहीं, कांग्रेस के भुवनेश्वर कालिता का इस्तीफा भी सभापति ने मंजूर कर लिया है।
बता दें कि उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने नागर, सेठ और भुवनेश्वर कालिता के इस्तीफे के बारे में सदन को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन सदस्यों ने दो अगस्त को अपने अपने इस्तीफे दिए जिन्हें स्वीकार कर लिया गया है। इनमें सुरेंद्र नागर, संजय सेठ और भुवनेश्वर कालिता शामिल हैं।
बता दें कि राज्यसभा में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रहे सुरेंद्र सिंह नागर का कार्यकाल चार जुलाई 2022 तक था। संजय सेठ सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के करीबी माने जाते थे। उच्च सदन में उनका कार्यकाल भी 2022 तक था। वहीं नीरज शेखर और सुरेंद्र नागर के बाद सपा छोड़ने वाले संजय सेठ तीसरे नेता हैं। संजय सेठ का इस्तीफा देने से सपा को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि वह अखिलेश यादव के करीबी माने जाते हैं।
इससे पहले 16 जुलाई को सपा के राज्यसभा सदस्य नीरज शेखर ने भी पार्टी और उच्च सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। नीरज भाजपा में शामिल हो चुके हैं। अब माना जा रहा है कि भुवनेश्वर कलिता के साथ संजय सेठ और सुरेंद्र तीनों भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
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