25 वर्षों में हिंदू विहीन हुए मेवात के 50 गांव, रोंगटे खड़े कर देती है VHP जांच कमेटी की रिपोर्ट
Mewat Hindus Persecution case विहिप के अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र कुमार जैन ने राज्य सरकार से रिपोर्ट पर तेजी से कार्रवाई की मांग की है।
रेवाड़ी, महेश कुमार वैद्य। विश्व हिंदू परिषद की ओर से मेवात में हिंदुओं के उत्पीड़न को लेकर बृहस्पतिवार को गठित की गई तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने एक दिन बाद शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट संगठन के केंद्रीय नेतृत्व को सौंप दी है। रिपोर्ट रोंगटे खड़े करने वाली है। इसमें हिंदू उत्पीड़न की कई घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा गया है कि 25 वर्षों में मेवात के 50 गांव हिंदू विहीन हो चुके हैं।
संगठन की तीन सदस्यीय जांच कमेटी में सेवानिवृत जनरल जीडी बख्सी, स्वामी धर्मदेव व एडवोकेट चंद्रकांत शर्मा थे। विहिप अब रिपोर्ट को लेकर हमलावर है। संगठन ने इसे सिस्टम पर हमले का हथियार मान लिया है। विहिप के अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र कुमार जैन ने राज्य सरकार से रिपोर्ट पर तेजी से कार्रवाई की मांग की है।
रिपोर्ट के अहम तथ्य
- संपूर्ण मेवात में हिंदू विरोधी व राष्ट्र विरोधी षडयंत्र हो रहा है।
- प्रताड़ना के कारण हिंदुओं का पलायन होता रहा है।
- 25 वर्षों में 50 गांव हिंदू विहीन हो चुके हैं।
- हिंदू महिलाओं से दुष्कर्म आम है।
- हिंदुओं की व्यक्तिगत, सार्वजनिक व मंदिरों की जमीनों पर कब्जे हो रहे हैं।
- हिंदुओं के धार्मिक प्रतीकों का अपमान हो रहा है।
- विरोध करने पर सैंकड़ों जिहादियों की भीड़ हमला करती रही है।
- सोशल मीडिया पर राष्ट्र व हिंदू विरोधी पोस्ट चलती है।
- संतों के साथ मारपीट की जा रही है। पुन्हाना व नगीना खंडों में अत्याचार अधिक हैं।
- हिंदुओं को जबरन धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जा रहा है।
- कट्टरपंथियों के पैसे से मस्जिदों का निर्माण आम है।
रिपोर्ट के बाद विहिप की प्रमुख मांगे
- मेवात में मौजूद अधिकारियों की जगह निष्पक्ष अधिकारियों की नियुक्ति हो।
- हिंदुओं पर अत्याचार के मामले में संबंधित थाना प्रभारी को जिम्मेदार ठहराया जाए।
- अर्ध सैनिक बलों का केंद्र बनाकर यहां तैनाती की जाए।
- अवैध धन व हथियारों की एनआइए से जांच करवाई जाए।
- बांग्लादेशियों व रोहिंग्या की घुसपैठ की जांच की जाए।
जांच कमेटी के सदस्य स्वामी धर्मदेव ने बताया कि हमने मेवात से जुड़े कई प्रमुख लोगों से मुलाकात की। उन लोगों की मदद ली, जिन्हें मेवात में जारी गतिविधियों की बारीक जानकारी थी। तीन सदस्यीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में सही तथ्य सामने रखे हैं।