छात्र और बुजुर्ग दिल्ली मेट्रो में कर सकेंगे मुफ्त सफर, DMRC दे सकता है बड़ा तोहफा
इस दिशा में DMRC ने उसी समय कदम बढ़ाना शुरू कर दिया था जब फरवरी में मेट्रो स्टेशनों पर बायोमीट्रिक आधारित एएफसी (ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन) गेट लगाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी।
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi Metro Rail Corporation) की दिल्ली मेट्रो सेवा में किराये को लेकर आने वाले दिनों में सियासत तेज हो सकती है। इस बीच DMRC से संकेत मिल रहे हैं कि मेट्रो में महिलाओं को मुफ्त सफर की दिल्ली सरकार की योजना से पहले बुजुर्गों व छात्रों को किराये में छूट मिल सकती है। इस दिशा में दिल्ली मेट्रो रेल निगम ने उसी समय कदम बढ़ाना शुरू कर दिया था, जब फरवरी में मेट्रो स्टेशनों पर बायोमीट्रिक आधारित एएफसी (ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन) गेट लगाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी।
डीएमआरसी के एक अधिकारी ने बताया कि मेट्रो में मुफ्त सफर या छूट का प्रावधान तकनीकी रूप से लागू करने में नौ माह लग सकते हैं। यदि दिल्ली सरकार महिलाओं को मेट्रो में मुफ्त सफर के लिए सब्सिडी योजना को मंजूरी देकर फाइल आगे बढ़ाती है, तब भी इस योजना को मेट्रो बोर्ड से स्वीकृति की जरूरत पड़ेगी। मेट्रो से संबंधित नीतिगत मामलों पर बोर्ड की मंजूरी जरूरी होती है। बोर्ड में दोनों सरकारों (केंद्र व दिल्ली सरकार) के अधिकारियों का प्रतिनिधित्व है। ऐसे में माना जा रहा है कि बोर्ड से यह प्रस्ताव पास होना आसान नहीं है।
अभी तक तो डीएमआरसी के अधिकारी यह भी तय नहीं कर पाए हैं कि मेट्रो में महिलाओं को मुफ्त सफर की सुविधा कैसे दी जाए, जबकि मेट्रो में दोगुना किराया वृद्धि पर विवाद बढ़ने पर पिछले साल केंद्रीय शहरी विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने बुजुर्गों व छात्रोंं को किराये में कुछ छूट देने के लिए डीएमआरसी को नीति तैयार करने को कहा था। फरवरी में डीएमआरसी ने 14.51 करोड़ की लागत से सभी मेट्रो स्टेशनों पर बायोमीट्रिक आधारित एएफसी गेट लगाने के लिए टेंडर जारी कर चुका है।
इस गेट पर अंगुली पंच कर किराया भुगतान हो सकेगा। साथ ही इस तकनीक से यात्रियों की पहचान संभव हो पाएगी, इसलिए बायोमीट्रिक एएफसी गेट लगाने की प्रक्रिया शुरू होने पर ही डीएमआरसी ने कहा था कि यह तकनीक आने वाले दिनों में मेट्रो के किराये में छूट का प्रावधान लागू करने में मददगार बनेगी।
बताया जा रहा है कि डीएमआरसी ने यह पहल बुजुर्गों व छात्रों को रियायत देने के मकसद से की थी। केंद्र सरकार भी योजना को पहले लागू करना चाहेगी। चर्चा इस बात की भी है कि किराये पर सियासत बढ़ने पर किराया निर्धारण समिति का गठन भी हो सकता है। वैसे भी पूर्व किराया निर्धारण समिति मेट्रो में हर साल किराया भुगतान का सुझाव दे चुकी है।
पिंक टोकन व स्मार्ट कार्ड लाने में लगेगा वक्त
डीएमआरसी ने पिंक टोकन व स्मार्ट कार्ड के जरिए यह सुविधा उपलब्ध कराने का सुझाव सरकार को दिया है। पर, अधिकारी कहते हैं कि ¨पक टोकन व स्मार्ट कार्ड का गलत इस्तेमाल भी हो सकता है। यदि कोई महिला यात्री पिंक टोकन या स्मार्ट कार्ड लेकर अपने रिश्तेदारों को इस्तेमाल के लिए दे दें तो उसकी निगरानी आसान नहीं होगी। साथ ही नए टोकन उपलब्ध होने में समय लगेगा। टेंडर प्रक्रिया में ही तीन से चार माह का समय लग जाएगा।
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