MCD Elections Result 2022: एमसीडी चुनाव में जीत के बाद AAP के लिए कठिन है राह, सामने होंगी ये चुनौतियां
MCD Elections Result 2022 दिल्ली नगर निगम चुनाव के परिणामों में आम आदमी पार्टी (आप) को स्पष्ट बहुमत मिला है। एमसीडी चुनाव जीतने के बाद अब पार्टी को बड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए खुद को तैयार करना होगा।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi MCD Election 2022: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव के परिणामों में आम आदमी पार्टी (आप) को स्पष्ट बहुमत मिला है। ये परिणाम पार्टी के नेताओं के दावों और विभिन्न एक्जिट पोल के अनुरूप भले नहीं रहे, लेकिन फिर भी पार्टी कड़े मुकाबले में भाजपा को पछाड़ने में सफल रही है।
एमसीडी का चुनाव महत्वपूर्ण
एमसीडी की यह जीत पार्टी के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि वह दिल्ली में लगातार तीन बार से सत्ता में है, इसके बावजूद वह निगम पर कब्जा नहीं कर सकी थी। एमसीडी चुनाव जीतने के बाद अब पार्टी को बड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए खुद को तैयार करना होगा।
दिल्ली में गंदगी और कूड़े के पहाड़ के साथ ही भ्रष्टाचार तो बड़ी समस्या है ही, एमसीडी की आर्थिक स्थिति भी अक्सर खराब रहती है। स्थिति यह हो जाती है कि कर्मचारियों को वेतन देना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में अब जबकि एक ऐसी पार्टी जिसके पास दिल्ली सरकार भी है और एमसीडी भी, उससे ऐसी उम्मीद की जानी चाहिए कि वह एमसीडी की आर्थिक तंगी दूर करने में सफल होगी। इससे एमसीडी अपनी खराब माली हालत से उबरने के साथ ही विकास कार्यों पर भी उचित ध्यान दे सकेगी।
कांग्रेस की करारी हार
यह चुनाव आम आदमी पार्टी के लिए जहां खुश होने की वजह लेकर आया है, वहीं यह उसे सतर्क भी करता है, क्योंकि पार्टी के मत प्रतिशत में पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले करीब 11 प्रतिशत की कमी आई है। इस चुनाव के परिणामों के बाद भाजपा को भी हार के कारणों की गंभीरता से समीक्षा करनी चाहिए। भाजपा को यह समझना होगा कि दिल्ली में उसे चुनावों में जीतना है तो एक मजबूत नेता को सामने लाना होगा, जो लोकप्रिय भी हो और संगठन को गुटबाजी से बचाकर भी रख सके।
भाजपा के लिए संतोष की बात यह है कि वह एक मजबूत विपक्ष के रूप में निगम सदन में मौजूद रहेगी। पिछले कई चुनावों की तरह इस चुनाव में भी कांग्रेस की करारी हार हुई है। हार-जीत चुनावी राजनीति में सामान्य बात है, लेकिन लगातार हारने के बाद भी जीतने के लिए गंभीर प्रयास न किया जाना दर्शाता है कि गौरवशाली अतीत वाली इस राष्ट्रीय पार्टी में कोई भी हालात सुधारने को लेकर गंभीर नहीं है।