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AAP के 51 विधायकों ने संपत्ति का ब्योरा देने से किया इनकार, पढ़िए- भाजपा का रुख

आम आदमी पार्टी (AAP) के 13 अन्य विधायकों ने भी लोकायुक्त के समक्ष कोई जानकारी नहीं दी, इनमें मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन और गोपाल राय भी शामिल हैं।

By Edited By: Published: Mon, 28 Jan 2019 09:39 PM (IST)Updated: Tue, 29 Jan 2019 08:33 AM (IST)
AAP के 51 विधायकों ने संपत्ति का ब्योरा देने से किया इनकार, पढ़िए- भाजपा का रुख

नई दिल्ली, जेएनएन। लोकायुक्त द्वारा विधायकों से संपत्ति का ब्योरा मांगे जाने पर सोमवार को मात्र तीन विधायकों भाजपा के विजेंद्र गुप्ता, मनजिंदर सिंह सिरसा व आम आदमी पार्टी (AAP) के बागी विधायक कपिल मिश्रा ने इसकी जानकारी उन्हें दे दी। उनकी संपत्ति संबंधी ब्योरे को लोकायुक्त ने स्वीकार कर लिया है। वहीं, आप के 51 विधायकों ने लोकायुक्त के समक्ष अपनी संपत्ति का ब्योरा जमा करने से इनकार कर दिया। उन्होंने जवाब दाखिल करते हुए कहा है कि संपत्ति का ब्योरा मांगना लोकायुक्त के अधिकार क्षेत्र में नहीं है।

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AAP के 13 अन्य विधायकों ने भी लोकायुक्त के समक्ष सोमवार को कोई जानकारी नहीं दी, इनमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन और गोपाल राय भी शामिल हैं। लोकायुक्त ने सभी विधायकों को जवाब दाखिल करने के लिए 27 फरवरी तक का समय दे दिया है।

लोकायुक्त ने सुनवाई के दौरान कहा कि एक मंत्री सहित आप के 51 विधायकों ने जवाब दाखिल कर दिया है और सभी के जवाब कमोबेश एक समान हैं। AAP विधायक वंदना कुमारी, महेंद्र यादव, एनडी शर्मा, मदन लाल, एसके बग्गा व अन्य विधायकों ने पेश होकर अपना जवाब दाखिल किया। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने लोकायुक्त को पत्र लिखकर संपत्ति का ब्योरा जमा करने के लिए जारी नोटिस को वापस लेने का आग्रह किया है।

लोकायुक्त जस्टिस रेवा खेत्रपाल ने विधानसभा अध्यक्ष के पत्र को रिकॉर्ड पर ले लिया और कहा कि इस पर अगली सुनवाई पर विचार किया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष ने लोकायुक्त को भेजे पत्र में कहा है कि दिसंबर 2018 में केंद्र सरकार ने इस बारे में नया दिशा-निर्देश जारी किया है। 

इसके तहत सरकार को जनप्रतिनिधियों व उनके आश्रितों की संपत्तियों और देनदारियों का ब्योरा जमा करने के लिए एक प्रारूप जारी करना है। अभी प्रारूप जारी नहीं हुआ है, ऐसे में उन्हें (लोकायुक्त) विधायकों को भेजे गए नोटिस को वापस ले लेना चाहिए। गोयल ने कहा कि संपत्ति का ब्योरा मांगना फिलहाल लोकायुक्त के अधिकार क्षेत्र में नहीं है।

विधायकों ने भी कहा है कि चूंकि सरकार ने अभी कोई प्रारूप जारी नहीं किया है, ऐसे में अभी इस बारे में कोई कानून नहीं है। कानून के अभाव में लोकायुक्त विधायकों से संपत्ति का ब्योरा नहीं मांग सकते। उन्होंने कहा कि जब सरकार प्रारूप जारी कर देगी तो वे संपत्ति का ब्योरा जमा करा देंगे।

याचिका में भाजपा विधायकों को पक्षकार क्यों नहीं बनाया
लोकायुक्त ने मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता व अधिवक्ता विवेक गर्ग से पूछा कि उन्होंने याचिका में भाजपा विधायकों को पक्षकार क्यों नहीं बनाया था। उन्होंने पक्षकारों की सूची में संशोधन करने और भाजपा विधायकों को भी एक सप्ताह के भीतर पक्षकार बनाने का निर्देश दिया।

विधानसभा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष को भी पक्षकार बनाने का निर्देश दिया है। साथ ही विधायकों के जवाब में जवाबी हलफनामा देने को भी कहा है। गर्ग की शिकायत पर ही लोकायुक्त ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित दिल्ली के सभी 70 विधायकों को नोटिस जारी कर पिछले तीन साल की संपत्ति व देनदारियों का ब्योरा मांगा था।

दो भाजपा विधायकों ने भी मांगा समय
भाजपा विधायक ओम प्रकाश शर्मा और जगदीश प्रधान की ओर से अधिवक्ता नीरज कुमार ने वक्त देने की मांग की। उन्होंने कहा कि दोनों नेता संपत्ति का ब्योरा देने को तैयार हैं, लेकिन पारिवारिक व निजी कारणों से नहीं आ पाए। लोकायुक्त ने दोनों को तीन सप्ताह के भीतर ब्योरा जमा कराने को कहा है।

सार्वजनिक नहीं होगी जानकारी

लोकायुक्त ने कहा है कि जिन विधायकों ने संपत्ति का ब्योरा जमा कराया है, उसे फिलहाल सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। उन्होंने ब्योरे को सीलबंद लिफाफे में रखने का निर्देश दिया।


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