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जेएनयू में शिक्षकों के 'असहयोग' पर HRD मंत्रालय सख्त, उठा सकता है कड़े कदम

जेएनयू विवाद को सुलझाने में जुटा मानव संसाधन विकास मंत्रालय फिलहाल विश्वविद्यालय के शैक्षणिक कामकाज के बहाली में असहयोग कर रहे शिक्षकों के खिलाफ सख्त कदम उठा सकता है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 13 Jan 2020 09:03 PM (IST)Updated: Mon, 13 Jan 2020 09:03 PM (IST)
जेएनयू में शिक्षकों के 'असहयोग' पर HRD मंत्रालय सख्त, उठा सकता है कड़े कदम
जेएनयू में शिक्षकों के 'असहयोग' पर HRD मंत्रालय सख्त, उठा सकता है कड़े कदम

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जेएनयू विवाद को सुलझाने में जुटा मानव संसाधन विकास मंत्रालय फिलहाल विश्वविद्यालय के शैक्षणिक कामकाज के बहाली में 'असहयोग' कर रहे शिक्षकों के खिलाफ सख्त कदम उठा सकता है। हालांकि इससे पहले मंत्रालय ने आंदोलन में शामिल शिक्षकों से कक्षाओं में वापस जाने का अनुरोध किया है। साथ ही कहा कि सुरक्षा को लेकर उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। विश्वविद्यालय प्रशासन उन्हें पूरी सुरक्षा मुहैया कराएगा। इससे पहले मंत्रालय की पहल पर ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों की फीस बढ़ोत्तरी के एक बड़े हिस्से को वापस ले लिया था, जिसमें यूटीलिटी और सर्विस चार्ज शामिल है। साथ ही गरीब बच्चों के रुम रेंट को भी आधा कर दिया है।

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जेएनयू शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने वरिष्‍ठ अफसरों से की मुलाकात

जेएनयू शिक्षक संघ के अध्यक्ष की अगुवाई में आधा दर्जन से ज्यादा पदाधिकारियों ने सोमवार को मानव संसाधन विकास मंत्रालय पहुंचकर वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की है। साथ ही उनके सामने शिक्षकों से जुड़ी समस्याओं को प्रमुखता से रखा है। जिसमें मुख्य मुद्दा सुरक्षा का था। मंत्रालय ने शिक्षकों को सुरक्षा का पूरा भरोसा दिया है।

हालांकि जेएनयू शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रोफेसर डीके लोबियाल ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि मौजूदा हालत में विश्वविद्यालय के भीतर शिक्षण कार्य संभव नहीं है। असुरक्षा का पूरा माहौल है। यह स्थिति तब तक ठीक नहीं होगी, जब तक कुलपति इस्तीफा नहीं देते है। वहीं शिक्षक संघ के सचिव सुरजीत मजूमदार ने कहा कि मौजूदा हालात में हमारे सामने दो ही रास्ते है, यह तो वह ऐसी हालत में शिक्षण कार्य करे या फिर अपने परिवार की सुरक्षा को देखते हुए नौकरी छोड़ दें।

अधिकारियों से साथ हुई बातचीत रही सकारात्मक

शिक्षक संघ ने इस दौरान मंत्रालय के संयुक्त सचिव से काफी देर तक चर्चा की है। उन्हें अपनी मांगों से जुड़ा एक ज्ञापन भी सौंपा है। शिक्षक संघ ने इस बीच मंत्रालय के अधिकारियों से साथ हुई बातचीत को सकारात्मक बताया है। साथ ही कहा है कि जल्द ही मंत्रालय के आला अधिकारियों से वह फिर से मुलाकात करेंगे।

गौरतलब है कि शिक्षक संघ इस बीच मंत्रालय के उच्च शिक्षा सचिव से भी मुलाकात करना चाहते थे, लेकिन पीएमओ में चल रही बैठक के सिलसिले मंत्रालय से बाहर थे। इससे पहले मंत्रालय ने आंदोलित शिक्षकों के साथ ही कई दौर की बैठकें की थी। जिसके बाद फीस बढ़ोत्तरी से यूटीलिटी और सर्विस चार्ज को हटा लिया गया है। अब छात्रों को सिर्फ रुम रेंट ही देना है। जिसे दस रुपए बढ़ाकर सामान्य छात्रों के तीन सौ रुपए और गरीब छात्रों के लिए डेढ़ सौ रुपए तय किया गया है।

खत्म हो चुका है फीस का मुद्दा, आंदोलन अनावश्यक: निशंक

इसी बीच मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि फीस बढ़ोत्तरी का मामला अब खत्म हो चुका है। छात्रों से अब यूटीलिटी और सर्विस चार्ज नहीं लिया जा रहा है। ऐसे में छात्रों का आंदोलन अब अनावश्यक है। उन्होंने छात्रों के मौजूदा आंदोलन को राजनीतिक से प्रेरित बताते हुए कहा कि शैक्षणिक संस्थानों को वह राजनीति का अखाड़ा नहीं बनने देंगे।


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