हरियाणा में बहुमत से क्यों चूकी भाजपा, कारण जानने के लिए गुरुग्राम में हुई समीक्षा मीटिंग
हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों की भाजपा गुरुग्राम में समीक्षा कर रही है। सिविल लाइन स्थित पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में शुरू हो गई है।
गुरुग्राम [यशलोक सिंह]। प्रदेश विधानसभा चुनाव 2019 के दौरान अबकी बार 75 पार का नारा देकर चुनावी मैदान में उतरी भाजपा अपने दम पर बहुमत नहीं ला सकी। ऐसा किस कारण हुआ, किस स्तर पर चूक हुई और अब आगे कैसे बढ़ना है इन्हीं सब विषयों को लेकर शुक्रवार गुरुग्राम के लोक निर्माण विश्राम गृह में भाजपा की मंथन बैठक हुई। इस बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल सहित प्रदेश के सभी 40 नवनिर्वाचित विधायक शामिल हुए।
इनके अलावा भाजपा राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला, हरियाणा प्रभारी डॉक्टर अनिल जैन, प्रदेश के संगठन मंत्री सुरेश भट्ट, प्रदेश महासचिव संदीप जोशी, संजय भाटिया व वेदपाल भी बैठक में मौजूद रहे।
सरकार की नीतियां जनता तक पहुंचाएं
मुख्यमंत्री और भाजपा के नवनिर्वाचित विधायकों की इस बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। कुल मिलाकर यह बैठक भविष्य की रणनीति और कार्ययोजनाओं पर केंद्रित रही। जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधायकों को कई मंत्र दिए। उन्हें यह बताया कि गया कि वह किस प्रकार से वह जनता के बीच रहकर काम करें। जनता की परेशानियों और जरूरतों को समझें। सरकार की नीतियों से जनता को अवगत कराएं।
मीटिंग में कहा गया कि विधायक अपने स्तर पर जनता सतत फीडबैक भी लेते रहें। जनता और विधायकों के बीच किसी प्रकार का कम्युनिकेशन गैप नहीं होना चाहिए। विधानसभा चुनाव 2019 को लेकर आपेक्षित चुनाव परिणाम नहीं आने को लेकर भी चर्चा हुई।
पिछले चुनाव में भाजपा को मिली थी 47 सीटें
बता दें कि विधानसभा चुनाव में भाजपा इस बार बहुमत से चूक गई। इसकी वजह से पार्टी को जनता जननायक पार्टी (जेजेपी) से गठबंधन करना पड़ा। चुनाव में भाजपा को कुल 40 सीटें मिली हैं जबकि जेजेपी को 10 और कांग्रेस को 31 सीटें मिली हैं। साल 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 47 सीटें मिली थी। लेकिन इस बार भाजपा बहुमत से चूक गई और उसके कई मंत्री चुनाव हार गए।