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UP विधानमंडल का मानसून सत्र: विपक्ष के हंगामा के कारण विधान परिषद शुक्रवार तक स्थगित

विधान भवन में विधान परिषद की कार्यवाही शुरू होने से पहले बहराइच से समाजवादी पार्टी के सपा एमएलसी हाजी इमलाक खां विधान परिषद में नेता विरोधी दल अहमद हसन के कक्ष में बेहोश हो गए।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 18 Jul 2019 09:43 AM (IST)Updated: Fri, 19 Jul 2019 08:35 AM (IST)
UP विधानमंडल का मानसून सत्र: विपक्ष के हंगामा के कारण विधान परिषद शुक्रवार तक स्थगित
UP विधानमंडल का मानसून सत्र: विपक्ष के हंगामा के कारण विधान परिषद शुक्रवार तक स्थगित

लखनऊ, जेएनएन। विधानमंडल के मॉनसून सत्र के पहले दिन गुरुवार को विधान परिषद की कार्यवाही विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गई। कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेरने में जुटे सपा सदस्यों की नारेबाजी के और हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बमुश्किल 20 मिनट चल पाई। शोरगुल और अव्यवस्था के कारण सभापति रमेश यादव ने सदन की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी।

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सदन की कार्यवाही शुरू होते ही समाजवादी पार्टी के नरेश उत्तम ने कहा कि सोनभद्र में नरसंहार हुआ है। उनके इतना कहते ही लाल टोपियां लगाए सपा सदस्य हाथों में नारे लिखीं तख्तियां उठाये सभापति के आसन के सामने नारेबाजी करने लगे। वे सोनभद्र में हुए नरसंहार, संभल में सिपाहियों की हत्या और महिलाओं के खिलाफ आपराधिक घटनाओं को लेकर सरकार पर हमलावर थे। सपा सांसद मोहम्मद आजम खां पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने की मांग भी कर रहे थे। सपा सदस्यों को समझाने की कोशिश नाकाम होने पर सभापति ने सदन की कार्यवाही 11.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। 11.30 बजे सदन के स्थगन की अवधि को 12 बजे तक बढ़ाने की घोषणा की गई।

दोपहर 12 बजे सभापति ने विधान परिषद के छह पूर्व सदस्यों-देवीदयाल शास्त्री, तनवीर हैदर उस्मानी, मधुबन सिंह, अनवार अहमद, हर प्रसाद तिवारी और डॉ.वाईडी सिंह के निधन की सूचनाएं दीं। सदन ने दो मिनट मौन रहकर दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद सपा सदस्य फिर सभापति के आसन के सामने आकर कानून व्यवस्था के मुद्दे पर नारेबाजी करने लगे। इस पर सभापति ने सदन की कार्यवाही गुरुवार तक स्थगित कर दी।

दिखा गठबंधन टूटने का असर

सपा-बसपा गठबंधन टूटने का असर भी सदन में हंगामे के दौरान दिखा। सपा सदस्यों की नारेबाजी से बसपा सदस्यों ने दूरी बनाये रखी। सभापति के आसन के सामने आने की बजाय वे सिर्फ अपने स्थान पर खड़े रहे। कांग्रेस के सदस्य भी अपने स्थान पर खड़े रहे।

बेहोश हुए सपा एमएलसी

सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले बहराइच के सपा एमएलसी मोहम्मद इमलाक खां विधान परिषद में नेता विरोधी दल अहमद हसन के कक्ष में बेहोश गए। वह मधुमेह और उच्च रक्तचाप के मरीज हैं। सचिवालय डिस्पेंसरी के डॉक्टरों ने उनका इलाज किया। 

समाजवादी पार्टी का धरना 

समाजवादी पार्टी के विधायक व विधान परिषद सदस्य आज सदन शुरू होने से पहले ही विधान भवन प्रांगण में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के पास धरना पर बैठे। यह सभी उत्तर प्रदेश में खराब कानून-व्यवस्था और पूर्व मंत्री आजम खां के खिलाफ कार्रवाई को लेकर धरना दे रहे हैं। सपा के सदस्य सोनभद्र तथा सम्भल की घटना को लेकर काफी नाराज हैं। आजम खां के खिलाफ मामले को भी लेकर नारेबाजी हो रही है। आजम खां के खिलाफ चल रही कार्रवाई को यह लोग दमन बता रहे हैं। धरना पर सपा विधान मंडल दल के नेता राम गोविंद चौधरी के साथ विधान परिषद में पार्टी के नेता अहमद हसन तथा बलराम यादव भी है।

मानसून सत्र के कार्यक्रम में मामूली बदलाव

सर्वदलीय बैठक में कल कार्यमंत्रणा समिति की बैठक मेें मानसून सत्र के कार्यक्रम में मामूली बदलाव किया गया। विधान सभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने बताया कि 18 जुलाई को स्व. जगन प्रसाद गर्ग के शोक में सदन स्थगित कर दिया जाएगा तथा 19 जुलाई को अध्यादेशों व अधिसूचनाओं को पटल पर रखा जाएगा। 23 जुलाई को दोपहर 12:20 बजे अनुपूरक बजट पेश होगा। 24 जुलाई को बजट पर चर्चा के साथ पारित किया जाएगा। 25 व 26 जुलाई को अन्य मदों के साथ अनेक विधेयक भी प्रस्तुत किए जाएंगे।

सदन की कार्यवाही शांतिपूर्ण माहौल में चलाने का आग्रह

भाजपा ने विधानसभा के मानसून सत्र में सदन की कार्यवाही शांतिपूर्ण माहौल में चलाने का आग्रह करते हुए वेल में हंगामे की परंपरा बंद करने पर जोर दिया है। विपक्ष का कहना है कि सरकार जनसमस्याओं को गंभीरता से सुनकर निदान करा दे तो हंगामे की जरूरत ही नहीं रहेगी। विधान भवन में बुधवार को दोपहर सर्वदलीय नेताओं की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम सार्थक बहस के साथ अधिक समय सदन को चलाना चाहते है। सरकार सभी विषयों पर चर्चा को तैयार है। उन्होंने कहा आरोप-प्रत्यारोप और शोरगुल के बीच सदस्यों की महत्वपूर्ण बातें भी नहीं आ पाती। इस दौरान कई बार सदस्यों की अच्छी बातें तथा राय उपेक्षित रह जाती हैं। कभी -कभी एक ही विषय बार-बार उठाया जाता है। बार-बार सदन बाधित होने से जनता में गलत संदेश जाता है। विधान सभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने संसदीय मर्यादा को बनाए रखने और व्यक्तिगत आक्षेप से बचने का आग्रह किया।

सरकार नहीं सुनेगी तो चुप न बैठेंगे

विपक्ष कम अवधि का सत्र आहूत करने से नाराज है। नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी का कहना था कि सत्ता संभालते समय भाजपा ने लंबी अवधि के सत्र चलाने का वादा किया था परंतु अब सरकार कन्नी काट रही है। उधर बहुजन समाज पार्टी के दल नेता लालजी वर्मा का कहना था कि जनता की समस्याएं नहीं सुनेंगे तो चुप बैठना संभव न होगा। कांग्रेस के मसूद अख्तर ने कहा कि जनता ने जिस काम के लिए चुनकर भेजा है वो फर्ज निभाना हमारी मजबूरी है। अपना दल (एस) के नील रतन पटेल व सुभासपा के ओमप्रकाश राजभर ने भी विचार व्यक्त किए। संचालन संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने किया। 

कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर विपक्ष रहेगा हमलावर

मानसून सत्र में कानून -व्यवस्था में विपक्ष कानून व्यवस्था को लेकर सरकार पर हमलावर होगा। सोनभद्र व संभल प्रकरण के साथ ही विपक्षी नेताओं का उत्पीडऩ बढऩे का मुद्दा हावी रहेगा। बुधवार को बसपा और सपा विधानमंडल दलों की बैठक में सदन के भीतर सरकार को घेरने की रणनीति तैयार की गयी। इन बैठकों में दोनों दलों के अध्यक्षों मायावती और अखिलेश की गैरहाजिरी चर्चा में रही। सत्र के पहले दिन विधानसभा में शोक प्रस्ताव आने के कारण भले ही हंगामा नहीं हो सकेगा परंतु विधान परिषद में विपक्ष पूरी तैयारी से उतरेगा। सपा मुख्यालय में नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में वक्ताओं ने सदन के भीतर और बाहर सड़क पर संघर्ष तेज करने पर बल दिया। अपराधों से बेहाल जनता और गन्ना मूल्य भुगतान न होने से परेशान किसानों की आवाज को मजबूती से उठाने का फैसला किया गया। बैठक में पूर्व मंत्री आजम खां के उत्पीडऩ का मुद्दा मोहम्मद फईम ने उठाया, हालांकि आजम खां के पुत्र व विधायक अब्दुल्ला बैठक में उपस्थित नहीं थे। विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने सभी सदस्यों से प्रात: दस बजे कार्यालय पहुंचने को कहा।

दलित व महिला उत्पीडऩ का मुद्दा भी उठाएंगे

बसपा विधानमंडल दल की बैठक लालजी वर्मा की अध्यक्षता में विधान भवन स्थित कार्यालय में आयोजित की गयी। कानून व्यवस्था की खराब स्थिति के साथ दलितों व महिलाओं के उत्पीडऩ की घटनाओं को भी मुद्दा बनाया जाएगा। सभी सदस्यों से नीली टोपी पहनकर आने के लिए कहा गया है। अपराधियों की मुठभेड़ के नाम पर निर्दोष लोगों को निशाना बनाने का सवाल भी उठाया जाएगा।

विपक्ष की परीक्षा

सदन में सरकार की घेराबंदी के मुद्दों की कमी नहीं है परंतु लोकसभा चुनाव के बाद विपक्षी दलों में तालमेल का अभाव भी असर दिखेगा। खासकर बसपा और सपा के बीच बढ़ी दूरियां सदन में सरकार को राहत देगी। उधर कांग्रेस भी आंतरिक खींचतान का शिकार है। बुधवार को प्रस्तावित विधानमंडल दल की बैठक समय से सूचना नहीं मिलने के कारण न हो सकी। दलनेता अजय लल्लू ने बताया कि बैठक अब गुरुवार को प्रात: दस बजे होगी।

सदन में नकारात्मक चर्चा न करें : योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री और भाजपा विधानमंडल दल के नेता योगी आदित्यनाथ ने पार्टी विधायकों को नसीहत दी है कि सभी अपनी सोच सकारात्मक रखें और सरकार की योजनाओं को गांव-गांव जाकर बताएं। सदन में नकारात्मक चर्चा न करें। विधायकों को योजनाओं की जानकारी देने के साथ ही उन्होंने कन्या सुमंगला योजना पर फोकस किया। इसके पूरे प्रारूप को समझाया कि कैसे कन्या के पैदा होने से लेकर पढ़ाई और शादी तक सरकार आर्थिक सहयोग करेगी।

विधानमंडल सत्र की पूर्व संध्या पर कल लोकभवन में भाजपा विधायकों की बैठक बुलाई गई थी। योगी ने विधानसभा और विधान परिषद सदस्यों तथा मंत्रियों को पूरी तैयारी के साथ सदन में जाने की हिदायत दी। उन्होंने सदन में सवाल पूछे जाने के संदर्भ में कहा कि पहले संसदीय कार्य मंत्री से समझ लें। जिस विभाग से संबंधित सवाल हो, उस विभाग के मंत्री से भी परामर्श कर लें और अगर जरूरी हो तभी सवाल लगाएं।

बैठक में मुख्यमंत्री के अलावा मंच पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व डा. दिनेश शर्मा, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना तथा मुख्य सचेतक वीरेंद्र सिंह सिरोही मौजूद थे। बैठक में आगरा उत्तरी के दिवंगत विधायक जगन प्रसाद गर्ग को श्रद्धांजलि दी गई जबकि उप चुनाव में निर्वाचित दो विधायकों पुरुषोत्तम खंडेलवाल और शशांक वर्मा का स्वागत किया गया। संचालन कर रहे खन्ना ने पर्यावरण और स्वच्छता के क्षेत्र में विधायकों से बेहतर कार्य की अपेक्षा की। करीब 45 मिनट के उद्बोधन में योगी ने कहा कि अक्सर विधायकों के दस कार्य हुए और एक नहीं हुआ तो क्षेत्र में उसी की चर्चा शुरू कर देते हैं। इससे माहौल खराब होता है।

विधायकों के मोबाइल जमा

भाजपा विधान मंडल दल की बैठक में जाने वाले विधायकों के मोबाइल फोन जमा करा लिए गये थे। मुख्यमंत्री ने विधायकों को अपने व्यवहार में संतुलन और पारदर्शिता बनाये रखने के साथ ही हिदायत दी कि वह अपने 'पास' साथ रखें। सुरक्षाकर्मियों के मांगने पर दिखाएं। यदि कोई सुरक्षाकर्मी ठीक व्यवहार नहीं करता तो उसकी शिकायत दर्ज कराएं। 


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