बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र से नदारद तेजस्वी, AES से मौतों पर विपक्ष का हंगामा
बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र शुक्रवार से शुरू है। सत्र 26 जुलाई तक चलेगा। सत्र में विपक्ष के लिए मुद्दों की भरमार है। लेकिन विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव लापता हैं।
पटना [जेएनएन]। बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र की शुरुआत शुक्रवार को हो चुकी है। 26 जुलाई तक चलने वाले इस सत्र में प्रतिपक्ष की हताशा और सत्ता पक्ष के उत्साह के साथ-साथ अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी भी दिख सकती है। सदन में जन आकांक्षाओं का पिटारा खुल सकता है। इस बीच इंसेफेलाइटिस (एईएस) से मौतों व बिगड़ती कानून-व्यवस्था सहित कई बड़े मुद्दों पर विपक्ष पहले दिन से हंगाामा पर उतर आया है। खास बात यह भी कि लोकसभा चुनाव मे हार के बाद से राजनीति से लापता विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव मानसून सत्र के पहले दिन सदन में नहीं पहुंचे।
स्वास्थ्य मंत्री की बर्खास्तगी की मांग
सत्र शुरू होने के पहले भाकपा माले के विधायकों ने सदन के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने इंसेफेलाइटिस से बच्चों की मौतों के लिए सरकार को जिम्मेदार बताते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को बर्खास्त करने की मांग की। उन्होंने कहा कि मंगल पांडेय इंसेफेलाइटिस को लेकर बड़ी बैठक के दौरान बच्चों की मौतों के सवाल पर विमर्श से अधिक क्रिकेट का स्कोर जानने में उत्सुक थे। उधर, इंसेफेलाइटिस की स्थिति पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के संवाददाता सम्मेलन के दौरान केंद्रीय स्वासथ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे सो रहे थे।
विपक्ष के लिए मुद्दों की भरमार
इस सत्र में विपक्ष के लिए मुद्दों की भरमार है। मुजफ्फरपुर में इंसेफेलाइटिस (एईएस) या चमकी बुखार से बच्चों की मौत का सिलसिला, सरकारी अस्पतालों का हाल, अपराध की स्थिति, नियोजित शिक्षकों काे समान काम के लिए समान वेतन का मुद्दा एवं बिहार को विशेष राज्य का दर्जा जैसे कई अहम मुद्दे हैं, जिनके सहारे विपक्ष की ओर से सत्ता पक्ष को पूरे सत्र में घेरने की कोशिश की जाएगी। इस दौरान, पक्ष-प्रतिपक्ष के सदस्यों की दलगत निष्ठा और संसदीय सलीके की भी परीक्षा हो सकती है।
मासूमों की मौत बड़ा मुद्दा
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) व भाकपा माले समेत अन्य विपक्षी दलों के सत्ता पक्ष राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) पर हमले शुरू हैं। हाल ही में इंसेफेलाइटिस से 175 से अधिक मासूमों की मौत को विपक्ष ने प्रमुख मुद्दा बनाया है। आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने कहा है कि इंसेफेलाइटिस समेत विभिन्न मुद्दों पर राज्य सरकार विफल रही है। आरजेडी सदन में राज्य सरकार की विफलताओं को रखेगा। इस मुद्दे पर विधानसभा की कार्रवाही शुरू होने के साथ ही उठाने की कोशिश की गई।
कानून-व्यवस्था भी रहेगा मुद्दा
बिहार में लगातार बढ़ते अपराध के कारण सदर में कानून-व्यवस्था का मुद्दा भी है। अपराध में वृद्धि को देखते हुए 20 दिनों के भीतर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दो बार पुलिस की हाई लेवल मीटिंग कर चुके हैं, लेकिन हालात बदतर हैं। विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को पूरे सत्र के दौरान घेरेगा।
तेजस्वी पर टिकी नजर
लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की हार के बाद से राजनीति से दूर अज्ञात जगह रह रहे तेजस्वी यादव के सत्र में उपस्थित रहने की उम्मीद थी। लेकिन वे अभी तक नहीं पहुंचे हैं। इसके पहले अारजेडी के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने दावा किया था कि तेजस्वी सदन में पहले दिन मौजूद रहेंगे। माना जा रहा था कि बिहार की राजनीति से गायब तेजस्वी यादव करीब महीने भर बाद प्रकट हो सकते हैं, लेकिन वे अभी तक नहीं आए हैं। पक्ष-विपक्ष की नजरें तेजस्वी पर टिकी हैं।
संसदीय कार्यमंत्री ने की ये अपील
सदन में हंगामे के आसार के बीच संसदीय कार्य और ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने विपक्ष से आग्रह किया है कि वह सदन में उपस्थित रह कर सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों को लेकर अपने समालोचनात्मक विचार रखे। उन्होंने विपक्ष से सदन के संचालन में सकारात्मक सहयोग की अपील भी की है।
पहले दिन से ही घमासान के हालात
सत्र में जैसे-जैसे सत्र की बैठकें आगे बढ़ेंगी तेवर में और तल्खी आ सकती है। आरजेडी प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने बताया कि राजद के सदस्य दोनों सदनों में मौजूद रहकर जन विरोधी नीतियों पर सरकार का दमदारी से विरोध करेंगे। जाहिर है, सियासी घमासान के हालात बनेंगे। इस दौरान सदस्यों के वाणी-व्यवहार और संसदीय आचरण के साथ ही तेवर और सवाल-जवाब करने के तरीके की परीक्षा भी होगी।