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गुजरात से ओडिशा लौट रहे प्रवासी श्रमिकों काे लेकर, सीएम पटनायक ने की केंद्र से ये मांग

गुजरात से चार बसों से ओडिशा लौट रहे हैं प्रवासी श्रमिक गंजाम जिले के हैं इन्‍हें लेकर नवीन पटनायक ने केन्द्र सरकार से एसओपी जारी करने की मांग की है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Tue, 28 Apr 2020 02:56 PM (IST)Updated: Tue, 28 Apr 2020 02:56 PM (IST)
गुजरात से ओडिशा लौट रहे प्रवासी श्रमिकों काे लेकर, सीएम पटनायक ने की केंद्र से ये मांग
गुजरात से ओडिशा लौट रहे प्रवासी श्रमिकों काे लेकर, सीएम पटनायक ने की केंद्र से ये मांग

भुवनेश्वर, जेएनएन। देश के विभिन्न राज्यों में फंसे रहने वाले ओडिआ श्रमिकों को लाने की प्रक्रिया शुरु हो गई है। गुजरात के मुख्यमंत्री के साथ चर्चा होने के बाद आज गुजरात से चार बसों  के जरिए गुजरात से प्रवासी ओडिआ  श्रमिक वापस अपने राज्य लौट रहे हैं। खबर के मुताबिक ये सभी श्रमिक ओडिशा के गंजाम जिले से हैं। ओडिशा  पहुंचने के बाद इन्हें 14 दिन तक क्‍वारंटाइन में रखा जाएगा। सरकार का मानना है कि देश के विभिन्न राज्यों में  रहने वाले लगभग 4 लाख प्रवासी अपने घर लौटने के लिए अपने नाम का पंजीकरण कराया है। इन प्रवासी श्रमिकों को लाने की व्यवस्था सरकार की तरफ से की गई है। 

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मुख्यमंत्री नवीन पटनायक  की  मांग

वहीं दूसरी तरफ प्रवासियों के लिए एसओपी जारी करने एवं अधिक से अधिक नमूना परीक्षण की व्यवस्था करने की मांग ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ हुई चर्चा के दौरान ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने प्रधानमंत्री के सामने यह मांग रखी है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा है कि ओडिशा के बाहर रहने वाले लगभग 4 लाख से अधिक लोगों ने अपने घर लौटने का आग्रह किया है, पंजीकरण भी कर लिया है। इतनी संख्या में लोग किस प्रकार से आएंगे, यह अब सरकार के लिए बड़ी चुनौती है।

स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसिजर (SOP) जारी करने की जरूरत

मुख्यमंत्री ने कहा है कि कौन से राज्य से किस तरह से उन्हें भेंजेगें, अन्य राज्यों में रहने वाले लोग बस, ट्रेन या  हवाई जहाज किस साधन से लौटेंगे, उन्हें क्या नियम मानना होगा, इसके लिए केंद्र सरकार को एक स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) जारी करने की जरूरत है। केवल इतना ही नहीं लोग बस या ट्रेन से लौटते समय रास्ते में किस  प्रकार खाएंगे, कहां पर उनका परीक्षण होगा जैसी अनेकों बातें हैं। यदि केंद्र सरकार प्रत्यक्ष रूप से हस्तक्षेप नहीं करेगी तो फिर किसी भी राज्य के अन्दर समन्वय नहीं हो पाएगा। ऐसे में केंद्र सरकार को इस क्षेत्र में हस्तक्षेप करना  चाहिए। ऐसा होने से लौटने वाले लोगों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी।

अधिक संख्या में हो नमूना परीक्षण

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को प्रस्ताव दिया है कि अधिक संख्या में नमूना परीक्षण करने पर महत्व दिया जाए। राज्य के बाहर से लाखों की संख्या में लोग आएंगे। ओडिशा को जिन राज्यों से लोग आएंगे उन राज्यों में कोरोना संक्रमण अधिक है। ऐसे में यदि उन्हें लाने से पहले उनके स्वाव का टेस्ट नहीं होंगे तो फिर ये लोग संगरोध केंद्र में अन्यों को भी संक्रमित कर देंगे और स्थिति गम्भीर हो जाएगा। राज्य में वर्तमान समय तक लगभग 2000 नमूना परीक्षण हुआ है। मई महीने में यदि 2 लाख लोग आते हैं तो फिर परीक्षण संख्या को गई गुना बढ़ाना होगा।


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