ईयू सांसदों के कश्मीर दौरे पर मायावती ने उठाया सवाल, कहा- अपने सांसदों को भेजते तो होता बेहतर
EU MP Kashmir Visit भारत के दौरे पर आए यूरोपीय संघ के 28 सांसदों को सरकार द्वारा कश्मीर में जाने की इजाजत दिए जाने के फैसले पर बसपा प्रमुख मायावती ने सवाल खड़े किये हैं।
लखनऊ, जेएनएन। भारत के दौरे पर आए यूरोपीय संघ (ईयू) के 28 सांसदों को सरकार द्वारा कश्मीर जाने की इजाजत दिए जाने के फैसले पर बसपा प्रमुख मायावती ने सवाल खड़े किये हैं। यह दल मंगलवार को कश्मीर जा रहा है और वहां के हालात का सीधे तौर पर जायजा लेगा।
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा है कि 'जम्मू-कश्मीर में संविधान की धारा 370 को समाप्त करने के बाद वहां की वर्तमान स्थिति के आकलन के लिए यूरोपीय संघ के सांसदों को कश्मीर भेजने से पहले भारत सरकार यदि अपने देश के खासकर विपक्षी पार्टियों के सांसदों को वहां जाने की अनुमति दे देती तो यह ज्यादा बेहतर होता।
जम्मू-कश्मीर में संविधान की धारा 370 को समाप्त करने के उपरान्त वहाँ की वर्तमान स्थिति के आकलन के लिए यूरोपीय यूनियन के सांसदों को जेके भेजने से पहले भारत सरकार अगर अपने देश के खासकर विपक्षी पार्टियों के सांसदों को वहाँ जाने की अनुमति दे देती तो यह ज्यादा बेहतर होता। — Mayawati (@Mayawati) October 29, 2019
बता दें कि यूरोपीय संघ के सांसदों के दल की नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल से अलग-अलग मुलाकात हुई है। प्रधानमंत्री मोदी ने ईयू सांसदों को विस्तार से बताया है कि भारत ने अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला किन परिस्थितियों में किया और किस तरह सीमा पार से संचालित आतंकवाद से निपटने के लिए यह जरूरी हो गया था। यूरोपीय संघ के सांसदों में छह पोलैंड, छह फ्रांस, पांच ब्रिटेन, चार इटली, दो जर्मनी और एक-एक चेक, बेल्जियम, स्पेन और स्लोवाक के हैं। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पहली बार भारत किसी विदेशी दल को कश्मीर जाने की इजाजत दे रहा है। स्पष्ट किया गया है कि यह ईयू सांसदों का आधिकारिक दल नहीं है, बल्कि ये सांसद निजी तौर पर कश्मीर यात्रा पर जाएंगे।