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मायावती ने उपचुनाव को बनाया प्रतिष्ठा का प्रश्न, पदाधिकारियों से कहा- गांव-गांव जाएं

पहली बार उपचुनाव की जंग में उतर रही बसपा प्रमुख मायावती ने पदाधिकारियों को कसते हुए सर्वसमाज फॉर्मूले को अपनाने के निर्देश दिए।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 02 Jul 2019 08:27 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jul 2019 08:15 AM (IST)
मायावती ने उपचुनाव को बनाया प्रतिष्ठा का प्रश्न, पदाधिकारियों से कहा- गांव-गांव जाएं
मायावती ने उपचुनाव को बनाया प्रतिष्ठा का प्रश्न, पदाधिकारियों से कहा- गांव-गांव जाएं

लखनऊ, जेएनएन। पहली बार उपचुनाव की जंग में उतर रही बसपा प्रमुख मायावती ने पदाधिकारियों को कसते हुए सर्वसमाज फॉर्मूले को अपनाने के निर्देश दिए। विधानसभा क्षेत्र स्तर पर भाईचारा कमेटियों को मजबूती देने के साथ गांव-गांव जाकर सभी वर्गों के बीच पहुंचकर उनका दुख-दर्द बांटने को कहा। भाजपा सरकार को घेरते हुए 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल करने पर भी सवाल उठाया।

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मंगलवार को माल एवेन्यू रोड पर स्थित पार्टी कार्यालय में पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं बुंदेलखंड के नौ मंडलों के पदाधिकारियों की बैठक में बसपा प्रमुख ने गत दिनों में दिल्ली की बैठक में दिए दिशा-निर्देशों के अनुपालन की समीक्षा की। उनका कहना था कि प्रदेश की बिगड़ी कानून-व्यवस्था को मुद्दा बनाते हुए सर्वसमाज में जनाधार बढ़ाने पर फोकस किया जाए। इसके लिए गांवों में पहुंचकर चौपाल व छोटी बैठकों के जरिए सर्वसमाज के दुख-दर्द बांटने का हर संभव प्रयास करें। बदतर कानून व्यवस्था का शिकार गरीब ही नहीं वरन सर्वसमाज के लोग भी हैं। सरकारी कर्मी एवं पुलिस भी असुरक्षित महसूस करते हैं। कानून का डर अपराधियों के दिल से निकल चुका है, क्योंकि ऐसे लोगों को ही सरकारी संरक्षण प्राप्त है।

उपेक्षा के शिकार ही आरक्षण के असल हकदार

मायावती ने आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा को जमकर कोसा। उन्होंने कहा कि एससी,एसटी, ओबीसी वर्गों के लंबित पदों को भरा गया होता तो उपेक्षित वर्ग का भी थोड़ा भला हो जाता। भाजपा के शासन में भी पिछड़े वर्ग की 17 जातियों की और भी ज्यादा दुर्दशा होने वाली है क्योंकि भाजपा के कारण अब ये लोग आरक्षण से वंचित हो जाएंगे। इसके साथ सपा शासन में भी धोखा किया और राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास किया।

प्रतिमाओं के रखरखाव के लिए हर जिले से दस लाख

बैठक में पदाधिकारियों को पार्टी के लिए आर्थिक योगदान देने पर भी जोर दिया गया। समाज के महापुरुषों की प्रतिमाओं के रखरखाव के लिए फंड बनाने की बात कही। हर जिले से दस लाख रुपये की रकम जुटाने का लक्ष्य दिया गया। इसके साथ जिला कार्यालयों के मेंटीनेंस के लिए हर विधान सभा क्षेत्र से प्रति माह एकत्रित होने वाले 20 हजार रुपये जमा न कराने वालों को चेतावनी भी दी गई।

बसपा में अब तीन मंडल का एक जोन

उपचुनाव की तैयारी के लिए बसपा सुप्रीमो ने संगठनात्मक ढांचे में भी बदलाव किया। पांच मंडलों पर एक सेक्टर बनाने के मात्र दो माह के भीतर ही संगठन का स्वरूप फिर बदल दिया गया। अब तीन मंडलों पर एक जोन बनाया है। हर जोन में तीन से चार वरिष्ठ नेताओं प्रभारी बनाया गया है। नौ मंडलों को तीन जोन में विभक्त किया है, जिसमें मेरठ, सहारनपुर व मुरादाबाद जोन में शम्सुद्दीन राइनी व राजकुमार गौतम समेत तीन नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी है। वहीं बरेली, आगरा व अलीगढ़ मंडल वाले जोन में सूरत सिंह व मुनकाद अली समेत चार नेता लगाए गए है। तीसरे जोन में चित्रकूट, झांसी व कानपुर मंडल शामिल होंगे। इसके अलावा विधानसभा क्षेत्र स्तर पर प्रभारी तैनात होंगे। वहीं भाईचारा कमेटियों में सभी वर्गो को प्रतिनिधित्व रहेगा।

जल्द घोषित होंगे उपचुनाव प्रत्याशी

बसपा प्रमुख ने प्रदेश की 12 सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तैयारी में जुटने के निर्देश दिए। उन्होंने स्थानीय नेताओं से जिताऊ व मजबूत प्रत्याशी तलाशने की बात कहीं। उनका कहना था कि उम्मीदवारों कीे घोषणा जल्दी कर दी जाएगी ताकि तैयारियों के लिए पूरा मौका मिल सके। लखनऊ समेत नौ अन्य मंडलों की बैठक छह जुलाई को होगी। चार जुलाई को मप्र के पदाधिकारियों को बुलाया गया है।


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