बोधगया ब्लास्ट का मास्टरमाइंड छत्तीसगढ़ में बना रहा था अलकायदा का जेहादी जत्था
रायपुर के नूरानी चौक निवासी पेशे से शिक्षक उमेर सिद्दीकी को एनआइए ने बोधगया सीरियल ब्लास्ट का मुख्य आरोपी बनाया था।
नईदुनिया, रायपुर। वर्ष 2013 में देश को हिला देने वाले बोधगया और पटना सीरियल ब्लास्ट का मास्टरमाइंड रायपुर का उमेर सिद्दीकी छत्तीसगढ़ में अलकायदा का जेहादी जत्था तैयार कर रहा था। उसे व रायपुर के ही अजहरद्दीन समेत पांच आतंकियों को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) कोर्ट से सजा सुनाए जाने के बाद पुलिस सतर्क हो गई है। आतंकियों के पुराने साथियों पर नजर रखी जा रही है।
- आतंकियों को सजा सुनाए जाने के बाद रायपुर पुलिस सतर्क
- आतंकियों के पुराने साथियों पर रखी जा रही है नजर
रायपुर के नूरानी चौक निवासी पेशे से शिक्षक उमेर सिद्दीकी को एनआइए ने बोधगया सीरियल ब्लास्ट का मुख्य आरोपी बनाया था। उमेर ने 27 अक्टूबर, 2013 को पटना में हुए बम ब्लास्ट में भी अहम भूमिका निभाई थी। एनआइए की तफ्तीश में यह साफ हुआ था कि बोधगया ब्लास्ट का मुख्य आरोपित हैदर अली उर्फ अब्दुल्लाह और उसके दूसरे साथी उमेर सिद्दीकी रायपुर के मुस्लिम युवकों का माइंड वॉश करने में लगे थे।
सिमी से जुड़े ये आतंकी युवकों को जेहाद की ट्रेनिंग देकर अफगानिस्तान भेजते और फिर आतंकवादी संगठन अल-कायदा के लिए काम करवाते। रायपुर में रह कर उसने एक जेहादी जत्था भी तैयार कर लिया था, जिसमें अम्मार, सुभान, मोहम्मद अली, मोहम्मद दाउद खान और अजहरद्दीन कुरैशी नाम के युवक शामिल थे। इनके साथ 16 लोगों को रायपुर पुलिस ने बाद में गिरफ्तार कर लिया था।
एनआइए की चार्जशीट में बोधगया और पटना ब्लास्ट के छत्तीसगढ़ कनेक्शन को लेकर चौंका देने वाली बातें सामने आई थीं। जांच में रायपुर के ही एक सिंधी समुदाय के धार्मिक नेता के माध्यम से उमेर सिद्दीकी ने पाकिस्तान के कराची स्थित बैंक अल्फाला में जेर अली खान के खाते में तीन लाख रुपये भिजवाए थे। यह पैसा वाया पाकिस्तान, अफगानिस्तान जाना था। पूछताछ में भी आतंकियों ने ब्लास्ट के बाद अफगानिस्तान भागने की बात स्वीकार की थी।
2014 में मोदी की सभा में विस्फोट की बनाई थी योजना
उमेर सिद्दीकी और हैदर अली उर्फ अब्दुल्लाह की मुलाकात 2010 में सिमी नेता इकरार शेख और अबू फैसल ने कराई थी। यह दोस्ती कुछ समय बाद परवान चढ़ी और हैदर बार-बार रायपुर आने लगा। उसने 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में आयोजित नरेंद्र मोदी की सभा में विस्फोट की योजना भी बनाई थी, लेकिन इसमें वे कामयाब नहीं हो सके थे।