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CAA and NRC: ममता ने कहा- भाजपा को फंड देने वाले विदेशियों को नागरिकता देने की साजिश है सीएए

तृणमूल प्रमुख ने आरोप लगाया कि जो लोग उन्हें विदेशी फंड मुहैया कराने और काले धन को सफेद करने में मदद कर रहे हैं उन्हें नागरिकता प्रदान की जा रही है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 15 Jan 2020 09:05 AM (IST)Updated: Wed, 15 Jan 2020 09:05 AM (IST)
CAA and NRC: ममता ने कहा- भाजपा को फंड देने वाले विदेशियों को नागरिकता देने की साजिश है सीएए
CAA and NRC: ममता ने कहा- भाजपा को फंड देने वाले विदेशियों को नागरिकता देने की साजिश है सीएए

कोलकाता, जागरण संवाददाता। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर एक बार फिर भाजपा पर हमला बोला और कहा कि सीएए वास्तविक नागरिकों की नागरिकता को छीनने जबकि भाजपा को वित्तीय मदद करने वाले विदेशियों को नागरिकता देने का षड्यंत्र है। तृणमूल प्रमुख ने आरोप लगाया कि जो लोग उन्हें विदेशी फंड मुहैया कराने और काले धन को सफेद करने में मदद कर रहे हैं उन्हें नागरिकता प्रदान की जा रही है। सबसे पहले यूपी में सीएए लागू करने को लेकर ममता ने वहां के सीएम योगी आदित्यनाथ पर भी निशाना साधा।

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सीएए के खिलाफ महानगर के रानी रासमणि एवेन्यू में शुक्रवार से जारी तृणमूल छात्र परिषद के धरना मंच से बोलते हुए सुश्री बनर्जी ने कहा कि सीएए के अंतर्गत असल नागरिकों की नागरिकता छीनने की नीति बनाई गई है जबकि नागरिकता उन विदेशियों को दी जा रही है जिन्होंने भाजपा को धन मुहैया कराने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने एक बार फिर दोहराया कि वे बंगाल में सीएए-एनपीआर-एनआरसी लागू नहीं होने देंगी।

वहीं, उत्तर प्रदेश में सर्व प्रथम सीएए लागू करने को लेकर ममता ने वहां के सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा और कहा कि कानून को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है लेकिन योगी जी ने अकेले यूपी से 30 हजार शरणार्थियों को खोज निकाला है। अक्टूबर 2019 में आतंकवादियों द्वारा कश्मीर के कुलगाम में छह बंगाली मजदूरों की हत्या का जिक्र करते हुए तृणमूल सुप्रीमो ने कहा कि यहां बंगाल में अन्य राज्यों से अधिक लोग सुरक्षित हैं। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या उनका (भाजपा) पाकिस्तान के साथ कोई समझौता है या फिर पीएम पाकिस्तान के ब्रांड एंबेसडर हैं।

पीएम नरेंद्र मोदी के दो दिन पहले कोलकाता दौरे की ओर इशारा करते हुए सुश्री बनर्जी ने कहा कि हम जानते हैं कि मेहमानों का कैसे स्वागत किया जाता है, हम अपने दुश्मनों के साथ भी विनम्र व्यवहार करते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम शिष्टाचार दिखाते रहें और हमारे प्रतिनिधियों को जम्मू, गुवाहाटी और जेएनयू में प्रवेश नहीं करने दिया जाय। 


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