ममता बनर्जी ने कहा- भाजपा के लिए न छोड़ें एक इंच भी राजनीतिक जमीन
ममता बनर्जी ने पार्टी विधायकों को दिया निर्देश- भाजपा के लिए एक इंच राजनीतिक जमीन भी न छोड़ें और उसकी गतिविधियों का मुकाबला करने के लिए अभियान चलाएं।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। भाजपा के लिए एक इंच राजनीतिक जमीन भी न छोड़ें और उसकी गतिविधियों का मुकाबला करने के लिए अभियान चलाएं। मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने गुरुवार को पार्टी विधायकों को यह निर्देश दिया।
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की मौजूदगी में पार्टी मुख्यालय तृणमूल भवन में विधायकों को संबोधित करते हुए ममता ने जिलों के नेताओं से कहा कि वे बार-बार कोलकाता आने के बजाय अपने क्षेत्र के विकास पर ध्यान दें। उन्होंने विधायकों को हर क्षेत्र में चार सदस्यीय टीम बनाने को कहा ताकि अगर वे कोलकाता में भी रहें तो उन्हें अपने क्षेत्र की तमाम घटनाओं की जानकारी मिलती रहे।
2021 के लिए सुझाया फार्मूला
पार्टी सूत्रों ने बताया कि बंद कमरे में हुई बैठक में ममता ने 2021 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा का हर क्षेत्र में प्रभावी रूप से मुकाबला करने की जरुरत बताई। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा उनके क्षेत्र में कोई कार्यक्रम करता है तो अगले दिन उसका मुकाबला करने के लिए तृणमूल की ओर से भी वहां कार्यक्रम आयोजित किया जाना चाहिए।
टीम के संपर्क में रहेंगे पार्टी के उच्च पदाधिकारी
ममता ने विधायकों से कहा कि चार सदस्यीय जो टीम गठित होगी, उसमें दो बूथ स्तर के कार्यकर्ता, एक सोशल मीडिया कार्यकर्ता और एक जिला स्तरीय अधिकारी शामिल होना चाहिए। पार्टी ऐसे कार्यकर्ताओं की तस्वीर और टेलीफोन नंबर के साथ डेटाबेस तैयार करेगी। पार्टी के उच्च पदाधिकारी सीधे निर्वाचन क्षेत्र में टीम से संपर्क करेंगे। टीम के सदस्य मतदाताओं की शिकायतें सुनेंगे।
बैठक में शामिल होने प्रशांत किशोर ममता के सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी के साथ पहुंचे थे। बैठक शुरू होने के कुछ समय बाद वे वहां से निकल गए। माना जा रहा है कि टीम बनाने का सुझाव प्रशांत किशोर ने ही दिया है। दरअसल वे लोकसभा चुनाव में तृणमूल के खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी को चंगा करने में जुटे हैं।
लोकसभा चुनाव में भाजपा ने बंगाल में भी शानदार प्रदर्शन करते हुए 18 सीटें जीती है जबकि तृणमूल 22 पर सिमट गई है। इसके बाद से ममता लगातार विभिन्न जिलों के पार्टी नेतृत्व के साथ बैठक कर रही हैं। इस बीच वह विधानसभा सत्र के दौरान भी विस स्थित अपने कक्ष में विभिन्न जिलों के पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर उन्हें दिशानिर्देश दिए थे।