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ममता सरकार कोविड-19 संकट से निपटने में विफल, चुनाव में चुकानी पड़ेगी कीमत : कैलाश विजयवर्गीय

कैलाश विजयवर्गीय ने शनिवार को आरोप लगाया कि कोविड-19 महामारी और प्रवासी श्रमिकों के संकट से निपटने में पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पूरी तरह से विफल रही है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Sat, 16 May 2020 09:26 PM (IST)Updated: Sat, 16 May 2020 09:26 PM (IST)
ममता सरकार कोविड-19 संकट से निपटने में विफल, चुनाव में चुकानी पड़ेगी कीमत : कैलाश विजयवर्गीय
ममता सरकार कोविड-19 संकट से निपटने में विफल, चुनाव में चुकानी पड़ेगी कीमत : कैलाश विजयवर्गीय

राज्य ब्यूरो,  कोलकाता : भारतीय जनता पार्टी  के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने शनिवार को आरोप लगाया कि कोविड-19 महामारी और प्रवासी श्रमिकों के संकट से निपटने में पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पूरी तरह से विफल रही है। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस को राज्य में अगले विधानसभा चुनाव में इसके लिए ‘‘भारी कीमत चुकाने’’ के लिए तैयार रहना होगा और कोई ‘‘पीआर एजेंसी’’ या चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर इस पार्टी को नहीं बचा पायेंगे। विजयवर्गीय ने कांग्रेस की इस आलोचना को भी खारिज कर दिया कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए लगाये गये लॉकडाउन की योजना खराब थी।

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उन्होंने आरोप लगाया कि यह पार्टी ‘‘राजनीतिक रूप से दिवालिया’’ हो चुकी है और ‘‘ तृणमूल जैसे भ्रष्ट क्षेत्रीय दलों’’ की ओर देख रही हैं। उन्होंने कोरोना वायरस संकट से प्रभावी ढंग से निपटने में ‘‘विफल’’ रहने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की। उन्होंने उन आरोपों को खारिज किया कि भगवा पार्टी बंगाल सरकार को राजनीतिक कारणों से निशाना बना रही है। विजयवर्गीय ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हम संकट के समय राजनीति करने में विश्वास नहीं करते हैं। लेकिन बंगाल में संकट से निपटने के नाम पर ममता बनर्जी जो कर रही हैं, वह निंदनीय है।’’

उन्होंनें कहा, ‘‘वे मरीजों का इलाज करने के बजाय आंकड़ों को छिपाने में अधिक रूचि ले रहे हैं। अब, जब उनके झूठ का पर्दाफाश हो गया तो वह (बनर्जी) नौकरशाहों को हटा रही है। ‘‘कोविड-19 और प्रवासी श्रमिकों के संकट से निपटने में विफल रहने के लिए तृणमूल कांग्रेस को पश्चिम बंगाल में 2021 के विधानसभा चुनाव में भारी कीमत चुकानी होगी।’’ सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में अनियमितताओं के आरोप पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने स्वयं के ‘‘राजनीतिक हितों’’ को पूरा करने के लिए केंद्रीय सहायता को अवरुद्ध करके राज्य के गरीब लोगों को ‘‘भूखा रखना’’ पसंद करती है।


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