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Making of UP Budget 2020 : 22 करोड़ जनता की खातिर 17 दिन जूझे अनुभव के तीन दशक

Making of UP Budget 2020 22 करोड़ आबादी की उम्मीद भरी निगाहों का बोझ कैसे सफलता के पार लगाया जाता है इसे समझने के लिए मेकिंग ऑफ बजट को एक अध्याय मानिए।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sun, 23 Feb 2020 05:53 PM (IST)Updated: Sun, 23 Feb 2020 06:00 PM (IST)
Making of UP Budget 2020 : 22 करोड़ जनता की खातिर 17 दिन जूझे अनुभव के तीन दशक
Making of UP Budget 2020 : 22 करोड़ जनता की खातिर 17 दिन जूझे अनुभव के तीन दशक

लखनऊ [अजय जायसवाल]। Making of UP Budget 2020 : राजनीति के कुरुक्षेत्र में तीन दशक से खड़े इस शख्स के पास चुनौतियों से जूझने का माद्दा है तो सफलता को सहजता से संभालने का सलीका भी। सियासी सीढ़ियों पर न जाने कितनों को अपनी अंगुली थमाकर चढ़ाया भी, मगर 22 करोड़ आबादी की उम्मीद भरी निगाहों का बोझ कैसे सफलता के पार लगाया जाता है, इसे समझने के लिए 'मेकिंग ऑफ बजट' को एक अध्याय मानिए।

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बतौर वित्त मंत्री पहली बार बजट तैयार करने वाले सुरेश कुमार खन्ना, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सतत मंथन करते हैं। अर्थ-तंत्र पर खुद का स्पष्ट नजरिया है, फिर भी जिज्ञासु शिष्य 'एकलव्य की भांति प्रख्यात अर्थशास्त्री और केंद्रीय वित्त मंत्री रहे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यपाल एनडी तिवारी के बजट भाषण को पलटने में उन्हें कोई संकोच नहीं होता। 17 दिन की कार्य-साधना से यूं तैयार हुआ एतिहासिक बजट।

अगले वित्तीय वर्ष के लिए रिकॉर्ड पांच लाख करोड़ रुपये से अधिक के बजट को पेश करने वाले 66 वर्षीय सुरेश कुमार खन्ना कहते हैैं कि उत्तर प्रदेश के समग्र विकास की दृष्टि से बजट बनाना चुनौतीपूर्ण था, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल निर्देशन में हम प्रदेशवासियों को एक बेहतर बजट मुहैया करा सके। अर्थशास्त्र में स्नातक और कानून की पढ़ाई किए खन्ना का स्पष्ट मानना है कि प्रस्तुत बजट, समाज के सर्वांगीण विकास में अहम भूमिका निभाने वाला है।

खुद बताते हैैैं कि बजट को अंतिम रूप देने से पहले उन्होंने एनडी तिवारी द्वारा पेश किए बजट भाषण को तो देखा ही, केंद्रीय वित्तमंत्री रहते मनमोहन सिंह और प्रणब मुखर्जी द्वारा पेश किए गए बजट का भी कुछ अध्ययन किया। वह मानते हैं कि बेहतर बजट वही है, जिससे मनी सर्कुलेशन में रहे और काम होते रहें। इकोनॉमी की मजबूती के लिए यह बेहद जरूरी भी है।

बजट में सभी वर्गों का ध्यान रखते हुए उन्होंने इसका भी पूरा ख्याल रखा कि चल रही योजनाएं-परियोजनाएं बीच में दम न तोडऩे पाएं। खन्ना कहते हैैं कि युवाओं पर फोकस योगी सरकार के चौथे बजट से राज्य में रोजगार के अपार अवसर आएंगे। विकास को गति मिलेगी, चिकित्सा सेवा बेहतर होगी और त्वरित व सस्ता-सुलभ न्याय दिलाने की दिशा में भी तमाम काम होंगे।

खंगालीं शायरों की सौ रचनाएं

बजट की नीरसता दूर करने के लिए खन्ना ने कई मशहूर शायरों की 100 से अधिक रचनाएं खंगाली और उनमें से उपयुक्त व चुनिंदा पंक्तियों को अपने बजट भाषण में स्थान दिया।

सवाल के बजाय सुझाव देते

मायावती-अखिलेश द्वारा बजट पर सवाल उठाए जाने से नाराजगी भरे लहजे में खन्ना कहते हैैं कि सवाल उठाने से पहले वे हमारे 36 पेज के बजट भाषण को ही पढ़ लेते। ऐसा लगता है कि बजट पेश होने से पहले ही विपक्ष ने प्रतिक्रिया तैयार कर ली थी। बेहतर होता बजट पर सवाल उठाने के बजाय सभी संकीर्णताएं त्याग कर राज्य के विकास और राष्ट्रीय विकास में सहभागी बनने को सुझाव देते।

हम विभागवार चर्चा को तैयार

हाल के वर्षों में किसी न किसी कारण से एक झटके में सभी विभागों के बजट बिना चर्चा पारित होने पर विपक्ष की आपत्ति पर खन्ना कहते हैैं कि उनकी सरकार तो इसके लिए पूरी तरह से तैयार है। मुख्यमंत्री भी इस बारे में सदन में कह चुके हैं। विभागवार बजट पर चर्चा व उसे पारित कराने में सहयोग तो विपक्ष को करना है।

परिस्थितियां बताएंगी फोकस

जिस तरह से योगी सरकार का चौथा बजट युवाओं के विकास पर आधारित है वहीं पांचवें और अंतिम बजट के फोकस के सवाल पर वित्त मंत्री कहते हैं कि इस बारे में अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। भविष्य में परिस्थिति देखकर ही सब कुछ तय होगा।

कई विभागों का है अनुभव

कल्याण सिंह से लेकर राजनाथ सिंह, रामप्रकाश गुप्ता, मायावती और वर्तमान में योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में शामिल खन्ना पूर्व में आवास, नगर विकास, जलापूर्ति, नियोजन, पर्यटन आदि विभागों का दायित्व संभालने के बाद वर्तमान में वित्त मंत्री के साथ ही संसदीय कार्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग की भी जिम्मेदारी संभाल रहे हैैं। 1989 में पहली बार शाहजहांपुर विधानसभा क्षेत्र से दसवीं विधानसभा के सदस्य बने खन्ना 2017 में लगातार आठवीं बार चुने गए हैं।


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