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Maharashtra: राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पैदल शिवनेरी किले पर पहुंचे, कहा- हम छोटे लोग हैं; चलकर ही आ गए

Shivneri Fort महाराष्ट्र के ऐतिहासिक शिवनेरी किले में ही 19 फरवरी 1630 को छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म हुआ था। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी यहां पैदल पहुंचे।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 16 Aug 2020 07:23 PM (IST)Updated: Sun, 16 Aug 2020 07:23 PM (IST)
Maharashtra: राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पैदल शिवनेरी किले पर पहुंचे, कहा- हम छोटे लोग हैं; चलकर ही आ गए
Maharashtra: राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पैदल शिवनेरी किले पर पहुंचे, कहा- हम छोटे लोग हैं; चलकर ही आ गए

मुंबई, राज्य ब्यूरो। Shivneri Fort: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी समुद्र तल से 3500 फुट की ऊंचाई पर स्थित सुप्रसिद्ध शिवनेरी किले तक पैदल चल कर पहुंचे। महाराष्ट्र के इस ऐतिहासिक किले में ही 19 फरवरी, 1630 को छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म हुआ था। सामान्यतः महाराष्ट्र के राजनेता इस किले तक जाने के लिए हेलीकॉप्टर का सहारा लेते हैं, लेकिन उत्तराखंड के निवासी व वहां के मुख्यमंत्री रहे 78 वर्षीय कोश्यारी ने इस किले तक सीढ़ियों से जाने का निश्चय किया। पिछले वर्ष शिवसेना अध्यक्ष (अब मुख्यमंत्री) उद्धव ठाकरे इसी किले की मिट्टी लेकर श्रीरामजन्मभूमि के दर्शन करने अयोध्या गए थे। यह किला पुणे जनपद के जुन्नर तालुका में स्थित है। किले पर पहुंचने के बाद कोश्यारी ने कहा कि लोग यहां हेलीकॉप्टर से आते हैं। हम छोटे लोग हैं। चलकर ही आ गए।

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गौरतलब है कि गत मई में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भी राजभवन के खर्च में कटौती की घोषणा की है। इस क्रम में पूरे वित्तीय वर्ष तक न तो राजभवन के लिए नई कार खरीदी जाएगी, न ही अतिथियों को गुलदस्ते व उपहार दिए जाएंगे। इनके अलावा कई अन्य उपाय भी किए जाएंगे, जिनके जरिये राजभवन का खर्च 10-15 फीसद कम किया जा सकेगा। राजभवन की तरफ से जारी बयान के अनुसार, राज्यपाल ने आदेश दिया है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष के दौरान कोई भी नया पूंजीगत कार्य शुरू नहीं किया जाएगा। इसके अलावा राजभवन में कोई नया निर्माण या मरम्मत का काम भी नहीं किया जाएगा। केवल उन्हीं कार्यों को पूरा किया जाएगा जो प्रगति पर हैं।

कोश्यारी ने स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में राजभवन में दिए जाने वाले रिसेप्शन को भी रद करने का निर्देश दिया था। अगले आदेश तक राजभवन में नई नियुक्तियां भी रोक दी गई हैं। राजभवन के लिए नई कार की खरीद के प्रस्ताव को भी टाल दिया गया है। अगले आदेश तक अति महत्वपूर्ण अतिथियों के स्वागत के दौरान गुलदस्ता देने व विदाई के वक्त उपहार देने की परिपाटी भी फिलहाल स्थगित रहेगी। राजभवन के अतिथिगृह की साजसज्जा में फूलों और फलों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।

राज्यपाल ने कुलपतियों और अन्य अधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठक आयोजित करने का निर्देश दिया है, ताकि आने-जाने आदि में होने वाले खर्च में कमी आए। उल्लेखनीय है कि राज्यपाल कोश्यारी एक महीने का अपना वेतन पीएम केयर्स फंड को दान दे चुके हैं। उन्होंने एक साल तक इस फंड में हर महीने अपने वेतन का 30 फीसद दान करने का भी फैसला किया है। राज्यपाल ने कहा था कि मितव्ययता के ये उपाय बहुत छोटे हैं, लेकिन संसाधनों की बचत में बड़ा योगदान दे सकते हैं। इन संसाधनों का कोरोना संक्रमण के कारण पैदा हुई स्थितियों को झेल रहे लोगों की मदद में इस्तेमाल किया जा सकेगा।


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