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UP: नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने सीएम योगी को लिखा पत्र, कहा- भर्तियों में कॉन्ट्रैक्ट व्यवस्था से बढ़ेगा शोषण

नेता विरोधी दल राम गोविंद चौधरी ने कहा कि सरकारी नौकरियों की कॉन्ट्रैक्ट भर्ती प्रक्रिया में परीक्षा उत्तीर्ण कर अभ्यर्थी कॉन्ट्रैक्ट में आएगा और फिर हर छह माह में परीक्षा देगा।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 02:29 AM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 02:29 AM (IST)
UP: नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने सीएम योगी को लिखा पत्र, कहा- भर्तियों में कॉन्ट्रैक्ट व्यवस्था से बढ़ेगा शोषण
UP: नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने सीएम योगी को लिखा पत्र, कहा- भर्तियों में कॉन्ट्रैक्ट व्यवस्था से बढ़ेगा शोषण

लखनऊ, जेएनएन। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर समूह 'ख' व 'ग' के रिक्त पदों पर कॉन्ट्रैक्ट भर्ती करने की प्रस्तावित नियमावली को दोषपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि इससे शोषण को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने प्रस्तावित नियमावली रोकने की मांग करते हुए कहा कि यह प्रक्रिया प्रदेश के शिक्षित बेरोजगार नवयुवकों के लिए अभिशाप साबित होगी और रोजगार की बाट जोह रहे लाखों युवाओं व शिक्षारत छात्रों को हतोत्साहित करेगी।

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नेता विरोधी दल राम गोविंद चौधरी ने कहा कि सरकारी नौकरियों की कॉन्ट्रैक्ट भर्ती प्रक्रिया में एक परीक्षा उत्तीर्ण कर अभ्यर्थी कॉन्ट्रैक्ट में आएगा और उसके बाद हर छह माह में परीक्षा देगा। यानी एक युवा को 11 बार परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। इस दौरान उसका आर्थिक और मानसिक उत्पीड़न होगा। पांच साल तक अल्पवेतन पर एक गुलाम की भांति जब नवनियुक्त कर्मचारी काम करेगा तो हर वक्त नौकरी खत्म होने के भय से उसमें भ्रष्ट मानसिकता उत्पन्न होगी।

नेता विरोधी दल राम गोविंद चौधरी ने कहा कि मृतक आश्रित कोटे में नौकरी इसलिए दी जाती है कि सरकार के प्रति पूरा जीवन समर्पित करने वाले कर्मचारी की यदि मृत्यु हो जाती है तो परिवार को कोई कष्ट न हो और उसका भरण-पोषण होता रहे। यदि उसके परिवार को इस प्रक्रिया से जोड़ा गया तो निश्चित रूप से वह परिवार तंगहाली से गुजरेगा और आश्रित को नौकरी मिलने के बाद दक्षता परीक्षा में अनुत्तीर्ण कर बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। भाजपा के चुनावी वादों से इन बेरोजगार नवयुवकों ने बड़े सपने देखे थे, जो अब टूट चुके हैं। यह बेरोजगार नवयुवकों के लिए छलावा है। इससे युवा आंदोलन को विवश हो रहे हैं।


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