लालू प्रसाद यादव ने राहुल गांधी के इस्तीफे की पेशकश को आत्मघाती करार दिया
Lalu Prasad Yadav. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफे की पेशकश को आत्मघाती करार दिया है।
नई दिल्ली, एजेंसियां। लोकसभा चुनाव 2019 में हार के बाद एक ओर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस्तीफे पर अड़े हुए हैं। वहीं, दूसरी ओर राहुल गांधी के इस फैसले को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो व बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव ने आत्मघाती करार दिया है।
लालू प्रसाद यादव ने मंगलवार को अपने ट्वीट में लिखा है राहुल गांधी के इस्तीफे की पेशकश आत्मघाती है। विपक्ष का एकमात्र लक्ष्य भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता से हटाना था, लेकिन हम इसे राष्ट्रीय धारणा बनाने में असफल रहे। एक चुनाव के परिणाम से देश की वास्तविक्ता नहीं बदल सकती है।
इस्तीफे पर अड़े राहुल गांधी ने बढ़ाई कांग्रेस की मुश्किल
चुनावी शिकस्त के बाद जबरदस्त अंदरूनी हलचल का सामना कर रही कांग्रेस की मुश्किल राहुल गांधी के रख के चलते फिलहाल कम होती नहीं दिख रही है। पार्टी नेताओं के आग्रह के बावजूद राहुल कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने पर अड़े हैं। मनाने की कोशिश कर रहे नेताओं को उन्होंने स्पष्ट संदेश दे दिया है कि पार्टी को अब नए अध्यक्ष की तलाश कर लेनी चाहिए। वह नेताओं से भी कम मिल रहे हैं। सोमवार को तो उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने से इनकार कर दिया, जबकि मुलाकात पहले से तय थी। गहलोत को पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल से मिलने को कह दिया।
राहुल ने जताई थी नाराजगी
लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद 25 मई को हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में राहुल ने इस्तीफे की पेशकश की थी। उन्होंने बैठक में ही परोक्ष रूप से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम की भूमिका पर असंतोषष और रोषष जताया था। कहा कि इन नेताओं ने पार्टी की बजाय परिवार पर ज्यादा ध्यान दिया। कार्यसमिति की बैठक में राहुल ने यह भी संदेश दे दिया था कि पार्टी के नए अध्यक्ष के लिए गांधी परिवार के बाहर के चेहरे के विकल्प पर ही गौर करना होगा। इस तरह अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा को अध्यक्ष बनाने की कांग्रेस नेताओं की किसी पहल पर उन्होंने पहले ही ब्रेक लगा दिया था।
मनाने पहुंचे अहमद और वेणुगोपाल
पार्टी नेताओं की तरफ से सोमवार को वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और केसी वेणुगोपाल ने राहुल गांधी से मुलाकात की। बताया जाता है कि इन दोनों ने राहुल से इस्तीफा वापस लेने की पार्टीजनों की भावना को देखते हुए उनसे अपना इरादा बदलने का आग्रह किया। मगर राहुल ने स्पष्ट कह दिया कि वो अपना इरादा तय कर चुके हैं और पार्टी को नए अध्यक्ष की तलाश करनी चाहिए। लेकिन कांग्रेस मौजूदा हालत में राहुल का विकल्प तलाशने के लिए अभी तैयार नहीं दिख रही। हालांकि अहमद पटेल ने ट्वीट कर कहा कि कार्यसमिति की बैठक से पहले ही उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष से प्रशासनिक कामकाज के मसले पर चर्चा के लिए समय मांगा था। सोमवार की मुलाकात इसी संदर्भ में हुई थी। इस बैठक को लेकर जो भी अटकलें लगाई जा रही हैं, वे गलत और आधारहीन हैं।
राजस्थान में मंत्रियों ने भी ठनी रार, एक ने दिया इस्तीफा
रविवार देर रात जहां सीएम अशोक गहलोत के करीबी प्रदेश के कृषिष मंत्री लालचंद कटारिया ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। जबकि उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के समर्थक माने जाने वाले दो मंत्रियों- खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा तथा सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने भी गहलोत पर सवाल उठाए हैं। इन्होंने कहा कि राज्य में पार्टी के सफाए की गहरी प़़डताल की खुली वकालत की है।
मीणा ने कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं होने और नौकरशाही के हावी होने की शिकायत की। आंजना का कहना है कि राहुल गांधी की शिकायत ठीक है कि यदि गहलोत ने अपने बेटे वैभव के क्षेत्र जोधपुर से इतर ज्यादा समय देते तो परिणाम कुछ अलग होता। नेताओं को आत्मचिंतन करना चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष को कुछ भी कहने का अधिकार : गहलोत
उधर, गहलोत ने दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए कहा कि जब पार्टी की हार का पोस्टमार्टम हो रहा है तो राहुल गांधी को कुछ भी कहने का अधिकार है, क्योंकि वह कांग्रेस अध्यक्ष हैं।
'नैतिक जिम्मेदारी' के नाम पर लगी इस्तीफों की झड़ी
दूसरी ओर, हार की 'नैतिक जिम्मेदारी' के नाम पर नेताओं के इस्तीफे की झ़़डी लग गई है। इस क्रम में झारखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने भी सूबे में पार्टी के दयनीय प्रदर्शन के बाद अपना इस्तीफा हाईकमान को भेज दिया है। पंजाब कांग्रेस के प्रमुख सुनील जाख़़ड ने राज्य में पार्टी के अच्छे प्रदर्शन के बावजूद गुरदासपुर में अपनी हार के मद्देनजर इस्तीफा दे दिया है। असम कांग्रेस के अध्यक्ष रिपुन बोरा ने भी त्यागपत्र नेतृत्व को भेज दिया है। इसके पहले उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राज बब्बर और ओडिशा के पार्टी अध्यक्ष निरंजन पटनायक भी इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं। दिल्ली की अध्यक्ष शीला दीक्षित भी सौंप चुकी हैं। इस तरह विभिन्न प्रदेशों के 13 नेताओं ने इस्तीफा भेजा है।
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