जासं, तिसरी (गिरिडीह) : राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की घोषणा का असर अब दिखने लगा है। पिछले दिनों मरांडी ने ढिबरा को लेकर प्रदर्शन करने की बात खुले मंच से कही थी। दो दिन पूर्व तिसरी में आयोजित भाजपा की जन आक्रोश रैली के दौरान मरांडी ने कहा था कि सरकार से ढिबरा खनन व बिक्री को सरकारी मान्यता दिलाने के लिए आंदोलन करना होगा। रोजी-रोजगार के अभाव में परेशान जनता थानसिंह में आयोजित सरकार आपके द्वार में ढिबरा लेकर पहुंचे और अधिकारी को उनसे ढिबरा खरीदने को विवश करें।
इस बीच सोमवार को थानसिंगडीह पंचायत सचिवालय भवन नारोटांड़ में आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार शिविर का आयोजन किया गया था, इसी शिविर में अन्य लाभुकों की तरह भाजपा नेता अशोक उपाध्याय व उदय साव के नेतृत्व में क्षेत्र के दर्जनों मजदूर टोकरी में ढिबरा लेकर बीडीओ व सीओ के पास अपनी फरियाद लेकर पहुंचे थे। लोगों ने दोनों अधिकारियों से ढिबरा बेचने का आग्रह किया। लोगों ने बताया कि उनके रोजगार का एकमात्र साधन ढिबरा है। इसे वे लोग रैयती व गैरमजरूआ जमीन पर चुन कर बाजार में बेचने का काम करते हैं, जबकि वन विभाग के कर्मी व अधिकारी ऐसे व्यवसायी पर प्राथमिकी दर्ज कर देते हैं। इस कारण अब ढिबरा को कोई खरीदने वाला नहीं है। नतीजतन गरीबों की बड़ी आबादी भुखमरी के कगार पर है। बच्चों के साथ घर-बार चलना मुश्किल हो गया है।