Kisan Mahapanchayat: करनाल किसान महापंचायत को लेकर कोर्ट का आदेश, जानिए कोर्ट ने क्या कहा
किसान महापंचायत को लेकर करनाल सिविल कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि नेशनल हाईवे स्टेट हाईवेअन्य स्थानीय सड़क शहर की गलियाें और आम आदमी के मकान के साथ लघु सचिवालय न्यायालय परिसर सार्वजनिक सम्पत्ति आदि को नुकसान पहुंचाया जाता है तो आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी।
करनाल, जागरण संवाददाता। किसान महापंचायत के तहत सात सितम्बर को आहुत लघु सचिवालय के घेराव को देखते हुए शहर में किसी भी प्रकार की जान-माल की हानि न हो और आम जनता को परेशानी ना आए, इसके लिए न्यायालय ने आदेश जारी किए हैं। इसके तहत कहा गया है कि हाईवे या सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर पुलिस प्रशासन आवश्यक कार्रवाई अमल में लाए।
किसान शांतिपूर्ण ढंग से करें प्रदर्शन
शहरवासी रणदीप ने करनाल सिविल कोर्ट में न्यायाधीश सिविल जज सीनियर डिवीजन हरीश गोयल की कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने आदेश दिए हैं कि भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी, चढ़ूनी ग्रुप के जिलाध्यक्ष अजय राणा, भारतीय किसान यूनियन मान ग्रुप के प्रदेश अध्यक्ष रतन सिंह मान, भारतीय किसान यूनियन केहर सिंह ग्रुप के प्रदेश अध्यक्ष केहर सिंह आर्य, अन्नदाता किसान संगठन के गुरमुख सिंह तथा गन्ना संघर्ष समिति के प्रधान रामपाल चहल की ओर से सात सितंबर को किसान संगठन शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करते हैं तो जिला प्रशासन प्रदर्शन का स्थान दे सकता है।
नुकसान पहुंचाया तो होगी कार्रवाई
न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि यदि नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे, अन्य स्थानीय सड़क, शहर की गलियाें और आम आदमी के मकान के साथ लघु सचिवालय, न्यायालय परिसर, सार्वजनिक सम्पत्ति आदि को नुकसान पहुंचाया जाता है तो पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया व जिला उपायुक्त निशांतयादव शांति बनाए रखने के लिए इन्हें ऐसा करने से रोक सकते हैं। किसी भी व्यक्ति को इस दौरान शांति भंग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।