Maharashtra: जेपी नड्डा बोले, महाराष्ट्र में अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी करे भाजपा
JP Nadda भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार का उद्देश्य सिर्फ अपना स्वार्थ सिद्ध करना भर है। यह अपने ही अंतर्विरोधों से जूझती सरकार है।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी की महाराष्ट्र इकाई से अगला चुनाव अकेले लड़ने की तैयारी करने को कहा है। वह सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए महाराष्ट्र प्रदेश कार्यकारिणी को संबोधित कर रहे थे। महाराष्ट्र में चल रही महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार को एक अपवित्र गठबंधन करार देते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि इस सरकार का उद्देश्य सिर्फ अपना स्वार्थ सिद्ध करना भर है। यह अपने ही अंतर्विरोधों से जूझती सरकार है। हमें अपने आईटी सेल को और मजबूत कर इस सरकार की असफलताओं को उजागर करना चाहिए।
माना जा रहा है कि कोविड-19 के बाद की परिस्थितियों का अनुमान लगाते हुए ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल से पार्टी के आईटी सेल को मजबूत करने का आह्वान किया है। क्योंकि भविष्य में कोरोना के कारण प्रत्यक्ष राजनीतिक रैलियां करना शायद संभव नहीं होगा। ऐसे में वॉट्सएप ग्रुप वर्चुअल रैलियों के जरिए ही पार्टी कार्यकर्ताओं एवं आम जनता तक पहुंचा जा सकेगा। फिलहाल, भाजपा ने लगभग 67000 वॉट्सएप ग्रुप बनाए हुए हैं। नड्डा चाहते हैं कि इनकी संख्या और बढ़ाकर उद्धव सरकार की असफलताओं को आम जनता तक पहुंचाया जाए।
पिछला लोकसभा व विधानसभा चुनाव भाजपा-शिवसेना मिलकर लड़ी थीं, लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद शिवसेना ने भाजपा से गठबंधन तोड़ अपनी चिरविरोधी कांग्रेस व राकांपा के साथ मिलकर सरकार बना ली। उम्मीद की जा रही है कि भविष्य के चुनावों में शिवसेना का गठबंधन राकांपा और कांग्रेस या इनमें से किसी एक के साथ हो सकता है। इसलिए नड्डा अपनी पार्टी को अकेले लड़ने के लिए तैयार करना चाहते हैं। इसी क्रम में नड्डा ने नेता प्रतिपक्ष के रूप में देवेंद्र फड़नवीस के कार्यों की तारीफ करते हुए कहा कि वह सत्तारूढ़ गठबंधन की खामियां उजागर करने में सफल रहे हैं।
नड्डा ने कोरोना की समस्या से लड़ने में भी उद्धव ठाकरे सरकार को असफल बताया, जबकि प्रधानमंत्री द्वारा इस समस्या को लेकर उठाए जा रहे कदमों की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य व अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में लोगों की मदद के लिए प्रधानमंत्री द्वारा मजबूत कदम उठाए गए हैं। जबकि अमेरिका व यूरोपीय देशों ने इन मुद्दों पर बहस करने में ही अधिक समय लगा दिया, जिसका नुकसान वहां की जनता को उठाना पड़ा है। नड्डा ने कहा कि यदि देश में इस समय मोदी जैसा निर्णायक कदम उठाने वाला नेता न ही होता, तो स्थिति काफी बदतर हो सकती थी।