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Bihar: JDU ने पार्टी की नगालैंड इकाई को किया भंग, विधायक ने बिना पूछे ही दे दिया था BJP गठबंधन सरकार को समर्थन

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने अपनी नगालैंड राज्य इकाई को भंग कर दिया है। जदयू ने यह कदम नगालैंड में इकलौते विधायक के पार्टी सुप्रीमो से बिना परामर्श किए भाजपा गठबंधन वाली सरकार को बगैर शर्त समर्थन देने के बाद लिया।

By Jagran NewsEdited By: Deepti MishraPublished: Thu, 09 Mar 2023 08:35 AM (IST)Updated: Thu, 09 Mar 2023 08:35 AM (IST)
Bihar: JDU ने पार्टी की नगालैंड इकाई को किया भंग, विधायक ने बिना पूछे ही दे दिया था BJP गठबंधन सरकार को समर्थन
नीतीश कुमार की पार्टी ने भंग की अपनी नगालैंड इकाई।

 एजेंसी, पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने बुधवार को नगालैंड में बड़ी कार्रवाई की है। जदयू ने अपनी नगालैंड इकाई को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है। जदयू ने यह फैसला नगालैंड में इकलौते विधायक के पार्टी सुप्रीमो से बिना परामर्श किए भाजपा गठबंधन वाली सरकार को बगैर शर्त समर्थन देने के बाद लिया। विधायक के इस कदम से पार्टी आलाकमान खासा नाराज था।

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जदयू के राष्ट्रीय महासचिव आफाक अहमद खान की ओर से जारी बयान में कहा गया कि हमारी पार्टी के नगालैंड राज्य अध्यक्ष ने जदयू के केंद्रीय नेतृत्व से राय-मशवरा किए बिना ही नगालैंड के मुख्यमंत्री को समर्थन पत्र दे दिया है, जो कि उच्च अनुशासनहीनता और मनमाना कदम है। इसलिए जदयू ने नगालैंड में पार्टी की राज्य इकाई को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है।

मुख्यमंत्री रियो से मिले पार्टी अध्यक्ष और विधायक

जानकारी के मुताबिक, नगालैंड जदयू अध्यक्ष सेन्चुमो लोथा और उनकी पार्टी के इकलौते विधायक ज्वेंगा सेव ने 8 मार्च को राज्य के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद उन्होंने एनडीपीपी-बीजेपी गठबंधन वाली सरकार को अपना समर्थन पत्र सौंप दिया था। इस बात की जानकारी उन्होंने अंग्रेजी न्यूज पेपर को फोन पर भी दी, जिसमें उन्होंने कहा कि हमने नगालैंड के स्थानीय मुद्दों के आधार पर रियो सरकार का समर्थन किया है।

नगालैंड में जदयू सिर्फ एक सीट जीती

बता दें कि हाल ही में हुए नगालैंड की 60 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में जदयू जदयू सिर्फ एक सीट पर जीती थी। बताया जा रहा है कि जदयू के शीर्ष नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नगालैंड में पार्टी के इकलौते विधायक के बिना परामर्श किए ही समर्थन देने के कदम से फजीहत का सामना करना पड़ा। नीतीश पिछले साल भाजपा से नाता तोड़ राजद के साथ हो लिए थे।


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