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Jammu And Kashmir: राजीव भटनागर कश्मीर के उपराज्यपाल के तीसरा सलाहकार नियुक्त

सीआरपीएफ के पूर्व डीजीपी और सेवानिवृत्त आइपीएस अधिकारी राजीव राय भटनागर को जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल का तीसरा सलाहकार नियुक्त किया गया है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 06 Jan 2020 09:24 AM (IST)Updated: Mon, 06 Jan 2020 09:24 AM (IST)
Jammu And Kashmir: राजीव भटनागर कश्मीर के उपराज्यपाल के तीसरा सलाहकार नियुक्त
Jammu And Kashmir: राजीव भटनागर कश्मीर के उपराज्यपाल के तीसरा सलाहकार नियुक्त

जम्मू, राज्य ब्यूरो। सीआरपीएफ के पूर्व डीजीपी और सेवानिवृत्त आइपीएस अधिकारी राजीव राय भटनागर को जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल का तीसरा सलाहकार नियुक्त किया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रलय ने उनकी नियुक्ति पर मुहर लगा दी है। गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक कार्यभार संभालते ही भटनागर नियुक्ति मान ली जाएगी। भटनागर इससे पहले उपराज्यपाल के दो सलाहकारों में फारूक खान और केके शर्मा शामिल है। बुलंदशहर के भटनागर साल 1983 बैच के उप्र कैडर के आइपीएस अधिकारी हैं। वह 31 दिसंबर 2019 को सीआरपीएफ डीजी पद से सेवानिवृत्त हुए थे।

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भटनागर को मिल सकता है कानून व्यवस्था का जिम्मा

केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद केंद्र सरकार के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती जम्मू कश्मीर में शांति व्यवस्था बनाए रखना है। इस समय गृह विभाग उप राज्यपाल के पास ही है। ऐसे में उम्मीद है कि सीआरपीएफ के डायरेक्टर जनरल पद से सेवानिवृत्त हुए राजीव राय भटनागर को गृह विभाग की जिम्मेदारी सौंपी जाए ताकि वह पूरे राज्य विशेषकर कश्मीर संभाग में काननू व्यवस्था की स्थिति को बेहतर बनाने में अपने अनुभवों का इस्तेमाल कर सकें।

छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले के बाद बने थे सीआरपीएफ के डीजी

राजीव भटनागर को सुरक्षा व्यवस्था कायम करने का लंबा अनुभव है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने उन्हें उप राज्यपाल जीसी मुमरू का तीसरा सलाहकार नियुक्त किया है। भटनागर को सीआरपीएफ के डीजी का पदभार उस समय सौंपा गया था, जब छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों ने सीआरपीएफ के 25 जवानों को शहीद कर दिया था। इस हमले में सात जवान गंभीर रूप से घायल भी हो गए थे।

नक्सलियों की कमर तोड़ी :

राजीव भटनागर के कार्यकाल के दौरान सीआरपीएफ ने नक्सल प्रभावित राज्यों के कई क्षेत्रों में अभियान चलाए और नक्सलियों की कमर तोड़कर रख दी। इसके बाद नक्सली वारदातों में कमी भी आई। भटनागर उस फोर्स का नेतृत्व कर रहे थे, जो जम्मू कश्मीर में पहले से ही अहम भूमिका निभा रही थी। भटनागर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के डायरेक्टर जनरल भी रहे हैं। पिछले कुछ साल में जम्मू कश्मीर में नशे की समस्या बहुत बढ़ी है। पाकिस्तान कश्मीर में नशे की खेप भेजने में भी लगा रहता है। ऐसे में नशे पर लगाम कसने में भी उनकी सेवाओं को लिया जा सकता है। अब देखना है कि उप राज्यपाल भटनागर को कौन सी जिम्मेदारी सौंपते हैं। आतंकवाद को खत्म करने में भी उनकी भूमिका पर सभी की नजर रहेगी।

अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाने में रही अहम भूमिका

भटनागर कई बार कश्मीर दौरे पर आ चुके हैं। जम्मू कश्मीर की स्थिति से वह भलीभांति परिचित हैं। इस बार बाबा अमरनाथ की वार्षिक यात्रा को भी सुरक्षित बनाने में उनकी अहम भूमिका थी। वह समय-समय पर यात्रा के दौरान किए गए प्रबंधों का जायजा लेते रहे। यात्रा को सुरक्षित बनाने में सीआरपीएफ की अहम भूमिका होती है। जम्मू स्थित आधार शिविर भगवती नगर से लेकर बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा तक की सुरक्षा का जिम्मा सीआरपीएफ के हवाले होता है। ऐसे में भटनागर को जम्मू कश्मीर में उप राज्यपाल के सलाहकार के तौर पर अहम भूमिका सौंपी जा सकती है। 


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