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जम्मू-कश्मीर: सप्ताह में दो दिन राजनीतिक बंदी अपने परिवार से मिल सकेंगे, सज्जाद गनी से मिले परिवार

न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद प्रशासन ने हिरासत में लिए गए कश्मीर केंद्रित मुख्यधारा के सियासी दलों के नेताओं व कार्यकर्ताओं को उनके परिजनों से मुलाकात का मौका देंंगे।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 24 Aug 2019 08:28 AM (IST)Updated: Sat, 24 Aug 2019 08:53 AM (IST)
जम्मू-कश्मीर: सप्ताह में दो दिन राजनीतिक बंदी अपने परिवार से मिल सकेंगे, सज्जाद गनी से मिले परिवार
जम्मू-कश्मीर: सप्ताह में दो दिन राजनीतिक बंदी अपने परिवार से मिल सकेंगे, सज्जाद गनी से मिले परिवार

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। राज्य उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद प्रशासन ने हिरासत में लिए गए कश्मीर केंद्रित मुख्यधारा के सियासी दलों के नेताओं व कार्यकर्ताओं को उनके परिजनों से मुलाकात का मौका देने का फैसला किया है। सप्ताह में दो दिन राजनीतिक बंदी अपने परिवार से मिल सकेंगे। इसके साथ ही संतूर होटल को सहायक जेल में बदलने का फैसला लिया गया है।

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इस बीच, पूर्व मंत्री सज्जाद गनी लोन से उनकी मां और बहन ने मुलाकात की। अलगाववाद को अलविदा कहने के बाद मुख्यधारा की सियासत में शामिल होने वाले पूर्व समाज कल्याणमंत्री सज्जाद गनी लोन की बहन शबनम लोन और उनकी मां ने राज्य उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर आग्रह किया था कि उन्हें सज्जाद लोन से मिलने का मौका दिया जाए।

उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि बार-बार आग्रह के बावजूद संबंधित प्रशासन उन्हें नहीं बता रहा है कि सज्जाद गनी लोन कहां हैं। पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन राज्य प्रशासन द्वारा चार अगस्त की रात को एहतियातन हिरासत में लिए गए लगभग 2200 राजनीतिक नेताओं व कार्यकर्ताओं में शामिल हैं। प्रशासन ने यह कदम राज्य को दो केंद्र शासित राज्यों में विभाजित करने के केंद्र सरकार के फैसले पर कश्मीर में कानून व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखने क लिए उठाया था।

सज्जाद गनी लोन समेत लगभग 55 नेताओं को डल झील किनारे स्थित शेरे कश्मीर इंटरनेशनल कनवेंशन सेंटर (एसकेआइसीसी) परिसर में स्थित संतूर होटल में रखा गया है। शबनम लोन ने बताया कि उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश के निर्देशानुसार हिरासत में लिए गए लोगों से उनके परिजन सप्ताह में दो बार मुलाकात कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि अब जिला उपायुक्त श्रीनगर या निदेशक एसकेआइसीसी की इसमें कोई भूमिका नहीं है। हिरासत में लिए गए राजनीतिकों के परिजनों को अब इनके पास अनुमति प्राप्त करने के लिए जाने की जरूरत नहीं है।

19 दिन बाद अपने भाई से मिली :

सर्वोच्च न्यायालय की वकील शबनम लोन ने कहा कि अदालत के फैसले के बाद मैं अपनी मां के साथ एसकआइसी में अपने भाई सज्जाद गनी लोन से मिलकर आई हूं। उन्होंने कहा कि हमने कई बार मुलाकात का प्रयास किया था, लेकिन जिला उपायुक्त हमें बार-बार यकीन दिलाते, लेकिन मुलाकात नहीं होती थी। फिर हमने अदालत का सहारा लिया। अब 19 दिन बाद मैंने अपने भाई और मेरी मां ने अपने बेटे को देखा है।

मेरे भाई ने तो कश्मीर की बेहतरी के लिए ही भाजपा के साथ हाथ मिलाया था। खैर, हम भाई-बहन ने आज जो वक्त बिताया अच्छा बिताया। हमने अपने बारे में, घर परिवार के बारे में बातचीत की। हमारे बीच कोई सियासी बात नहीं हुई है।

बेटे से मिलकर तसल्ली मिली :

सज्जाद गनी लोन की मां ने कहा कि मेरा बेटा कोई आतंकी नहीं है। मैं अपने बच्चे से मिलकर बहुत खुश हूं। मेरे दिल को बहुत तसल्ली मिली है। मैंने बहुत मुश्किल वक्त देखा है। मेरे खाविंद को आतंकियों ने शहीद किया था। मेरा बेटा सज्जाद तो इस कश्मीर में अमन और खुशहाली देखना चाहता है। इसलिए तो वह सियासत में है।

सिक्योरिटी विंग के पुलिस उपाधीक्षक को बनाया सहायक जेल का जेलर :

राज्य गृह विभाग ने शुक्रवार को एक आदेश जारी कर संतूर जेल को सहायक जेल का दर्जा देते हुए एहतियातन हिरासत में लिए गए लोगों को उसमें रखने को लिए कहा है। जेल में बंद सभी लोगों को जेल मैन्युल के मुताबिक सुविधाएं प्रदान करने का निर्देश देते हुए पुलिस उपाधीक्षक सिक्योरिटी विंग को सहायक जेल का जेलर बनाया गया है। 


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