मध्य प्रदेश में मंत्री नहीं बन पाए विधायकों की नाराजगी बरकरार
मध्य प्रदेश में 15 साल बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस में गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है।
भोपाल, ब्यूरो। मध्य प्रदेश में 15 साल बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस में गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। नाराज विधायक राजवर्धन सिंह अपनी वरिष्ठता और मंत्री पद नहीं मिलने पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिले हैं।
वहीं, मंत्री नहीं बन पाने पर ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के कुछ विधायकों के विरोध और खुद पर लगे आरोपों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की है। दिग्गज नेता केपी सिंह ने भी सिंधिया से मुलाकात की है। इससे प्रदेश की राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है।
कांग्रेस में मंत्रिमंडल के गठन और विभाग वितरण को लेकर एक बार फिर गुटबाजी उभरकर सामने आ गई है। मंत्री पद से वंचित रहे वरिष्ठ विधायक केपी सिंह, एदल सिंह कंषाना, संजय शर्मा और राजवर्धन सिंह की नाराजगी कम नहीं हो रही है।
मुरैना में एदल सिंह कंषाना के खुलकर विरोध के बाद वहां सिंधिया समर्थक स्थानीय विधायकों व जिला कांग्रेस कमेटी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का प्रायोजित ढंग से विरोध कर रहे हैं। इन आरोपों से कड़कड़ाती ठंड के बावजूद सियासी तापमान बढ़ गया है। इन सबके बाद दिग्विजय सिंह शनिवार को दिल्ली में सिंधिया से मिलने उनके निवास पर पहुंचे।
केपी सिंह भी सिंधिया से मिले
सोशल मीडिया पर सिंधिया के पिछोर क्षेत्र में प्रवेश पर प्रतिबंध वाली पोस्ट के बाद क्षेत्रीय विधायक केपी सिंह दिल्ली में सिंधिया से मिलने पहुंचे। सोशल मीडिया पर जिस युवक ने पोस्ट डाली वह केपी सिंह का समर्थक ही बताया जाता है। इस मुलाकात को उसी सोशल मीडिया पोस्ट से जोड़कर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि सिंह ने उस पर अपनी सफाई दी है।
जूनियर विधायकों को मंत्री बनाया
कमलनाथ सरकार में मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज बदनावर के विधायक राजवर्धन सिंह ने शनिवार को दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने यह तथ्य रखा कि वह तीन बार के विधायक हैं और उनसे जूनियर विधायकों को मंत्री बना दिया गया है। गौरतलब है कि राजवर्धन सिंह, सिंधिया समर्थक बताए जाते हैं और उन्होंने मंत्री नहीं बनाए जाने पर इस्तीफे की धमकी दी थी। नाराज विधायकों में से केवल उनको ही राहुल गांधी ने समय दिया है।
विभाग वितरण से नाराज मंत्री
सूत्र बताते हैं कि मंत्री पद की शपथ लेने के चौथे दिन मिले विभागों से कुछ मंत्री नाराज हैं। वह दबी जुबान से मनचाहे विभाग नहीं मिलने की बात कहते हैं। वरिष्ठ मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने कृषि विभाग नहीं मिलने पर अपनी नाराजगी दिग्विजय सिंह को बता दी है तो प्रदीप जायसवाल की इच्छा थी कि उन्हें लोक निर्माण विभाग मिले। उन्हें खनिज विभाग दिया गया है। इसी तरह सज्जन सिंह वर्मा को उम्मीद थी कि उन्हें नगरीय विकास एवं आवास विभाग मिले, जो दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवर्द्धन सिंह को मिला है।