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अब यूपी में कोरोना योद्धाओं पर हमला किया तो खैर नहीं...जानिये योगी कैबिनेट के अहम फैसले

UP Cabinet Meeting योगी कैबिनेट द्वारा मंजूर किए गए दस प्रस्तावों में पेट्रोल-डीजल और शराब की कीमत बढ़ाने का फैसला भी शामिल है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 06 May 2020 09:21 PM (IST)Updated: Wed, 06 May 2020 09:21 PM (IST)
अब यूपी में कोरोना योद्धाओं पर हमला किया तो खैर नहीं...जानिये योगी कैबिनेट के अहम फैसले
अब यूपी में कोरोना योद्धाओं पर हमला किया तो खैर नहीं...जानिये योगी कैबिनेट के अहम फैसले

लखनऊ, जेएनएन। कोरोना योद्धाओं की सुरक्षा के लिए योगी सरकार ने बड़ा फैसला किया है। बुधवार को उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश 2020 को कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी। इस कड़े कानून के लागू होने के बाद कोरोना योद्धाओं पर हमला करने वालों को जहां सात वर्ष तक जेल की सजा मिलेगी, वहीं संक्रमण छिपाने वाले तीन वर्ष कैद की सजा पा सकते हैं। योगी कैबिनेट द्वारा मंजूर किए गए दस प्रस्तावों में पेट्रोल-डीजल और शराब की कीमत बढ़ाने का फैसला भी शामिल है। मुख्यमंत्री योगी अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में लखनऊ में मौजूद मंत्री शामिल हुए, जबकि बाकी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भागीदारी की।

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1. महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश को कैबिनेट की मंजूरी

मुख्यमंत्री योगी अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में सबसे महत्वपूर्ण निर्णय कोरोना योद्धाओं की सुरक्षा को लेकर हुआ है। चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मी, पुलिसकर्मी सहित सरकार द्वारा तैनात सभी कोरोना योद्धाओं की सुरक्षा के लिए उप्र लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश 2020 को स्वीकृत किया गया। इसके तहत कोरोना वारियर्स पर हमला या बदसलूकी करने के दोषी को छह माह से लेकर सात साल तक की जेल और 50 हजार से लेकर पांच लाख रुपये तक के जुर्माने का प्राविधान किया गया है। यही नहीं, कोरोना योद्धाओं पर थूकने, किसी तरह की गंदगी फेंकने और क्वारंटाइन के दौरान आइसोलेशन तोडऩे और इनके खिलाफ हमले या बदसलूकी के लिए भड़काने वाले पर भी कड़ी कार्रवाई होगी। इसके लिए दो से पांच वर्ष तक की जेल और 50 हजार से दो लाख रुपये तक के जुर्माने की सजा निर्धारित की गई है।

2. उत्तर प्रदेश में शराब और पेट्रोल-डीजल महंगे

कोरोना संक्रमण की महामारी से जनता को बचाने के लिए जूझ रही सरकार के सामने वित्तीय चुनौतियां भी खड़ी हैं। सुरक्षा और स्वास्थ्य प्रबंधों को मजबूत बनाए रखने को लगातार आय के स्त्रोत तलाशे जा रहे हैं। इसी प्रयास में कई अन्य राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश में शराब और पेट्रोल-डीजल को महंगा कर दिया गया है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद बढ़ी हुई दरें बुधवार रात 12 बजे से ही लागू कर दी गईं। कोरोना संकट की वजह से हुए लॉकडाउन में औद्योगिक-आॢथक गतिविधियां थम गईं। जिसके कारण सरकारी खजाने को करीब दस हजार करोड़ रुपये का झटका लगा है। बुधवार को कैबिनेट ने शराब के मूल्य में वृद्धि के साथ ही पेट्रोल-डीजल के वैट में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी। पेट्रोल दो रुपये और डीजल एक रुपये महंगा किया गया है। इसी तरह शराब की बढ़ी हुई दर से सरकारी खजाने में 2359 करोड़ रुपये अतिरिक्त आएंगे। देशी शराब पांच रुपये प्रति बोतल और अंग्रेजी व विदेशी शराब के मूल्य में 10 रुपये से 400 रुपये तक बढ़ोतरी की गई है।

3. आम, केला व अंगूर समेत 46 फल व सब्जियां मंडी शुल्क मुक्त

कोरोना संकट के चलते फल व सब्जी मंडी व्यवस्था को विकेंद्रीकृत करने और किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए बुधवार को कैबिनेट की बैठक में मंडी नियमावली में अहम बदलाव किए गए। आम, अमरूद, केला, अंगूर, गोभी, हरी मटर, गाजर, लौकी, कटहल आदि 46 फल व सब्जियों को मंडी शुल्क से मुक्त किया गया। साथ ही निजी क्षेत्र की मंडियां संचालित करने को प्रोत्साहित करतेे हुए सीधे किसान और उपभोक्ता के बीच व्यापार को बढ़ावा देने का फैसला लिया गया। उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मंडी अधिनियम अधिनियम 1964 में बदलाव करते हुए मंडी परिसरों के बाहर ही किसानों से खरीद की व्यवस्था को प्रोत्साहन दिया जाएगा। कोल्ड स्टोरेज, भंडारगृह, आटा मिल व वेयर हाउस जैसे स्थानों को भी मंडी घोषित किया जा सकेगा। ऐसे उप स्थलों पर व्यापार करने वालों से केवल सेवा शुल्क ही वसूल किया जाएगा। किसानों के घरों से सीधे खरीद करने को प्रोत्साहन दिया जाएगा।

4.पेयजल मिशन के टेंडर स्वीकृति के अधिकारों का निर्धारण

योगी कैबिनेट ने बुधवार को राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन की योजनाओं के टेंडर स्वीकृति के लिए अधिकारों का निर्धारण कर दिया है। अब एक करोड़ रुपये तक के टेंडर स्वीकृति का अधिकार राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन में तैनात अधिशासी अभियंता को होगा। एक करोड़ रुपये से अधिक व 10 करोड़ रुपये तक के टेंडर स्वीकृति का अधिकार मिशन के मुख्य अभियंता के पास होगा। 10 करोड़ रुपये से अधिक एवं 25 करोड़ रुपये तक के टेंडर मिशन निदेशक स्वीकृत करेंगे। इसी प्रकार 25 करोड़ रुपये से ऊपर की सभी परियोजनाओं का मूल्यांकन कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में गठित एक समिति करेगी। इसमें अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव वित्त, अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव नियोजन, प्रमुख सचिव पंचायतीराज तथा प्रमुख सचिव न्याय विभाग सदस्य होंगे। प्रमुख सचिव, नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति विभाग समिति के सदस्य सचिव होंगे। समिति के अध्यक्ष द्वारा आवश्यकतानुसार किसी अन्य को भी समिति में सदस्य के रूप में नामित किया जा सकेगा। समिति की संस्तुति के बाद ही प्रशासकीय विभाग टेंडर स्वीकृत करेंगे।

5. कारखानों, मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों को श्रम कानूनों से सशर्त छूट

कोरोना संक्रमण से लड़खड़ाए औद्योगिक क्रियाकलापों व आर्थिक गतिविधियों को पटरी पर लाने के लिए योगी सरकार की कैबिनेट ने प्रदेश के सभी कारखानों और मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों को उत्तर प्रदेश में लागू श्रम अधिनियमों से 1000 दिन (तीन साल) की अवधि के लिए अस्थायी छूट देने का बड़ा फैसला किया है। यह छूट कुछ शर्तों के साथ दी गई है। कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश कतिपय श्रम विधियों से अस्थायी छूट अध्यादेश, 2020 के प्रारूप को मंजूरी दी गई। सरकार के इस फैसले की जानकारी देते हुए श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने बताया कि प्रदेश में इस समय 38 श्रम अधिनियम लागू हैं। प्रस्तावित अध्यादेश में प्रदेश के सभी कारखानों और मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े अधिष्ठानों को प्रदेश में लागू श्रम अधिनियमों से तीन वर्ष की अस्थायी छूट देने का प्राविधान है। यह छूट कुछ शर्तों के साथ दी गई है मसलन बंधुआ श्रम प्रथा (उत्सादन) अधिनियम 1976, कर्मचारी प्रतिकर अधिनियम 1923, भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार नियोजन व सेवा शर्तें विनियमन अधिनियम 1996 के प्रावधान लागू रहेंगे। बच्चों और महिलाओं के नियोजन से जुड़े श्रम अधिनियम के प्राविधान भी लागू रहेंगे। वेतन संदाय अधिनियम 1936 की धारा पांच के तहत तय समय सीमा के अंदर वेतन भुगतान का प्राविधान भी लागू रहेगा।

6. गन्ना समितियों को मिलेगी आर्थिक मजबूती

योगी सरकार की कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश गन्ना ( पूर्ति व खरीद विनियमन) नियमावली 2020 को बुधवार को मंजूरी दे दी। इससे गन्ना विकास सहकारी समितियों को आॢथक मजबूती मिलेगी। समितियों को मिलने वाले कमीशन के स्थान पर अंशदान शब्द प्रयोग करने के फैसले से प्रतिवर्ष कटने वाले करोड़ों रुपये टीडीएस से छुटकारा मिल जाएगा। गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा ने बताया कि गन्ना समितियों की वित्तीय स्थिति खराब होने के कारण कई स्थानों पर कर्मचारियों को समय से वेतन आदि भुगतान नहीं हो पाता था। योगी सरकार ने समितियों को चीनी मिलों से मिलने वाले कमीशन को 2.50 रुपये से बढ़ाकर 5.50 रुपये प्रति क्विंटल किया है परंतु कमीशन के स्थान पर अंशदान शब्द परिवर्तन मात्र से आयकर कटौती मिल सकेगी।

बकाया गन्ना मूल्य भुगतान की जानकारी दी : किसानों को पेराई सत्र 2017-18 का बकाया गन्ना मूल्य भुगतान कराने के लिए सरकार की ओर से चीनी मिलों को 4.50 रुपये प्रति क्विंटल दर से दी गई वित्तीय सहायता के बारे में कैबिनेट को जानकारी दी गई। सरकार ने 500 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की थी। इससे चीनी मिलों द्वारा खरीदे गए 1,111.90 लाख टन गन्ने के सापेक्ष किसानों को 483 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था। यह रकम किसानों के बैंक खातों में सीधे भेजी गई थी।

7. दावा अधिकरण को नजीर कार्रवाई तक का अधिकार

उत्तर प्रदेश में अब उपद्रवी किसी सरकारी व निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के बाद बच नहीं सकेंगे। सूबे में दावा अधिकरण बेहद मजबूत होगा और किसी शैक्षणिक संस्था, चिकित्सालय, ऐतिहासिक धरोहर अथवा धाॢमक स्थल को यदि इस हद तक नुकसान पहुंचाया जाए कि वह प्रयोग करने योग्य न रह जाए तो दावा अधिकरण को नजीर प्रतिकर लगाने का अधिकार भी दिया गया है। इसके अलावा सभी सरकारी विभागों को राजकीय संपत्ति की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था करनी होगी। कैबिनेट ने उप्र लोक व निजी संपत्ति क्षति वसूली नियमावली-2020 को मंजूरी देकर अब उपद्रवियों के विरुद्ध कार्रवाई की राह आसान कर दी है।

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में बीते दिनों सूबे में कई जगह हिंसक प्रदर्शन हुए थे। उपद्रवियों ने सरकारी व निजी संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया था और तोड़फोड़ की थी। इन घटनाओं के बाद सरकार ने मार्च माह में उप्र लोक व निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश-2020 को मंजूरी दी थी। अब अध्यादेश की धारा-26 के प्रावधानों के तहत बनाई गई नियमावली पर कैबिनेट की मुहर लग गई है। विस्तृत नियमावली के तहत अब संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों पर कानूनी शिकंजा कसना संभव होगा। नियमावली के तहत हड़ताल, बंद, प्रदर्शनों, दंगों व प्रतिवादों के दौरान लोक तथा निजी संपत्ति को पहुंचाए गए नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए नियम बनाए गए हैं। जुर्माना लगाने व संपत्ति के आंकलन के लिए दावा अधिकरण का गठन करने तथा प्रतिकर निर्धारित करने के नियम तय किए गए हैं।

नियमावली के तहत नियम-9 में दावा अधिकारण का गठन, नियत-27 में दावा याचिका, नियम-33 में दावों की सुनवाई, नियम-43 में प्रतिकर की धनराशि तय करने नियम व अधिकरण द्वारा धनराशि की वसूली की व्यवस्था की गई है। बताया गया कि किसी आरोपित के पोस्टर व बैनर लगवाने की स्थिति में उसका खर्च भी आरोपित से ही वसूलने का प्रावधान होगा। किसी आरोपित की मृत्यु के उपरांत भी केस चलेगा। दावा अधिकरण को कोर्ट की शक्तियां हासिल होंगी। अब हर थाने स्तर पर स्थानीय वीडियो ऑपरेटरों का एक पैनल भी गठित करना होगा, जो किसी भी समय अल्प सूचना पर उपलब्ध हो सके। वीडियोग्राफी महत्वपूर्ण इलेक्ट्रानिक साक्ष्य होगी।

8- पीएचसी बांसी के निष्प्रयोज्य भवन के ध्वस्तीकरण को मंजूरी

कैबिनेट ने सिद्धार्थनगर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) बांसी में 50 बेड के अस्पताल के निर्माण के लिए परिसर में स्थित निष्प्रयोज्य भवनों के ध्वस्तीकरण के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे दी। मलबे के निस्तारण से प्राप्त धनराशि को समायोजित करते हुए 44.22 लाख रुपये को बट्टे खाते में डालने की अनुमति दी गई।


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