हरसिमरत की मानवीयता ने जीता लोगों का दिल, हादसे के शिकार परिवार की ऐसे की मदद
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल की मानवीयता ने लाेगों का दिल जीत लिया। उन्हाेंने सड़क दुर्घटना में घायल परिवार की मदद की। घायल लोगों को फर्स्ट एड दिया व फिर अस्पताल पहुंचाया।
बठिंडा, जेएनएन। अमेठी में चुनाव प्रचार के दौरान आग बुझाने वाली स्मृति ईरानी के बाद मोदी सरकार की दूसरी केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने भी लोगों से जुड़ाव की मिसाल पेश की हैं। रविवार रात बठिंडा से सांसद इस मंत्री ने गांव बादल में अपने घर जाते हुए गांव कालझरानी के पास एक घायल परिवार को देखा। केंद्रीय मंत्री ने घायलों को फर्स्ट एड दिया। उन्होंने मौके पर ही घायल लोगों की मरहम पट्टी की और उनको सिविल अस्पताल पहुंचाया। इस दौरान उन्होंने मौके से ही बठिंडा के डीसी बी श्रीनिवासन को फोन कर इन गड्ढों को भरने व सड़क की रिपेयर करवाने के आदेश भी दिए।
बठिंडा के गांव बीड़ तालाब वासी गुरदीप ङ्क्षसह अपनी पत्नी प्रवीण, पोती लक्ष्यदीप व पोत्र जगजीत व नवदीप के साथ स्कूटर पर गांव कालझराणी जा रहे थे। कालझराणी से थोड़ा पहले सड़क पर गड्ढा होने के कारण उनका स्कूटर स्लिप हो गया और पूरा परिवार परिवार घायल हो गया। इस हादसे में दो बच्चों के सिर पर भी चोट आई थी।
रात करीब 9.30 बजे धन्यवादी दौरा समाप्त करके मानसा से हरसिमरत कौर बादल उनके पास से गुजरने लगी तो उन्होंने घायलों को देखा। वह गाड़ी से उतरकर उनके पास गई और उनकी संभाल की। उन्होंने गाड़ी में से फस्र्ट एड किट भी मंगवाई और घायलों को फस्र्ट एड देते हुए खुद मरहम पट्टी की। इसके बाद उनको गांव बादल के सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया।
स्मृति ईरानी ने निभाई थी फायर फाइटर की भूमिका
बता दें कि स्मृति इरानी ने 28 अप्रैल को अपने प्रचार के दौरान अमेठी हलके के मुंशीगंज के पश्चिम दुआरा गांव में आग लगने के बाद फायर फाइटर के रूप में भूमिका निभाई थी। घटना का पता लगने पर वह अपनी टीम को वहां लेकर चली गई और आग बुझाने में मदद की। स्मृति ने खुद हैंडपंप चलाकर पानी भरा था।
बिग टोएया इन द सड़क
हरसिमरत कौर बादल जब घायलों को फस्र्ट देने के बाद बठिंडा के डीसी के साथ फोन पर बात कर रही थी तो उन्होंने कहा कि ए बिग टोएया इन द सड़क, इसको ठीक करवाओ। उनकी पंजाबी-इंग्लिश मिक्स वाली इस बातचीत की वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो गई। उसके बाद हरसिमरत को प्रेसवार्ता कर इसका स्पष्टीकरण भी देना पड़ा।
उन्होंने कहा कि असल में जब वह डीसी को फोन कर रही थी तो वह पंजाबी में बोल रही थी। लेकिन तभी उनको ख्याल आया कि डीसी तो साउथ इंडियन है। उनको पंजाबी समझ नहीं आती होगी तो उन्होंने यह बोल दिया। उनको मौके पर कोई प्रॉपर शब्द नहीं सूझ रहा था तो इसलिए उनसे टोया का इस्तेमाल किया गया।
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