Gujarat Rajya Sabha Election 2020: फिर विवाद का कारण बना चुनाव, मतगणना 4 घंटे देरी से शुरु
गुजरात में राज्यसभा का चुनाव एक बार फिर विवाद का कारण बना। कांग्रेस ने शिक्षामंत्री भूपेंद्रसिंह सोलंकी व केसरी सिंह के मतदान पर आपत्ति जताई थी जिसे चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया।
अहमदाबाद, जेएनएन। गुजरात में राज्यसभा का चुनाव एक बार फिर विवाद का कारण बना। कांग्रेस ने शिक्षामंत्री भूपेंद्रसिंह सोलंकी व केसरी सिंह के मतदान पर आपत्ति जताई थी जिसे चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया। आपत्ति के चलते मतगणना 4 घंटे देरी से शुरु हो सकी। बीटीपी मतदान से अलग रही वहीं एनसीपी ने भी कांग्रेस को गच्चा दे दिया। गुजरात में राज्यसभा की 4 सीट के लिए 5 उम्मीदवार मैदान में थे।
कांग्रेस ने दो उम्मीदवार शक्तिसिंह गोहिल व भरतसिंह सोलंकी को प्रत्याशी बनाया वहीं भाजपा ने अभय भारद्वाज, रमीला बारा व नरहरी अमीन को प्रत्याशी बनाया। कांग्रेस ने चूडास्मा की चुनाव जीत का मामला अदालत में लंबित होने तथा केसरीसिंह को प्रॉक्सी मतदान की मंजूरी देने को लेकर आपत्ति जताई थी जिसे चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया। इससे पहले दोनों दलों में एक एक वोट की खींचतान मची थी लेकिन भाजपा अपनी रणनीति में कामयाब रही, भारतीय ट्राइबल पार्टी के दोनों विधायक छोटू वसावा व उनके पुत्र महेश वसावा आखिरी वक्त में मतदान से अलग रहे। जिससे भाजपा के तीसरे उम्मीदवार नरहरी अमीन की जीत भी पक्की हो गई।
छोटू वसावा ने कहा कि भाजपा व कांग्रेस दोनों ही दलों ने आदिवासियों के साथ न्याय नहीं किया इसलिए वे इस चुनावमें भाग नहीं ले रहे हैं। उनहोंने केवडिया स्टेच्यू ऑफ युनिटी के पास आदिवासियों की जमीन संपादन कार्यवाही के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी। उधर एनसीपी के कांधल जाडेजा ने भी पार्टी के व्हीप को धता बताते हुए भाजपा के पक्ष में मतदान कर दिया। मतदान के बाद वे सरकार के मंत्री धर्मेंद्रसिंह जाडेजा के साथ कार में निकले जिससे भी उनका रुख साफ हो गया।
इससे पहले बीटीपी व एनसीपी के मतों पर भाजपा व कांग्रेस दावा करते रहे। बीटीपी नेताओं से मिलने के लिए दिन भर भाजपा व कांग्रेस नेता दौड भाग करते नजर आए। गौरतलब है कि अगस्त 2017 में भी राज्यसभा चुनाव में इसी तरह पेंच फंस गया था, आखिर में कांग्रेस नेता अहमद पटेल मामूली अंतर से जीत दर्ज कर पाए थे।