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गुजरात हाईकोर्ट में चुडास्मा की याचिका खारिज, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई सुनवाई

गुजरात हाईकोर्ट ने भूपेंद्र सिंह चुडास्मा की याचिका को खारिज करते हुए कांग्रेस प्रत्‍याशी राठौड के आरोपों को सही मानते हुए यह फैसला दिया है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Tue, 12 May 2020 12:51 PM (IST)Updated: Tue, 12 May 2020 12:51 PM (IST)
गुजरात हाईकोर्ट में चुडास्मा की याचिका खारिज, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई सुनवाई
गुजरात हाईकोर्ट में चुडास्मा की याचिका खारिज, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई सुनवाई

अहमदाबाद, जेएनएन। गुजरात के शिक्षा एवं कानून मंत्री भूपेंद्र सिंह चुडास्‍मा का चुनाव हाईकोर्ट ने रद कर दिया। अदालत ने मंत्री को भ्रष्‍ट आचरण व चुनाव अधिकारी से मिलीभगत दोषी पाने के बाद कांग्रेस प्रत्‍याशी के पक्ष में यह फैसला दिया। कांग्रेस ने इसे सत्‍य की जीत बताया वहीं भाजपा ने आघातजनक माना है।

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गुजरात विधानसभा के 2017 में हुए चुनाव में धोलका सीट से 327 मतों से चुनाव हारने के बाद कांग्रेस उम्‍मीदवार अश्विन राठौड ने भाजपा प्रत्‍याशी चुडास्‍मा पर मतगणना में धांधली का आरोप लगाते हुए गुजरात हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की जिसमें कहा कि चुनाव आयोग के दिशा निर्देशों का खुला उल्‍लंघन करते हुए पीठासीन अधिकारी धवल जानी ने पोस्‍टल बैलट की मतगणना ईवीएम से पहले नहीं की।

  

दोनों उम्‍मीदवार की जीत का अंतर कम रहा तो 429 पोस्‍टल बैलट को रद कर चुडास्‍मा को 327 मतोंसे विजेता घोषित कर दिया। उच्‍च न्‍यायालय के न्‍यायाधीश परेश उपाध्‍याय ने वीडियो कॉन्‍फरेंस के जरिए सुनाए गए अपने फैसलेमें चुडास्‍मा को चुनाव अधिकारी से मिलीभगत के साथ भ्रष्‍ट आचरण का दोषी मानते हुए धोलका सीट के चुनाव को ही रद्द कर दिया। चुडास्‍मा ने हाईकोर्ट के समक्ष फैसलेपर रोक की याचिका लगाई लेकिन अदालत ने उसे भी ठुकरा दिया।

गौरतलब है कि अदालत ने करीब 3 साल तक इस मामले की सुनवाई केबाद जनवरी 2020 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस बीच चुडास्‍मा ने उच्‍चतम न्‍यायालय में याचिका दायर कर हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई पर रोक लगाने की मांग की लेकिन अदालत ने नहीं माना। 

हाईकोर्ट की सख्‍ती के बाद चुडास्‍मा को ऊपरी अदालत में दाखिल अपनी याचिका वापस लेनी पडी थी। कांग्रेस प्रत्‍याशी के वकील एस पी मजमूदार ने कहा कि यह फैसला ऐतिहासिक है जिसमें केंद्रीय चुनाव आयोग की गाइडलाइन की पालना के निर्देश के साथ अदालत ने माना कि ये चुनाव स्‍वतंत्र व निष्‍पक्ष नहीं था।

कांग्रेस के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता शक्तिसिंह गोहिल ने इसे सत्‍यमेव जयते बताते हुए कहा कि गलत करने वालों का अच्‍छा वक्‍त जाता है लेकिन अंजाम बुरा होता है। भाजपा प्रवक्‍ता भरत पंड्या ने फैसले को भाजपा के लिए आघातजनक बताते हुए कहा कि उच्‍चतम न्‍यायालय में जरुर उनके साथ न्‍याय होगा।

उपमुख्‍यमंत्री नितिन पटेल ने कह है कि चुनाव रद हो जाने से विधायक पद स्‍वत: समाप्‍त हो जाता है। मुख्‍यमंत्री रुपाणी व भाजपा इस मामले में कानूनी राय ले रही है। कानून विशेषज्ञों की राय के बाद उच्‍चतम न्‍यायालय में फैसले को चुनौती दी जा सकती है। माना जा रहा है कि चुडास्‍मा को कभी भी मंत्री पद छोडना पड़ सकता है।

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