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West Bengal: बंगाल में है बारूद का खुला कारोबार, कैसे संभव होगा शांतिपूर्ण चुनाव: राज्यपाल

Jagdeep Dhankhar. राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि बंगाल में कहीं भी विस्फोट होता है तो मुझे दुख पहुंचता है क्योंकि इससे नुकसान आम आदमी का ही होता है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 09 Feb 2020 05:55 PM (IST)Updated: Sun, 09 Feb 2020 07:39 PM (IST)
West Bengal: बंगाल में है बारूद का खुला कारोबार, कैसे संभव होगा शांतिपूर्ण चुनाव: राज्यपाल
West Bengal: बंगाल में है बारूद का खुला कारोबार, कैसे संभव होगा शांतिपूर्ण चुनाव: राज्यपाल

कोलकाता, जागरण संवाददाता। Jagdeep Dhankhar. बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य में एक बार खस्ताहाल कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठाया है। कहा है कि यहां बारूद का खुला कारोबार चल रहा है ऐसे में भला शांतिपूर्ण चुनाव कैसे संभव है। वह रविवार सुबह उत्तर 24 परगना जिले में गांधी जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे थे। राज्यपाल के अनुसार राज्यपाल और राज्य सरकार एक ही गाड़ी के दो पहिए हैं।

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उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति है कि बलवान हमेशा दुर्बल की रक्षा करता है। साथ ही, उन्होंने कहा कि मैं जो कुछ भी करूंगा, वह संविधान के दायरे में होगा। वहीं राज्यपाल के बयान पर तृणमूल महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि राज्यपाल इस तरह का बयान सुर्खियों में बने रहने के लिए दे रहे हैं।

राज्यपाल ने कहा कि बंगाल ने इतने सारे नोबेल विजेता दिया है, यहां की सांस्कृतिक संपन्नता उल्लेखनीय है ऐसे में भला कैसे आप बंगाल को दहशतगर्दी का अड्डा बनने देंगे? इस दौरान उन्होंने राज्य में बीते दिनों नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), एनआरसी को लेकर हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन, रेलवे की संपत्ति को हुए नुकसान का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि राज्य में कहीं भी विस्फोट होता है तो मुझे दुख पहुंचता है क्योंकि इससे नुकसान आम आदमी का ही होता है। बीते दिनों जिले के ही नैहाटी में एक अवैध कारखाने में विस्फोट हुआ था, जिसमें करीब पांच लोगों की जान गई थी।

गौरतलब है कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को बंगाल विधानसभा में अभिभाषण दिया और इसी के साथ बजट सत्र की शुरुआत हुई थी। अभिभाषण के बाद मुख्यसचिव को राज्यपाल ने राजभवन में तलब किया था जिसके बाद शाम में मुख्य सचिव राजीव सिन्हा वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राजभवन पहुंचे थे। बताया गया है कि राजभवन में राज्यपाल, राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा और राज्यपाल के अतिरिक्त मुख्य सचिव सतीश चन्द्र तिवारी के साथ बातचीत हुई। बैठक तकरीबन एक घंटे चली।

वहीं, उक्त बैठक के संबंध में राजभवन की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि दरअसल 10 जनवरी को बिना किसी सहायक दस्तावेज के दो नोट वित्त विभाग की ओर से राजभवन को भेजा गया था। यह नोट सरकार की ओर से राज्यपाल जगदीप धनखड़ को वार्षिक वित्तीय विवरण और अनुपूरक अनुदान पर स्वीकृति प्राप्त करने के लिए भेजा गया था।

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