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गूगल, फेसबुक और ट्विटर की मदद से होगी इंटरनेट पर चुनावी खर्च की निगरानी

कंपनियों के प्रतिनिधियों ने इस सिलसिले में भारत निर्वाचन आयोग के पदाधिकारियों से मुलाकात की है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 09 Sep 2018 09:14 PM (IST)Updated: Sun, 09 Sep 2018 09:14 PM (IST)
गूगल, फेसबुक और ट्विटर की मदद से होगी इंटरनेट पर चुनावी खर्च की निगरानी
गूगल, फेसबुक और ट्विटर की मदद से होगी इंटरनेट पर चुनावी खर्च की निगरानी

सौरभ खंडेलवाल, भोपाल। चुनावों के दौरान इंटरनेट और सोशल मीडिया पर राजनीतिक विज्ञापनों के खर्च की पहेली को निर्वाचन आयोग अब गूगल, फेसबुक और ट्विटर की मदद से सुलझाएगा। इन कंपनियों के प्रतिनिधियों ने इस सिलसिले में भारत निर्वाचन आयोग के पदाधिकारियों से मुलाकात की है।

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पिछले दिनों मप्र के दौरे पर आए मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओपी रावत ने भी अधिकारियों से इस संबंध में चर्चा की थी। फिलहाल मप्र के विधानसभा चुनावों को लेकर अभी कुछ तय नहीं है।

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मप्र के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों के मुताबिक गूगल एक व्यवस्था तैयार करेगा, जिसमें ऑनलाइन विज्ञापन के लिए प्री-सर्टिफिकेशन किया जाएगा। चुनाव आयोग में पहले से यह व्यवस्था है कि विज्ञापन से पहले आयोग के पास प्री-सर्टिफिकेशन कराना होता है। यही प्रक्रिया इंटरनेट पर राजनीतिक दलों या प्रत्याशियों द्वारा दिए जाने वाले विज्ञापन के लिए भी अपनाई जाएगी। गूगल आयोग के लिए यह प्री-सर्टिफिकेशन करेगा।

खर्च की जानकारी भी आयोग को देगा गूगल 
इंटरनेट पर राजनीतिक विज्ञापनों के प्री-सर्टिफिकेशन के साथ ही गूगल आयोग को इन विज्ञापनों पर खर्च की जानकारी भी देगा। आयोग के रिटर्निग ऑफिसर इन खर्चो को चुनावी खर्च में जोड़ सकेंगे।

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प्रत्याशियों को देनी होगी सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी 
चुनाव के लिए जो प्रत्याशी नामांकन जमा करेंगे, उन्हें शपथपत्र के साथ सोशल मीडिया के आधिकारिक अकाउंट की जानकारी भी देनी होगी। ताकि इस अकाउंट पर आयोग नजर रख सके।

सोशल मीडिया पर भी 48 घंटे पहले बंद होगा प्रचार 
गूगल के अलावा फेसबुक और ट्विटर भी चुनाव आयोग के साथ सोशल मीडिया पर होने वाले खर्च की मॉनीटरिंग करेंगे। मतदान के 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार बंद करने का नियम सोशल मीडिया पर भी लागू होगा। यदि प्रतिबंधात्मक अवधि में फेसबुक पर राजनीतिक विज्ञापन या इससे जुड़ी पोस्ट अपलोड की जाती है तो फेसबुक इसे हटा देगा।

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फेक न्यूज की करेगा पहचान 
इसके अलावा फेसबुक आयोग के लिए फेक न्यूज की पहचान करने के लिए भी काम करेगा। इसे लेकर फिलहाल भारत निर्वाचन आयोग में तैयारी चल रही है।
चल रही है बातचीत 
चुनावों में राजनीतिक विज्ञापनों के लिए प्री-सर्टिफिकेशन मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय करता है। ऑनलाइन विज्ञापन, फेक न्यूज और सोशल मीडिया पर खर्च की मॉनीटरिंग के लिए दिल्ली में केंद्रीय स्तर पर चार बड़ी कंपनियों के साथ बातचीत चल रही है।

- वीएल कांताराव, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, मप्र


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