Rajasthan: साढ़े तीन लाख करोड़ के कर्जभार से जूझ रही गहलोत सरकार बजट घोषणाओं में करेगी कटौती !
साढ़े तीन लाख करोड़ के कर्जभार से जूझ रही गहलोत सरकार बजट घोषणाओं में करेगी कटौती !सीएम ने केंद्र से मांगा राहत पैकेज-जीएसटीसीएसटी का हिस्सा मांगा
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। करीब साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये के कर्जभार से जूझ रही राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार अब बजट प्रावधानों में कटौती करने की तैयारी कर रही है। कोरोना संकट के कारण सरकार की आर्थिक स्थिति और अधिक गड़बड़ा गई। लॉकडाउन के चलते राज्य सरकार को दो माह में मिलने वाले राजस्व में 10 हजार करोड़ रुपये की कमी आई है। यह कमी आगे भी जारी रहने की संभावना को देखते हुए गहलोत सरकार ने बजट घोषणाओं में कटौती करने के साथ ही आमदनी बढ़ाने को लेकर कसरत शुरू कर दी है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर वित्त विभाग के अधिकारी राजस्व बढ़ोतरी की कसरत में जुटे हैं। सरकार के लिए राजस्व जुटाने वाले आबकारी,स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन व परिवहन विभाग के मुखियाओं को निर्देश दिए गए हैं डूबे हुई रकम की वसूली करने के साथ ही अधिक राजस्व अर्जित करने के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री केंद्र से जीएसटी सहित विभिन्न मदों में मिलने वाली हिस्सा राशि लेने को लेकर मुख्य सचिव डी.बी.गुप्ता से केंद्र सरकार के संपर्क में रहने के लिए कहा है। गुप्ता से कहा है कि वे केबिनेट सचिव एवं वित्त सचिव के निरंतर संपर्क में रहकर अधिक से अधिक पैसा लेने का प्रयास करें।
मुख्यमंत्री पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राहत पैकेज देने की मांग कर चुके हैं। गहलोत का कहना है कि राहत पैकेज नहीं मिला तो राज्य सरकार को सरवाइव करना मुश्किल हो जाएगा। गहलोत का कहना है कि केंद्र ने जीएसटी के 4 हजार करोड़ व सीएसटी के 4478 करोड़ रुपये की हिस्सा राशि अब तक नहीं दी।
आरबीआई से लिया 2750 करोड़ का कर्ज
राज्य सरकार जरूरत के हिसाब से 2750 करोड़ का कर्ज ले चुकी है। कोरोना संकट से निपटने के लिए 13 हजार 637 करोड़ रुपये का कर्ज आगामी 9 महीेने में कभी भी ले सकती है। वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कोरोना संकट से निपटने के मुख्यमंत्री ढाई हजार करोड़ का पैकेज पहले ही घोषित कर चुके हैं। रिजर्व बैंक के तय मानदंडों के अनुसार राज्य सरकार 16 हजार 387 करोड़ रुपये तक का कर्ज ले सकती है । इसमें से 2750 करोड़ का कर्ज ले लिया। ऐसे में जरूरत के समय कर्ज मिलेगा तो कोरोना संकट से निपटने में राज्य सरकार को काफी मदद मिलेगी। सरकार चाहती है कि केंद्र अब बिना ब्याज के अलग से कर्ज दे।
शराब से पैसा जुटाने की कोशिश
राज्य सरकार ने आबकारी विभाग से साढ़े 12 हजार करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा है। हालांकि लॉकडाउन के कारण यह लक्ष्य हासिल करना मुश्किल नजर आ रहा है। लेकिन सरकार ने शराब पर आबकारी शुल्क 10 फीसदी बढ़ाकर कुछ हद तक घाटा पूरा करने की रणनीति बनाई है। प्रदेश में अब भारत निर्मित 900 रूपए से कम कीमत की विदेशी शराब पर 25 की जगह 35 प्रतिशत आबकारी शुल्क तय किया है। वहीं बीयर पर आबकारी शुल्क 35 से बढ़ाकर 45 प्रतिशत किया है। इसके साथ ही पिछले कई सालों से शराब के ठेकेदारों में चल रही बकाया वसूली को लेकर अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। आवासन मंडल,जयपुर विकास प्राधिकरण सहित विभिन्न स्थानीय निकायों को सरकारी जमीन बेचकर राजस्व जुटाने के निर्देश दिए गए हैं । स्टांप एंड रजिस्ट्रेशन विभाग को कैंप लगाकर रजिस्ट्री करने के लिए कहा गया है।
चिकित्सा और कृषि को छोड़कर सभी प्रावधानों में कटौती होगी
जानकारी के अनुसार करीब तीन माह पूर्व 2 लाख 75 हजार करोड़ का बजट पेश करते समय मुख्यमंत्री ने इस साल 53,151 पदों पर भर्ती करने,निरोगी राजस्थान पर 14 हजार 533 करोड़ 37 लाख,किसान और खेती पर 3 हजार 420 करोड़ 6 लाख रुपये खर्च करने की घोषणा की थी। इन दोनों क्षेत्रों के तय बजट में तो सरकार कोई कटौती नहीं करेगी,लेकिन नये स्कूल,कॉलेज,आवासीय विधालय व शिक्षा को लेकर अन्य गतिविधियों पर 39 हजार 524 करोड़ के प्रावधान में कटौती करेगी। सड़कों व पेयजल योजनाओं में भी कटौती की संभावना तलाशने के लिए अधिकारियों को कहा गया है।