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Rajasthan: गजेंद्र सिंह शेखावत बोले, बेटे की हार का बदला लेने की कोशिश कर रहे हैं अशोक गहलोत

Gajendra Singh Shekhawat गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 2019 के लोकसभा चुनाव में अपने बेटे की हार को पचा नहीं पा रहे हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 02 Aug 2020 07:32 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2020 07:32 PM (IST)
Rajasthan: गजेंद्र सिंह शेखावत बोले, बेटे की हार का बदला लेने की कोशिश कर रहे हैं अशोक गहलोत
Rajasthan: गजेंद्र सिंह शेखावत बोले, बेटे की हार का बदला लेने की कोशिश कर रहे हैं अशोक गहलोत

जयपुर, प्रेट्र। Gajendra Singh Shekhawat: केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने रविवार को कहा है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस बात को पचा नहीं पा रहे हैं कि मैंने उनके बेटे वैभव गहलोत को 2019 के लोकसभा चुनाव में जोधपुर से हराया था और वह अपनी हार का बदला लेने की कोशिश कर रहे हैं। इससे पहले शेखावत ने कहा था कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भैरों सिंह शेखावत के विराट व्यक्तित्व का इस्तेमाल अपने झूठ को सच बनाने के लिए किया है। गहलोत ने राज्यपाल को दी गई अपनी अनैतिक धमकी को मजबूत बनाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री के उस बयान का उल्लेख किया, जो उन्होंने कभी दिया ही नहीं।

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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गहलोत कहते हैं कि सन 1993 में राष्ट्रपति शासन के दौरान भैरोंसिंह शेखावत ने राजभवन के घेराव की धमकी दी थी, जबकि वास्तविकता यह है कि वे तब किसी पद पर नहीं थे और न केवल उन्होंने, बल्कि भाजपा के भी किसी पदाधिकारी ने ऐसी कोई बात नहीं कही थी। केंद्रीय मंत्री ने सोमवार को कहा कि पहले भी राजभवन के सामने प्रदर्शन हुए, लेकिन यह पहली बार है कि सत्ताधारी दल ने अपने मुखिया के इशारे पर राजभवन के भीतर धरना दिया और नारेबाजी की। पूर्व मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत ने कभी ऐसा कलंकित कार्य नहीं किया। वे राज्यपाल पद की गरिमा जानते थे।

उन्होंने कहा कि गहलोत के इस कृत्य से राज्य में शेखावत के लाखों प्रशंसक आहत हैं। अगर गहलोत वास्तव में उनके पथ पर चलना चाहते हैं तो उन्हें अपने विधायकों को बाड़ेबंदी से निकालकर जनसेवा में जुट जाना चाहिए। केंद्रीय मंत्री शेखावत ने गहलोत से पूछा है कि क्या यह सच नहीं है कि सन 1996-97 में भैरोंसिंह शेखावत की सरकार के खिलाफ की जा रही साजिश कांग्रेस के समर्थन से रची गई थी? क्या यह सच नहीं है कि उस समय बहुमत सिद्ध करने के लिए बुलाए गए विधानसभा सत्र के दौरान राज्यपाल से बदसलूकी की गई और कांग्रेसी विधायकों ने उनसे हाथापाई की? उनके हाथ से अभिभाषण की प्रति छीनकर फाड़ी गई और उनका माइक तोड़ा गया था?


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