Bihar Assembly Elections 2020 : पूर्व केंद्रीय मंत्री का राजद पर बड़ा आरोप, पैसे लेकर टिकट बेचने की दुकान बन गई है पार्टी
Bihar Assembly Elections 2020 कहा विधायक डॉ फराज फातमी का राजद से निष्कासन अलोकतांत्रिक। यह साबित करता है कि राजद का नेतृत्व दिग्भ्रमित है।
दरभंगा, जेएनएन। Bihar Assembly Elections 2020 : पूर्व केंद्रीय मंत्री मो. अली अशरफ फातमी ने कहा है कि राजद को किसी ईमान वाले को डराना नहीं चाहिए। ईमानवाले किसी से डरते नहीं हैं। वे बुधवार को अपने ख्वाजा सराय आवास पर संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे। कहा- विधायक डॉ फराज फातमी का राजद से निष्कासन भी अलोकतांत्रिक है। जिस प्रकार मुझे बिना किसी कारण पृच्छा के निष्कासित कर दिया गया। उसी प्रकार फराज से भी किसी प्रकार की कारणपृच्छा नहीं की गई। सीधे 6 वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया गया। यह साबित करता है कि राजद का नेतृत्व दिग्भ्रमित है।
चुनाव में बंद हो जाएगी राजद की दुकान
पार्टी केवल पैसे लेकर टिकट बेचने की दुकान बन गई है। इसके कारण हो प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के बाद राजद की दुकान पूरी तरह बंद हो जाएगी। लोग यह समझते हैं कि ईमान वाला बिहार का मतदाता कहां जाएगा। यदि वो सोचते हैं कि मतदाता डरकर राजद को ही वोट देगा तो ऐसे लोग दिग्भ्रमित हैं । इतिहास गवाह है कि 1977 फिर उसके बाद 1989 में भी ईमान वाले लोगों ने ऐसे लोगों को सत्ता दिलाई जिनसे आज राजद डरा रहा है।
सीएम नीतीश की प्रशंसा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि उनका तीन सूत्री सिद्धांत आज देश की राजनीति का नमूना बन गया है। अपराध भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता से समझौता नहीं करने का उनका फॉर्मूला बिहार में शांति बनाए हुए है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में और संजय झा के प्रयास से दरभंगा में हवाई अड्डा भी बन रहा है। एम्स का भी निर्माण होगा। आज मदरसा शिक्षकों को स्कूल के शिक्षकों के बराबर दर्जा दिया गया है। हर जिले में अल्पसंख्यक छात्रों के लिए आवासीय उच्च विद्यालय का निर्माण किया जा रहा है। दरभंगा में भी इसकी आधारशिला रख दी गई है। मगर राजद नेतृत्व को केवल दूसरे को डरा कर वोट लेने की रणनीति सूझ रही है।
मुस्लिम नेतृत्व को समाप्त किया जा रहा
एक साजिश के तहत बिहार के मुस्लिम नेतृत्व को समाप्त किया जा रहा है। डॉक्टर शकील अहमद को पहले राजनीति के हाशिए पर धकेल दिया गया। फिर मुझे बिना किसी कारण के निष्कासित कर दिया गया। इसके बाद अब्दुल बारी सिद्दीकी को भी भारी पराजय का मुंह दिखा कर अलग-थलग करने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन, दरभंगा तथा बिहार का अकलियत समाज समझ रहा है कि किसके साथ जाने में उसका भला होगा। केवटी में एक दर्जन से अधिक लोगों को टिकट का लालच देकर उनकी थैली का वजन देखा जा रहा है। राज्यसभा में मुसलमान के नाम पर जिस को भेजा गया उससे भी पैसा लिया गया। विधान परिषद में भी थैली देख देख कर मुसलमानों को भेजा गया।