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LokSabha Election 2019: कोडरमा की जंग से पहली बार बाहर है रीतलाल परिवार

1977 में अस्तित्व में आए कोडरमा लोकसभा क्षेत्र में इस बार पहला मौका होगा जब दिग्गज नेता दिवंगत रीतलाल प्रसाद वर्मा के परिवार का कोई भी सदस्य चुनावी जंग नहीं लड़ रहा होगा।

By SunilEdited By: Published: Sat, 13 Apr 2019 04:48 PM (IST)Updated: Sat, 13 Apr 2019 04:48 PM (IST)
LokSabha Election 2019: कोडरमा की जंग से पहली बार बाहर है रीतलाल परिवार
LokSabha Election 2019: कोडरमा की जंग से पहली बार बाहर है रीतलाल परिवार

गिरिडीह, जेएनएन। 1977 में अस्तित्व में आए कोडरमा लोकसभा क्षेत्र में इस बार पहला मौका होगा जब दिग्गज नेता दिवंगत रीतलाल प्रसाद वर्मा के परिवार का कोई भी सदस्य चुनावी जंग नहीं लड़ रहा होगा। लोकसभा चुनाव में पहली बार रीतलाल के परिवार के लोग दूसरे किसी नेता के लिए वोट मांगते दिखेंगे। इससे उनके समर्थकों में मायूसी है। रीतलाल के पुत्र प्रणव ने चुनाव के ठीक पूर्व झाविमो छोड़कर भाजपा का दामन थामा था। उन्हें उम्मीद थी कि पार्टी उन्हें कोडरमा से चुनाव लड़ाएगी, लेकिन भाजपा ने प्रदेश राजद अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी को मैदान में उतारकर प्रणव के अरमानों पर पानी फेर दिया। 

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पांच बार कोडरमा के सांसद रहे रीतलाल के निधन के बाद उनकी राजनीतिक सियासत पर कब्जा करने के लिए

पहले उनकी पत्नी चंपा वर्मा और बाद में बेटे प्रणव वर्मा 2004 के चुनाव से ही कोशिश कर रहे हैं लेकिन कामयाबी नहीं मिल सकी है। पिता की विरासत पर सवार होकर दिल्ली पहुंचने के लिए प्रणव सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों से भाग्य आजमा चुके हैं। यह पहला चुनाव है जब उन्हें टिकट नहीं मिला है। अब तक उन्हें सभी पार्टियां हाथों हाथ लेती रही है। वे भाजपा, राजद एवं झाविमो से चुनाव लड़ चुके हैं। वहीं उनकी माता चंपा वर्मा 2004 में झामुमो से लड़ चुकी हैं। रीतलाल के निधन के बाद 2004 का चुनाव हुआ था। जीवन के अंतिम समय में रीतलाल का भाजपा से मोहभंग हो चुका था। वे झामुमो में शामिल हो गए थे। उनके निधन के बाद झामुमो ने उनकी पत्नी चंपा को कोडरमा से उतारा था। चंपा दूसरे नंबर पर रही थी। भाजपा के बाबूलाल चुनाव जीते थे। बाबूलाल ने 2006 में भाजपा एवं लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वहां उप चुनाव हुआ था। इस उप चुनाव में विरासत की कमान संभालने पत्नी चंपा के बजाय उनके पुत्र प्रणव पहली बार मैदान में उतरे थे। इस बार रीतलाल परिवार वापस भाजपा में लौट आया था। भाजपा ने भी इस परिवार को पूरा सम्मान दिया। बाबूलाल के खिलाफ प्रणव भाजपा से मैदान में थे। लेकिन वे टिक नहीं सके थे। 2009 के लोकसभा चुनाव में बाबूलाल के खिलाफ भाजपा ने अपने गांडेय के पूर्व विधायक लक्ष्मण स्वर्णकार को उतारा। इधर प्रणव वर्मा राजद से चुनाव मैदान में उतरे थे। बाबूलाल के खिलाफ न तो लक्ष्मण चले और न ही प्रणव। इस लड़ाई में प्रणव चौथे नंबर पर चले गए थे।

2014 के चुनाव के पूर्व प्रणव पहली बार बाबूलाल की पार्टी झाविमो में शामिल हो गए। 2014 के लोकसभा चुनाव में बाबूलाल ने अपनी कोडरमा सीट से प्रणव को उतार दिया। वे खुद दुमका लौट गए। भाजपा के डॉ. रवींद्र कुमार राय इस बार बाजी मार ले गए। प्रणव तीसरे नंबर पर चले गए थे। प्रणव ने 2019 के लोकसभा चुनाव के ठीक पूर्व फिर पाला बदला। इस बार वे भाजपा में शामिल हो गए। उन्हें पूरी उम्मीद थी कि पिता के नाम व सामाजिक समीकरण को देखते हुए भाजपा इस बार भी उन्हें प्रत्याशी बनाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 2006 से हर बार लोकसभा चुनाव लडऩे वाले प्रणव टिकट कटने के बावजूद भाजपा में न सिर्फ बने हुए हैं बल्कि भाजपा प्रत्याशी अन्नपूर्णा देवी के लिए वोट भी मांग रहे हैं।

विधायक भतीजे ने भी लगाया था पूरा जोर

गिरिडीह एवं कोडरमा जिले में जनसंघ से लेकर भाजपा को स्थापित करने में रीतलाल प्रसाद वर्मा एवं उनके बड़े भाई जगदीश प्रसाद कुशवाहा का बड़ा योगदान था। रीतलाल के निधन के बाद राजनीतिक विरासत की जंग में उनके भतीजे एवं जगदीश कुशवाहा के बेटे प्रो. जयप्रकाश वर्मा ने बाजी मार ली थी। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर वे गांडेय से जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। कोडरमा लोकसभा क्षेत्र से भाजपा टिकट के वे इस बार प्रबल दावेदार थे। अंतिम समय तक वे टिकट के दौड़ में मजबूती से कायम थे। अन्नपूर्णा देवी की इंट्री से उनकी बात नहीं बन पायी थी। प्रो. जयप्रकश भी अन्नपूर्णा की जीत के लिए मैदान में उतर चुके हैं।

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1977 लोकसभा चुनाव परिणाम

-रीतलाल प्रसाद वर्मा जनता पार्टी-169387-28 फीसद

-सी भट्टाचार्य कांग्रेस-53359-8 फीसद

-रामनारायण प्रसाद यादव कांग्रेस-31337-3 फीसद

1980 लोकसभा चुनाव परिणाम

-रीतलाल प्रसाद वर्मा जनता पार्टी-108236-15 फीसद

-जावेद वारसी कांग्रेस-85870-12 फीसद

-शंकरदयाल सिंह -31375

1984 लोकसभा चुनाव परिणाम

-तिलकधारी प्रसाद ङ्क्षसह कांग्रेस-208731-27 फीसद

-रीतलाल प्रसाद वर्मा भाजपा-97348-12 फीसद

-मो इनामुल हक-10453

1989 लोकसभा चुनाव परिणाम

- रीतलाल प्रसाद वर्मा भाजपा-243805-25 फीसद

-तिलकधारी प्रसाद ङ्क्षसह कांग्रेस-141511-14 फीसद

-डॉ सबा अहमद झामुमो-111029-11 फीसद

1991 लोकसभा चुनाव परिणाम

-मुमताज अंसारी जनता दल-162419-16 फीसद

-रीतलाल प्रसाद वर्मा भाजपा-148297-15 फीसद

-तिलकधारी प्रसाद ङ्क्षसह कांग्रेस-128003-13 फीसद

1996 चुनाव परिणाम

-रीतलाल प्रसाद वर्मा भाजपा-243295-21 फीसद

-रमेश प्रसाद यादव जनता दल-196341-17 फीसद

-उमेशचंद्र अग्रवाल कांग्रेस-69230-6 फीसद

1998 लोकसभा चुनाव परिणाम

-रीतलाल प्रसाद वर्मा भाजपा-280635-24 फीसद

-आबिद हुसैन राजद-182724-16 फीसद

-तिलकधारी प्रसाद सिंह- कांग्रेस-122478-10 फीसद

1999 लोकसभा चुनाव परिणाम

-तिलकधारी प्रसाद सिंह- कांग्रेस-273808- 24 फीसद

-रीतलाल प्रसाद वर्मा भाजपा- 263630--23 प्रतिशत

-नजमुल हसन-21100-1 फीसद

2004 लोकसभा चुनाव परिणाम

- बाबूलाल मरांडी भाजपा-366656-,27फीसद

-चंपा वर्मा झामुमो-211712-15 फीसद

-राजकुमार यादव भाकपा माले-136554-10 फीसद

2009 लोकसभा चुनाव परिणाम

-बाबूलाल मरांडी झाविमो-199462-14 फीसद

-राजकुमार यादव माले-150942-10 फीसद

-लक्ष्मण स्वर्णकार भाजपा-115145-8 फीसद

2014 लोकसभा चुनाव परिणाम

-डॉ रवींद्र कुमार राय-भाजपा-365410-22 फीसद

-राजकुमार यादव माले-266756-16 फीसद

-प्रणव वर्मा झाविमो-160638-9 फीसद


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