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कोरोना वायरस संकट में 31 लाख से अधिक लोगों के 'सारथी' बन गए सीएम योगी आदित्यनाथ

Fight Against COVID-19योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सरकार ने उनके लिए मुफ्त में सरकारी बस का इंतजाम कर उन्हेंं सकुशल और सुरक्षित तरीके से घर तक पहुंचाया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 05 Jun 2020 04:34 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 04:34 PM (IST)
कोरोना वायरस संकट में 31 लाख से अधिक लोगों के 'सारथी' बन गए सीएम योगी आदित्यनाथ

लखनऊ, जेएनएन। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण पर अंकुश लगाने के प्रयास के साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने घर से बाहर फंसे लोगों की बड़ी चिंता की। इसके बाद समाधान निकाला और उत्तर प्रदेश के बाहर फंसे 31 लाख से अधिक लोगों को घर वापस कराया। इन सभी के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुशल सारथी की भूमिका में हैं।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना वायरस के संकट में 31 लाख लोगों के लिए 'सारथी' बने हैं। देश में लम्बे लॉकडाउन में जिस वक्त बाहरी राज्यों से श्रमिक और कामगार पैदल चल पड़े, उस वक्त योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सरकार ने उनके लिए मुफ्त में सरकारी बस का इंतजाम कर उन्हेंं सकुशल और सुरक्षित तरीके से घर तक पहुंचाया। देश में सबसे सर्वाधिक प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों को उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने अपनी सेवा दी है। परिवहन निगम की बसों ने विभिन्न राज्यों से बस, ट्रेन द्वारा एवं बार्डर क्षेत्र से आए हुए 31 लाख से अधिक लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया। यही नहीं, अनलाक-1 के तीसरे दिन रोडवेज बसों ने एक लाख से ज्यादा लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने का कार्य किया।

परिवहन निगम लाकडाउन में बाहरी राज्यों के श्रमिकों और कामगारों के लिए बड़ी उम्मीद बना है। 27 मार्च को उत्तर प्रदेश में दिल्ली बार्डर पर भारी संख्या में श्रमिक इकट्ठा हो गए तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रात में ही परिवहन विभाग के अधिकारियों को जगा कर आपातकालीन सेवाएं शुरू करवाई। तब से सेवाएं 30 मई तक जारी रहीं। 27 मार्च से लेकर 30 मई तक प्रदेश के विभिन्न कारागार बंदियों, शेल्टर होम्स, क्वारंटीन सेंटर्स, कोटा व प्रयागराज के छात्रों, हरियाणा-मध्य प्रदेश व राजस्थान में फंसे उत्तर प्रदेश के श्रमिकों व सीमावर्ती राज्यों से श्रमिक स्पेशल ट्रेन से आने वाले मजदूरों को उनके गृह जनपदों तक सुरक्षित पहुंचाया गया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर परिवहन निगम की बसों से उत्तर प्रदेश में फंसे उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, बिहार एवं छत्तीसगढ़ के नागरिकों को उनके घर पहुंचाया गया। नवोदय विद्यालयों में अध्ययनरत यहां पर अन्य प्रदेशों के छात्र-छात्राओं को केरल, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश एवं बिहार आदि राज्यों तक सफलतापूर्वक सुरक्षित घर पहुंचाया गया। 27 मार्च से लेकर 30 मई तक चली आपातकालीन सेवाओं में परिवहन निगम की 82,500 बस से 31 लाख यात्रियों को सुरक्षित रूप से घर पहुंचाया गया। विशेषकर प्रदेश के विभिन्न राजमार्गों पर पैदल चलने वाले श्रमिकों और कामगारों को निगम बसों में बैठाकर उनके इच्छित स्थानों तक पहुंचाकर उनकी सहायता की गई है।

कोरोना संक्रमण को देखते हुए परिवहन निगम ने सभी बस स्टेशनों का प्रत्येक छह घंटों में सेनीटाइजेशन, कार्याशालाओं, बसों का नियमित सेनीटाइजेशन किया। चालकों व परिचालकों को मास्क और ग्लब्स मुहैया करवाया। यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग एवं हैंड सेनीटाइजेशन की निशुल्क व्यवस्था भी की गई। आपातकालीन सेवा में लखनऊ, सहारनपुर, गाजियाबाद, अलीगढ़, झांसी, गोरखपुर, वाराणसी, आजमगढ़ और प्रयागराज क्षेत्र का अहम योगदान रहा है।

अनलाक- 1 में सफर का साथी

अनलाक-1 यानि कि 1 जून को परिहवन निगम ने 2200 बसें चलाई। इसमें 52,000 लोगों ने सफर किया। इसी तरह दूसरे दिन 31,000 बसे चलाकर 68,000 और तीसरे दिन 3700 बसें चलाकर 1.10 लाख यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान लाया और ले जाया गया है। इसके लिए परिहन निगम ने अपने सभी बस अड्डों पर यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग, हैंड सेनीटाइजर की निशुल्क व्यवस्था की है। इसके अलावा यात्रियों के लिए कोविड-19 हेल्प डेस्क व कोविड-19 टास्क फोर्स की भी व्यवस्था की गई है। 


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