Fight Against Corona: योगी आदित्यनाथ सरकार की चीन को बैकफुट पर लाने की तैयारी, माटी कलाकारों को ट्रेनिंग
Fight Against Corona Virus in UP इनको इतना निखारा जाएगा कि इनके हाथ से बने सभी उत्पाद चीन की मूर्तियों और उत्पादों को मात दे सकें।
लखनऊ, जेएनएन।Fight Against Corona Virus in UP: वैश्विक महामारी का प्रसार करने वाले चीन को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार कड़ी आर्थिक चोट देने की तैयारी में लगी है। जुलाई माह से तो इस पर काम भी शुरू कर दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश में इतना उत्पादन का लक्ष्य है कि दीपावली पर देश भर में मिट्टी के बेहद डिजाइनर दीया तथा बर्तन की सप्लाई उत्तर प्रदेश से होगी।
कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लॉकडाउन से परेशान प्रवासी कामगार तथा श्रमिकों के बड़ी संख्या में प्रदेश में लौटने का योगी आदित्यनाथ सरकार बड़ा लाभ लेने की तैयारी में है। प्रदेश के खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग ने माटी कलाकारों की सूची तैयार करनी शुरू कर दी है। इनको माटी कला बोर्ड से जोड़कर आधुनिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन कलाकारों को प्रशिक्षण के साथ नि:शुल्क अत्याधुनिक डाई तथा फर्निशिंग मशीन व आवश्यक मैटेरियल उपलब्ध कराया जाएगा। जिससे कि यह लोग चीन से बेहतर मिट्टी का डिजाइनर दीया, बर्तन व सजावटी उत्पाद तैयार कर सकें। इनको इतना निखारा जाएगा कि इनके हाथ से बने सभी उत्पाद चीन की मूर्तियों और उत्पादों को मात दे सकें। भारत के माटी कलाकार विश्व में उनसे प्रतिस्पर्धा कर सकें। इसके लिए सरकार माटी कला बोर्ड से जुड़े कुम्हारों को मुफ्त उपकरण देगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एमएसएमई उद्यमियों का हौसला बढ़ाते हुए आने वाले दिनों में चीनी बाजार पर अपनी निर्भरता कम करने के संकेत दिए। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि इस बार दीपावली के अवसर पर चीन से गौरी-गणेश की मूर्तियां नहीं आएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम गोरखपुर के टेराकोटा को डिजाइन देंगे और उसके अनुसार उत्पाद तैयार करेंगे। उन्होंने कहा अयोध्या में आयोजित पहले दीपोत्सव में 51,000 दीप प्रज्ज्वलित किए गए थे। यह मिट्टी के दीपक, हमें पूरे उत्तर प्रदेश में ढूंढ़ने पड़े थे तब हमें 51,000 दीपक मिल पाए थे। इस बार हम अपनी क्षमता बढ़ाएंगे ताकि चीन से दीये न खरीदने पड़ें।
योगी आदित्यनाथ सरकार इस बार की दीपावली इनके उत्पादों के प्रयोग से बेहद यादगार मनाने की तैयारी में है। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में यह सुविधा गोरखपुर, वाराणसी और लखनऊ के माटी कलाकारों के लिये शुरू की जाएगी। इसके तहत मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हारों को मूर्तियों और दीपक बनाने के लिए सरकार की तरफ से उपकरण फ्री दिए जाएंगे।
उत्तर प्रदेश में इनके उत्पादों की उपलब्धता होने के बाद चीनी उत्पादों पर निर्भरता कम होगी। सरकार का प्रयास स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ चीन के सस्ते सामानों का मुकाबला करने का है। इसकी पूरी रणनीति बन रही है। सरकार ने अब दीपावली के दौरान चीन से आने वाली मूर्तियों, दीयों और झालरों पर निर्भरता कम करने के लिए योजना को अंतिम रूप दे दिया है।
तीनों जिलों के माटी कलाकारों और खादी-ग्रामोद्योग विभाग के शीर्ष अधिकारियों की लखनऊ में बैठक में के बाद निर्णय लिया गया कि चीन से आने वाली प्रतिमाओं, डिजाइनर दीयों पर निर्भरता कम करने के लिए जून के आखिर से अगस्त तक ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।
प्रदेश के माटी कलाकार चीन की मूर्तियों और उत्पादों से प्रतिस्पर्धा कर सकें इसके लिए कारीगरों की मांग पर मुफ्त पग मिल, इलेक्ट्रानिक चाक, दीपक बनाने वाली मशीन और मार्डन डिजाइन की डाई उपलब्ध कराने का निर्णय भी लिया गया है। कुम्हारों की कला को बढ़ावा देने के लिए जिन जिलों में कुम्हारों और मिट्टी कला से जुड़े कारीगरों के लिए सुविधा केंद्र का अभाव है, वहां तत्काल सुविधा केंद्र खोले जाने के प्रस्ताव भी मांगे गए है।