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बिहार में फिर तीसरे मोर्चे की सुगबुगाहट, पप्पू यादव ने मांझी से कहा- हम साथ हैं, आप करें नेतृत्व

बिहार में एनडीए व महागठबंधन से अलग तीसरे मोर्चे के गठन की कवायद फिर शुरू हो गई है। इसके लिए पप्‍पू यादव ने जीतनराम मांझी व कन्‍हैया कुमार से मुलाकात की है।

By Amit AlokEdited By: Published: Thu, 15 Aug 2019 09:20 PM (IST)Updated: Fri, 16 Aug 2019 10:33 PM (IST)
बिहार में फिर तीसरे मोर्चे की सुगबुगाहट, पप्पू यादव ने मांझी से कहा- हम साथ हैं, आप करें नेतृत्व
बिहार में फिर तीसरे मोर्चे की सुगबुगाहट, पप्पू यादव ने मांझी से कहा- हम साथ हैं, आप करें नेतृत्व

पटना [जेएनएन]। बिहार में तीसरे मोर्चे (Third Front) के गठन की आवाज नई नहीं है। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में हार के कारण विपक्षी महागठबंधन (Grand Alliance) में आई कमजोरी के बाद फिर इसकी मांग उठती दिख रही है। जन अधिकार पार्टी ( JAP) के अध्यक्ष व पूर्व सांसद पप्पू यादव (Pappu Yadav) की हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी (Jitan Ram  Manjhi) तथा भारतीय कम्‍युनिस्‍ट पार्टी (CPI) नेता व जवाहरलाल नेहरू विवि (JNU) छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) से मुलाकात ने इसे लेकर कयासों को तेज कर दिया है।

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पप्‍पू यादव की मांझी व कन्‍हैया से मुलाकात
पूर्व सांसद पप्पू यादव ने गुरुवार को जीतन राम मांझी से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की। दोनों के बीच बंद कमरे में करीब दो घंटे तक बातचीत हुई। माना जा रहा है कि दोनों ने आगामी विधानसभा चुनाव (Assembly Election) को लेकर बातचीत की, जिसमें पप्पू यादव ने मांझी को तीसरे मोर्चे का नेतृत्व करने का आमंत्रण दिया। पप्‍पू यादव ने अपनी पार्टी के दफ्तर में कन्हैया कुमार से भी मुुलाकात की। सूत्र बताते हैं कि इस मुलाकात में भी तीसरे मोर्चे के गठन को लेकर चर्चा हुई।
मांझी या कन्‍हैया या फिर कांग्रेस करे नेतृत्‍व
पप्‍पू यादव कहते हैं कि अगर मांझी व कन्‍हैया जैसे लोग बिहार को नेतृत्व देते हैं तो वे साथ देने को तैयार हैं। वे यह भी कहते हैं कि अगर कांग्रेस तीसरे मोर्चे का नेतृत्व करे तो बिहार में नये विकल्प की तलाश की जा सकती है।



महागठबंधन की हार के बाद तेज हुई कवायद

दरअसल, पप्पू यादव लोकसभा चुनाव के पहले से ही तीसरे मोर्चे के गठन की कोशिश में लगे हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान यह संभव नहीं हो पाया था। अब अगले साल अक्टूबर-नवंबर में होने जा रहे बिहार विधानसभा चुनाव को ले राजनीतिक दलों ने नए सिरे से तैयारियां शुरू कर दी हैं। इधर, लोकसभा चुनाव में हार के बाद विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव (Tejashwi Yadav) राजनीतिक निष्क्रियता के दौर से गुजर रहे हैं। इस कारण महागठबंधन के साथ उसका सबसे बड़ा दल राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) भी नेतृत्‍वविहीन दिख रहा है।
नीतीश को पाले में लाने की कोशिश में आरजेडी
बदली परिस्थितियों में आरजेडी की तरफ से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपने पाले में लाने की कोशिश भी की जा रही है। आरजेडी के राष्‍ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने तो यहां तक कह दिया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सामना करने के ताकत केवल नीतीश कुमार में है।
ऐसा तीसरा मोर्चा बनाने में जुटे पप्‍पू यादव
इस परिस्थिति में पप्‍पू यादव भी तीसरा मोर्चा बनाने की कवायद में जुट गए हैं। राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) व महागठबंधन से अलग इस मोर्चे में भारतीय जनता पार्टी (BJP) व आरजेडी के लिए कोई जगह नहीं होगी। अब देखना यह है कि पप्‍पू यादव की कोशिश कहां तक सफल होती है।


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