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दिल्‍ली में AAP की जीत का पंजाब में असर, जनता की ओर नए अंदाज में चली अमरिंदर सरकार

दिल्‍ली विधानसभा चुनाव में आप की जीत का पंजाब में भी असर पड़ा है। कैप्‍टन अमरिंदर सिंह सरकार ने नए अंदाज में जनता कीे ओर रुख किया है। कर्जमाफी का नया दौर शुरू हाे रहा है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 15 Feb 2020 10:07 AM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 01:07 PM (IST)
दिल्‍ली में AAP की जीत का पंजाब में असर, जनता की ओर नए अंदाज में चली अमरिंदर सरकार
दिल्‍ली में AAP की जीत का पंजाब में असर, जनता की ओर नए अंदाज में चली अमरिंदर सरकार

चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। Delhi assembly Election में आम आदमी पार्टी को मिली बंपर जीत का असर पंजाब में भी दिखाई देना शुरू हो गया है। पंजाब की कैप्‍टन अमरिंदर सिंह सरकार ने अब नए अंदाज में जनता की ओर रुख किया है। राज्‍य में कर्ज माफी का नया दौर शुरू हो रहा है तो सरकार ने बिजली,पानी और स्‍वास्‍थ्‍य पर नए कदम उठाए हैं। कैप्टन सरकार ने पिछले एक साल से रोकी हुई कर्ज माफी योजना को फिर से शुरू कर दिया है। कैप्टन ने मंडी बोर्ड से 721 करोड़ रुपये मांगे हैं, ताकि खेतिहर मजदूरों और पांच एकड़ जमीन वाले किसानों के रुके हुए मामलों को निपटाया जा सके। इसके अलावा विभाग को 900 करोड़ रुपये की और दरकार है, जिससे कर्ज माफी योजना का अगला पड़ाव शुरू किया जा सके।

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पंजाब में कर्जमाफी की नया दौर, बिजली-पानी व हेल्‍थ पर नए कदम

कृषि विभाग के एक सीनियर अधिकारी ने कहा है कि मंडी बोर्ड को 721 करोड़ रुपये देने के लिए लिख दिया गया है। मंडी बोर्ड ने ही कर्ज माफी योजना किसानों व खेतिहर मजदूरों को राहत देने के लिए पैसे का प्रबंध किया है। पहले भी जिन किसानों को 4800 करोड़ से ज्यादा की कर्ज माफी मिली है, उन्हें इसी फंड से पैसा दिया गया है। विभाग को उम्मीद है कि 31 मार्च से पहले पहले यह राशि अदा कर दी जाएगी।

कृषि विभाग ने मंडी बोर्ड से मांगे 721 करोड़, 2.85 लाख खेतिहर मजदूरों के माफ होंगे 520 करोड़ रुपये का कर्ज

गौरतलब है कि खेतीबाड़ी विभाग ने मंडी बोर्ड से जिस 721 करोड़ रुपये की मांग की है, उसमें से 520 करोड़ रुपये खेतिहर मजदूरों के कर्ज को माफ करने के लिए खर्च होंगे। 2.85 लाख उन खेतिहर मजदूरों का कर्ज माफ किया जाएगा, जिन्होंने सहकारी समितियों से 25 हजार तक का लोग लिया हुआ था, जबकि 201 करोड़ रुपये छोटे व सीमांत किसानों के कर्ज माफ करने पर खर्च किए जाएंगे। ये तीस हजार वे केस हैं, जो पिछले साल कर्ज माफी के दौरान छूट गए थे। नए सिरे से हुई पड़ताल के बाद सरकार ने अब इन किसानों के कर्ज को भी माफ करने का फैसला लिया है।

सत्ता संभालते ही किया था ऐलान

बता दें कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सत्ता संभालने के बाद किसानों की कर्ज माफी योजना शुरू करने का ऐलान किया था और इसके लिए डॉ. टी हक की एक कमेटी भी बनाई गई थी। इसकी सिफारिशों पर अमल करते हुए यह योजना लागू की गई। पहले चरण में ढाई एकड़ से कम जमीन वाले उन किसानों के दो लाख रुपये तक के कर्ज माफ किए गए, जिन्होंने सहकारी समितियों से कर्ज लिया हुआ था।

दूसरे चरण में राष्ट्रीयकृत बैंकों से कर्ज लेने वालों का कर्ज माफ किया गया। तीसरे चरण में पांच एकड़ तक की जमीन वाले उन किसानों के दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ किया गया, जिन्होंने सहकारी बैंकों व को-ऑपरेटिव समितियोंं से पैसा लिया हुआ था।

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कैप्टन का जिला उपायुक्तों को निर्देश- बिजली, पानी, शिक्षा व स्वास्थ्य पर दें जोर

इसके साथ ही आप की दिल्‍ली में जीत से बिजली, पानी, शिक्षा व स्वास्थ्य के मुद्दे पर भी पंजाब सरकार पर दबाव बढ़ गया है। कैप्‍टन सरकार केजरीवाल मॉडल के दबाव में आ गई है। मुख्‍यमंत्री अमरिंदर सिंह ने जिला उपायुक्तों (डीसी) के साथ बैठककर साफ निर्देश दिए कि वे भी इन चार मुद्दों पर विशेष ध्यान दें। इन्हें प्राथमिकता देकर विकास कार्यों में तेजी लाएं।

मुख्यमंत्री ने नागरिक केंद्रित सेवाओं को यकीनी बनाने के लिए सभी सेवा केंद्रों के कामकाज पर निगरानी रखने को कहा। उन्होंने कहा कि लोगों के सभी बकाया आवेदनों को समय पर निपटाया जाए। प्रशासकीय सुधार विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव विनी महाजन ने बताया कि राज्य में 515 सेवा केंद्र चल रहे हैं। सभी जिलों में 26 लाख से ज्यादा आवेदन आए हैं, जिनमें से 42261 अर्जियां ही लंबित हैं। मुख्यमंत्री ने संपत्ति तबादले, जमीन के विभाजन और इंतकाल जैसे मामलों के फौरन निपटारे के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शिकायत निवारण कमेटी की हर महीने मीटिंग बुलाई जाए और निर्धारित समय पर रिपोर्ट भेजें।

बिजली चोरी रोकने को बरते सख्ती

सीमांत क्षेत्रों में खासतौर पर तरनतारन जिले में 71.26 फीसद बिजली चोरी का गंभीर नोटिस लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे हर साल सरकारी खजाने को बड़ा घाटा पड़ रहा है। इससे कड़े हाथों से निपटना होगा। उन्होंने तरनतारन के डीसी को पुलिस व पावरकॉम के मिलकर रणनीति बनाने के लिए कहा।

नशे पर कसें नकेल

नशे के मुद्दे पर सीएम ने अब तक के परिणामों पर तसल्ली जाहिर करते हुए सीएम ने कहा कि नशे का सेवन करने वालों की गिनती में बड़ी मात्रा में कमी आई है। सभी डीसी, एसएसपी व एसटीएफ अधिकारी इस मामले में कोई ढील न बरतें। उन्होंने बेघरों को प्राथमिकता के आधार पर पंचायती जमीन देकर घर बनाने की भी हिदायत दी। स्मार्ट गांव मुहिम के तहत स्कूलों व स्ट्रीट लाइटों के बुनियादी ढांचे को अपग्रेड करने के विकास कार्यों को भी इस मुहिम में शामिल करें। उन्होंने 30 मार्च 2020 तक ठोस कूड़ा-कर्कट प्रबंधन की प्रगति पर नियमित तौर पर निगरानी रखने को कहा।

बेसहारा पशुओं व आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने को मांगे सुझाव

सीएम ने बेसहारा पशुओं और आवारा कुत्तों के बढ़ रहे खतरे पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में कई कीमती जानें गई हैं। उन्होंने सभी जिला उपायुक्तों से सुझाव भी मांगे।


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