राजभवन की चेतावनी को धमकी बता द्रमुक ने किया वाक आउट
द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने बाद में कहा कि राजभवन की तरफ से जो चेतावनी जारी की गई है वह धमकी है।
चेन्नई, प्रेट्र। तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के जिलावार दौरों का विरोध कर रही द्रमुक ने सोमवार को विधानसभा में अपनी आवाज उठाने की कोशिश की, लेकिन स्पीकर पी धनपाल ने उन्हें अनुमति नहीं दी। उसके बाद द्रमुक व उसकी सहयोगी कांग्रेस व आइयूएमएल ने सदन से वाक आउट कर दिया।
द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने बाद में कहा कि राजभवन की तरफ से जो चेतावनी जारी की गई है वह धमकी है। लेकिन वह इसकी परवाह नहीं करते। राजभवन उन्हें सात साल की सजा का भय दिखा रहा है पर वह राज्य के हितों के लिए ताउम्र जेल जाने को तैयार हैं। स्टालिन का कहना था कि गवर्नर के दौरे नहीं रुके तो उनकी पार्टी अपना तीखा विरोध दर्ज कराएगी। द्रमुक का कहना है कि राज्यपाल इस तरह की कार्यप्रणाली से चुने हुए प्रतिनिधियों का मजाक बना रहे हैं। वह केवल सरकार के मुखिया हैं और उन्हें रोजाना के कामकाज में दखल का अधिकार नहीं है। वह अफसरों के साथ समीक्षा बैठक कर चुनी हुई सरकार को कमजोर कर रहे हैं। स्टालिन का यहां तक कहना था कि यह लड़ाई केवल उनके अपने लिए नहीं बल्कि अन्नाद्रमुक के लिए भी है।
ध्यान रहे कि पुरोहित जिलावार दौरे करके अफसरों के साथ बैठक कर रहे हैं। द्रमुक ने चेतावनी दी थी कि इस पर रोक नहीं लगाई गई तो राजभवन का घेराव किया जाएगा। गवर्नर हाउस की तरफ से कहा गया कि ऐसा किया गया तो कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। गवर्नर हाउस ने कहा था कि संविधान के तहत पुरोहित को निर्बाध काम करने की स्वतंत्रता है। वह अपने अधिकार क्षेत्र में कहीं भी जाकर आम जन व अधिकारियों से मिल सकते हैं। कोई भी राजनीतिक दल इसमें बाधा नहीं डाल सकता है। राज्यपाल अपने दौरों के बाद सारी रिपोर्ट राष्ट्रपति को भेजेंगे और ऐसा करने का उन्हें पूरा अधिकार है।