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NRC पर NDA में मतभेद फिर उजागर, JDU के प्रशांत किशोर के बाद केसी त्‍यागी ने भी कही ये बात

एनआरसी के मुद्दे पर जेडीयू केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से सहमत नहीं दिख रही। इसपर जेडीयू उपाध्‍यक्ष प्रशांत किशोर व महासचिव केसी त्‍यागी ने बड़े बयान दिए हैं।

By Amit AlokEdited By: Published: Mon, 02 Sep 2019 08:11 PM (IST)Updated: Tue, 03 Sep 2019 06:44 AM (IST)
NRC पर NDA में मतभेद फिर उजागर, JDU के प्रशांत किशोर के बाद केसी त्‍यागी ने भी कही ये बात
NRC पर NDA में मतभेद फिर उजागर, JDU के प्रशांत किशोर के बाद केसी त्‍यागी ने भी कही ये बात

पटना [जेएनएन]। नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) को लेकर राष्‍ट्रीय जनतंत्रिक गठबंधन (NDA) के घटक दलों में फिर मतभेद दिख रहा है। एनआरसी की कड़ी आलोचना करते हुए जनता दल यूनाइटेड (JDU) उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) के ट्वीट के बाद इसपर सियासी चर्चा फिर आरंभ हो गई है। जेडीयू के राष्‍ट्रीय महासचिव केसी त्‍यागी (KC Tyagi) ने भी कहा कि सभी दल यह मान रहे कि एनआरसी संपूर्ण नहीं है।

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असम में एनआरसी की अंतिम सूची से करीब 19 लाख लोगों के बाहर हो जाने को लेकर सियासत गर्म है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जेडीयू के रिश्ते पर भी बात शुरू है। चर्चा का एक कोण यह भी है कि जेडीयू के उपाध्‍यक्ष प्रशांत किशोर पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के लिए काम कर रहे हैं। एनआरसी का पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) विरोध कर रहीं हैं। ममता बनर्जी ने कहा है कि एनआरसी की सूची से बाहर रखे जाने वालों में पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद (Fakhruddin Ali Ahmed) के परिजन भी हैं। सरकार को यह ध्यान रखना चाहिए कि असली भारतीयों को इससे बाहर नहीं किया जाए।

प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर किया विरोध

प्रशांत किशोर ने अपने ट्वीट के आरंभ में ही यह कहा है कि एनआरसी ने अपने ही देश के लाखों लोगों को विदेशी मूल का बना दिया। प्रशांत किशोर ने अपने ट्वीट में यह कहा था कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इस जटिल मुद्दे के समाधान को ठीक से समझा नहीं गया। नीतिगत  चुनौतियों का ध्यान नहीं रखा गया।

केसी त्‍यागी बोले: एनआरसी संपूर्ण नहीं

इसपर जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी का कहना है कि विदेश मंत्रालय ने तो यह स्पष्ट किया है कि एनआरसी में नाम नहीं रहने की वजह से किसी को देश से बाहर नहीं भेजा जाएगा। सभी दल यह मान रहे कि एनआरसी संपूर्ण नहीं है। असम में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने भी एनआरसी पर आपत्ति की है।

यागी का कहना है कि असम गण परिषद ने इस मसले को उठाया तो जेडीयू ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि इनकी बात सुनी जानी चाहिए। कांग्रेस व वामदलों ने भी एनआरसी के मसले पर वही राय दी है जो हमलोग कह रहे। यह सच है कि बहुत सारे लोगों के नाम एनआरसी मेंं दर्ज नहीं हो पाए हैं। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) भी इस मसले से जुड़ी याचिका पर सुनवाई कर रहा है।


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