Maharashtra: देवेंद्र फड़णवीस बोले, अनंत हेगड़े का दावा झूठा; केंद्र को नहीं वापस किया पैसा
Maharashtra कर्नाटक के सांसद अनंत हेगड़े ने कहा था कि महाराष्ट्र को केंद्र सरकार से मिले 40000 करोड़ रुपये लौटाने के लिए देवेंद्र फड़णवीस तीन दिन के लिए मुख्यमंत्री बने थे।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। Maharashtra: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कर्नाटक के सांसद अनंत हेगड़े के इस दावे को झूठा करार दिया है कि वह केंद्र सरकार के 40,000 करोड़ रुपये लौटाने के लिए तीन दिन के मुख्यमंत्री बने थे। हेगड़े का यह दावा रविवार से ही विवाद का विषय बना हुआ है।
कर्नाटक के सांसद अनंत हेगड़े ने कहा था कि महाराष्ट्र को केंद्र सरकार से मिले 40,000 करोड़ रुपये लौटाने के लिए देवेंद्र फड़णवीस तीन दिन के लिए मुख्यमंत्री बने थे। सोमवार को देवेंद्र फड़णवीस ने इस दावे का खंडन करते हुए कहा है कि यह दावा बिल्कुल झूठा है। महाराष्ट्र से एक भी पैसा केंद्र सरकार को वापस नहीं किया गया है। फड़नवीस ने कहा कि मैं इस दावे को सिरे से नकारता हूं। ऐसी कोई भी घटना नहीं घटी है। फड़णवीस के अनुसार बुलेट ट्रेन परियोजना केंद्र सरकार के अंतर्गत बनी एक कंपनी द्वारा चलाई जा रही है। उसमें महाराष्ट्र सरकार का काम सिर्फ भूमि अधिग्रहण का है। उसमें महाराष्ट्र सरकार द्वारा पैसे देने का कोई सवाल ही नहीं उठता।
फड़णवीस के अनुसार, बुलेट ट्रेन हो या कोई और परियोजना, उसके लिए न तो महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र से कोई पैसा कभी मांगा, न केंद्र ने कोई पैसा दिया। तो उसे लौटाने का प्रश्न ही नहीं उठता। फड़णवीस ने कहा कि मुख्यमंत्री या कार्यवाहक मुख्यमंत्री रहते उनके द्वारा इस तरह का कोई बड़ा नीतिगत निर्णय नहीं लिया गया। उनके अनुसार जो भी व्यक्ति केंद्र या राज्य की एकाउंटिंग व्यवस्था को समझता है, वह जान सकता है कि केंद्र और राज्य के बीच पैसों लेनदेन इस प्रकार नहीं किया जाता। वित्त विभाग चाहे तो इस तथ्य की जांच करके जनता के सामने सही तथ्यों का खुलासा कर सकता है। हेगड़े के बयान पर नाराजगी जताते हुए फड़णवीस ने कहा कि इस प्रकार के बयान देना और ऐसे गलत बयानों पर प्रतिक्रिया देना, दोनों ही गलत हैं।
गौरतलब है कि पिछले पखवाड़े महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने राकांपा विधायक दल के तत्कालीन नेता अजीत पवार के समर्थन से भाजपा सरकार बनाने का प्रयास किया था। 23 नवंबर को सुबह आठ बजे उन्होंने राजभवन में मुख्यमंत्री पद की एवं अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली थी। लेकिन तीन दिन में ही अजीत पवार समर्थक विधायकों द्वारा उनका साथ न देने से खेल पलट गया और अजीत पवार को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। उसके दो घंटे बाद ही खुद फड़नवीस ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। फड़णवीस के इस प्रकार अल्प अवधि के लिए मुख्यमंत्री बनने की राजनीतिक हलकों में खिल्ली उड़ाई जा रही है। अब दूसरे राज्य के भाजपा सांसद अनंत हेगड़े के इस विवादित बयान ने भी फड़नवीस को बचाव की मुद्रा में ला दिया है।
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