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यूपी में लॉकडाउन के दौरान अब तक 2089 FIR, अब काला बाजारी पर पुलिस की कड़ी नजर

Coronavirus उत्तर प्रदेश में पुलिस ने बुधवार को लॉकडाउन के दौरान कानून-व्यवस्था की चुनौती को पहले दिन सफलता से पार करने के बाद आगे के लिए रणनीति बनानी भी शुरू कर दी है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 25 Mar 2020 11:21 PM (IST)Updated: Thu, 26 Mar 2020 12:02 AM (IST)
यूपी में लॉकडाउन के दौरान अब तक 2089 FIR, अब काला बाजारी पर पुलिस की कड़ी नजर
यूपी में लॉकडाउन के दौरान अब तक 2089 FIR, अब काला बाजारी पर पुलिस की कड़ी नजर

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में पुलिस ने बुधवार को लॉकडाउन के दौरान कानून-व्यवस्था की चुनौती को पहले दिन सफलता से पार करने के बाद आगे के लिए रणनीति बनानी भी शुरू कर दी है। कहीं कोई गड़बड़ी न हो, इसके लिए डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी का फोकस भी आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई पर था। उन्होंने कुछ जगह से शिकायतें आने के बाद आवश्यक वस्तुओं के वाहनों को कहीं रोके न जाने के कड़े निर्देश दिए हैं।

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पुलिस की नजर अब काला बाजारी पर भी टिकी है। 112 पर तीन दिनों में काली बाजारी की एक हजार से अधिक शिकायतें भी आई हैं। इनमें ज्यादा शिकायतें अधिक मूल्य पर सामान बेचे जाने की हैं। डीजीपी ने विभिन्न कंट्रोल रूम पर आ रही ऐसी शिकायतों को गंभीरता से लेकर जांच कर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। डीजीपी ने लोगों से अनावश्यक घरों से बाहर न आने की अपील भी की है। 

लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में 6044 से अधिक स्थानों पर नाकेबंदी की गई है। 200150 वाहनों की चेकिंग किए जाने के साथ ही 3679 वाहनों को सीज किया गया है। धारा 188 के तहत 2089 एफआईआर भी दर्ज की गई हैं। दूसरी ओर 112 पर भी कोरोना से संबंधित शिकायतों का ग्राफ प्रतिदिन बढ़ रहा है।

लॉकडाउन के दौरान 17 घंटों में पुलिस को 9000 लोगों ने मदद के लिए कॉल की। इनमें 3200 मामले तो भीड़ एकत्रित होने के थे। इसके अलावा 1300 जरूरतमंदों ने पुलिस को कॉल कर राशन दिलाने की मांग की। लोग कोरोना के संदिग्ध मरीज के होने, मरीज के अस्पताल से भागने व यातायात के साधन न मिलने जैसी सूचनाएं भी पुलिस को लगातार दे रहे हैं।

मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस तैयार

लॉकडाउन के कारण मरीजों को अस्पताल पहुंचने में होने वाली दिक्कत से बचाने के लिए सरकार ने अपनी एंबुलेंस व्यवस्था को चौकन्ना रखा है। वही सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सीमित कर दी गई है। उनमें इमरजेंसी सेवाएं जारी हैं। बेहद जरूरी ओपीडी जैसे कि गर्भवती महिलाओं के लिए ओपीडी चलाई जा रही है।प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि यदि किसी मरीज को आकस्मिक परेशानी होती है और लॉकडाउन के कारण उसे अस्पताल पहुंचने में दिक्कत होती है तो वह तत्काल 108 सेवा पर फोन करें। एंबुलेंस उसे तत्काल घर से लेकर अस्पताल पहुंचाएगी। यदि किसी गर्भवती महिला को अचानक जरूरत पड़े तो 112 सेवा पर फोन कर एंबुलेंस बुलाई जा सकती है।


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