उपचुनाव की परीक्षा से दूर रहेगी कांग्रेस, प्रदेश पदाधिकारियों ने पार्टी हाईकमान को दी सलाह
विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस प्रदेश में होने वाले 11 विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव से कन्नी काट सकती है।
लखनऊ, जेएनएन। विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस, प्रदेश में होने वाले 11 विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव से कन्नी काट सकती है। पहले संगठन बाद में चुनाव, फार्मूला आजमाते हुए पार्टी पूरा ध्यान संगठन की मजबूती पर देने की तैयारी कर रही है।
पार्टी के आधा दर्जन पूर्व विधायकों व प्रदेश पदाधिकारियों ने पार्टी हाईकमान को इस आशय का एक पत्र लिखकर सलाह दी है कि कमजोर संगठन के रहते बार बार चुनावी परीक्षा मेंं फजीहत कराना उचित नहीं है। उपचुनाव में बिना पुख्ता तैयारी के कूदना पार्टी हित में नहीं होगा। बेहतर यह हो कि पार्टी पूरी ताकत से मिशन-2022 को कामयाब बनाने में अभी से जुट जाए। ब्लाक, जिला और प्रदेश स्तर पर जरूरी बदलाव के साथ पुख्ता रणनीति तैयार की जाए। जिस पर अमल करने के साथ पदाधिकारियों की जवाबदेही भी सुनिश्चित की जाए। पत्र में कहा गया कि वर्ष 2017 की मात के बाद से उपचुनावों को लेकर कांग्रेस के अनुभव अच्छे नहीं है। गोरखपुर व फूलपुर जैसी संसदीय सीटों पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस बेहद खराब स्थिति में रही। इसके चलते कैराना के उपचुनाव में कांग्रेस ने सपा, बसपा और रालोद गठबंधन को समर्थन करना ही उचित समझा।
11 विधानसभा क्षेत्रों में होना है उपचुनाव
उल्लेखनीय है प्रदेश के तीन मंत्रियों समेत 11 विधायक लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। लखनऊ के कैंट क्षेत्र की विधायक व पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी-इलाहाबाद, कानपुर के गोविंदनगर के विधायक व खादी ग्रामोद्योग व हथकरघा मंत्री सत्यदेव पचौरी-कानपुर तथा फीरोजाबाद के टूंडला विधायक व पशुधन मंत्री एसपी सिंह बघेल-आगरा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीत गये हैं। इनके अलावा सहारनपुर के गंगोह विधायक प्रदीप चौधरी-कैराना, अलीगढ़ के इगलास विधायक राजवीर सिंह दिलेर-हाथरस, प्रतापगढ़ के विधायक संगमलाल गुप्त-प्रतापगढ़, चित्रकूट के मानिकपुर विधायक आरके पटेल-बांदा, बलहा विधायक अक्षयवर लाल गौड़-बहराइच, जैदपुर विधायक उपेंद्र सिंह रावत-बाराबंकी से सांसद चुने गये हैं। ये सभी भाजपा से हैं जबकि सपा के रामपुर के विधायक आजम खां और जलालपुर के बसपा विधायक रीतेश पांडेय सांसद निर्वाचित हो चुके है।
पहले होगा प्रदेश अध्यक्ष का फैसला
प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर द्वारा इस्तीफे की पेशकश करने के बाद कांग्रेस नए अध्यक्ष का फैसला लेगी। संगठन के ढांचे में बदलाव करते हुए चार जोन बनाना भी प्रस्तावित है।
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