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कुंभ पर विवादित बयान देकर घिरी कांग्रेस, उदित राज के खिलाफ संगठन के भीतर भी उठी आवाज

कांग्रेस प्रवक्ता उदित राज अपने विवादित बयान को लेकर फिर चर्चा में हैं। कुंभ मेले को लेकर विवादित बयान देकर उदित राज ने पार्टी की किरकिरी करा दी है। चौतरफा घिरे उदितराज को अपनी पार्टी के भीतर भी आलोचना का शिकार होना पड़ रहा है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 09:54 PM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 09:54 PM (IST)
कुंभ पर विवादित बयान देकर घिरी कांग्रेस, उदित राज के खिलाफ संगठन के भीतर भी उठी आवाज
कुंभ मेले को लेकर विवादित बयान देकर कांग्रेस प्रवक्ता उदित राज ने पार्टी की किरकिरी करा दी है।

लखनऊ, जेएनएन। कुंभ मेले को लेकर विवादित बयान देकर कांग्रेस प्रवक्ता उदित राज ने पार्टी की किरकिरी करा दी है। चौतरफा घिरे उदितराज को अपनी पार्टी के भीतर भी आलोचना का शिकार होना पड़ रहा है। उधर, उत्तर प्रदेश के दलित संगठनों ने भी कड़ी नाराजगी जाहिर की है। कांग्रेस के पूर्व विधान परिषद सदस्य सिराज मेंहदी ने उदितराज को पार्टी से तत्काल निकालने की मांग की है।

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उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के चेयरमैन डॉ.लालजी प्रसाद निर्मल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस प्रवक्ता उदितराज ने दलितों की आस्था का अपमान किया है। महाकुंभ में अखाड़ा परिषद की ओर से दलित संत को महामंडलेश्वर की उपाधि दी गई। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सफाई कर्मियों के पैर धोकर दलितों को सम्मान देने का काम किया गया। गत वर्षों में अनुसूचित वर्ग के लिए किए कार्यों को गिनाते हुए निर्मल ने कहा कि सच्चाई यह है कि उदितराज ग्राम प्रधान का चुनाव भी नहीं जीत सकते। अगर भारतीय जनता पार्टी ने टिकट न दिया होता तो वह कभी लोकसभा नहीं पहुंच पाते।

दूसरी ओर कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के पूर्व चेयरमैन सिराज मेंहदी ने आरोप लगाया कि शीर्ष नेतृत्व को देखना चाहिए कि बिहार चुनाव और उत्तर प्रदेश में उपचुनाव के मौके पर उदितराज का विवादित बयान किसके उद्देश्य की पूर्ति कर रहा है। करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़े धार्मिक आयोजन पर घटिया बयान से कांग्रेस को भारी नुकसान होगा। बेहतर हो इस तरह के किरदारों को हाईकमान पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाए।

बता दें कि कांग्रेस नेता उदित राज अपने विवादित बयान को लेकर फिर चर्चा में हैं। उदित राज ने कुंभ मेले के आयोजन में सरकारी फंड के इस्तेमाल पर सवाल उठाए हैं। मदरसा और कुंभ की तुलना करते हुए उदित राज ने ट्वीट करके कहा, 'असम सरकार ने सरकारी फंड से मदरसे न चलाने का निर्णय किया है उसी तरह यूपी सरकार को कुंभ मेले के आयोजन पर 4200 करोड़ रुपये नहीं खर्च करने चाहिए।' 


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