कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने यूपी में सरकारी नौकरियों को लेकर योगी सरकार पर साधा निशाना
राष्ट्रीय महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर सरकारी नौकरियों में संविदा के मुद्दे पर योगी सरकार पर निशाना साधा।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की जनता के बीच ढीली हो चुकी पकड़ को मजबूत करने के उद्देश्य से कांग्रेस राज्य सरकार पर लगातार हमलावर है। आम लोगों से जुड़े मुद्दों के सहारे कांग्रेस योगी सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं चूकना चाहती है। इस कड़ी में पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को फिर ट्वीट कर सरकारी नौकरियों में संविदा के मुद्दे पर योगी सरकार पर निशाना साधा।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर कहा कि 'वाह री सरकार, पहले तो नौकरी ही नहीं दोगे। जिसको मिलेगी उसको 30-35 से पहले नहीं मिलेगी। फिर उस पर पांच साल अपमान वाली संविदा की बंधुआ मजदूरी और अब कई जगहों पर 50 वर्ष पर ही रिटायर की योजना। युवा सब समझ चुका है। अपना हक मांगने वो सड़कों पर उतर चुका है।'
वाह री सरकार
पहले तो नौकरी ही नहीं दोगे। जिसको मिलेगी उसको 30-35 से पहले नहीं मिलेगी। फिर उस पर 5 साल अपमान वाली संविदा की बंधुआ मजदूरी।
और अब कई जगहों पर 50 वर्ष पर ही रिटायर की योजना।
युवा सब समझ चुका है। अपना हक मांगने वो सड़कों पर उतर चुका है।#राष्ट्रीय_बेरोजगार_दिवस pic.twitter.com/Gg8w70GzdM— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 16, 2020
बता दें कि सरकारी नौकरी की शुरुआत में पांच वर्ष की संविदा के प्रस्ताव ने उत्तर प्रदेश की सियासत में हलचल मचा दी है। बेरोजगारी के विषय को लगातार उठा रहे विपक्ष ने इस मुद्दे को हाथों-हाथ लपका है। इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका ने ट्वीट कर कहा खा कि युवा नौकरी की मांग करते हैं और यूपी सरकार भर्तियों को पांच साल के लिए संविदा पर रखने का प्रस्ताव ला देती है। जले पर नमक छिड़ककर युवाओं को चुनौती दी जा रही है। गुजरात में यही फिक्स पे सिस्टम है। वर्षों सैलरी नहीं बढ़ती, परमानेंट नहीं करते। युवाओं का आत्मसम्मान नहीं छीनने देंगे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने इसे युवाओं के साथ ऐतिहासिक अन्याय ठहराया है।
पांच साल संविदा, फिर पक्की होगी सरकारी नौकरी : बता दें कि राज्य सरकार सभी सरकारी विभागों में समूह 'ख' और 'ग' के पदों की भर्तियों में पहले पांच वर्षों के दौरान कर्मचारियों को संविदा के आधार पर नियुक्त करने पर विचार कर रही है। संविदा की अवधि के दौरान ऐसे कार्मिकों को राज्य सरकार की ओर से नियत वेतन दिया जाएगा। इस अवधि में उन्हें नियमित सरकारी कार्मिकों को मिलने वाले सेवा संबंधी लाभ नहीं दिए जाएंगे। संविदा अवधि के दौरान कार्मिक के प्रदर्शन का प्रत्येक छमाही में मूल्यांकन होगा। मूल्यांकन में प्रतिवर्ष 60 फीसद से कम अंक पाने वाले कार्मिक सेवा से बाहर कर दिए जाएंगे। संविदा अवधि को शर्तों के अनुसार पूरा करने वालों को ही मौलिक नियुक्ति दी जाएगी।