विपक्ष बताए उद्योगों के लिए किसकी जमीन छीनी गई: रघुवर
रघुवर दास ने कहा कि विपक्षी दल केवल राजनीति के तहत विरोध कर रहे हैं। भूमि अधिग्रहण मामले में जो संशोधन किए गए हैं, वह जल्द मुआवजे की राशि दिलाने में सहायक साबित होगा।
राज्य ब्यूरो, रांची। भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद पहली बार मुख्यमंत्री रघुवर दास ने चुप्पी तोड़ी। उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर विपक्षी दलों की राजनीति को कठघरे में खड़ा किया। विपक्षी एकजुटता को राज्य विरोधी की संज्ञा दी और लगे हाथों उन्हें ललकारा भी। उन्होंने सवाल उठाया कि विपक्ष बार-बार यह भ्रम फैलाता है कि उद्योगों के लिए जमीन छीन ली जाएगी। उन्हें बताना चाहिए कि उनके शासनकाल में उद्योगों के लिए किसकी जमीन छीनी गई? वे मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन में ट्राइबल ड्रीम एवं जय आदिवासी युवा शक्ति के युवा सम्मेलन में बोल रहे थे।
रघुवर दास ने कहा कि विपक्षी दल केवल राजनीति के तहत विरोध कर रहे हैं। भूमि अधिग्रहण मामले में जो संशोधन किए गए हैं, वह जल्द मुआवजे की राशि दिलाने में सहायक साबित होगा। सरकारी आधारभूत परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण कानून को सरल किया गया है। कानून सरल और सामान्य व्यक्ति को शक्ति देनेवाला होना चाहिए। इसी के तहत सरकार ने 2013 के कानून का सरलीकरण किया है। पहले मुआवजा राशि मिलने में काफी समय लगता था। रैयतों को ढाई से पाच साल का इंतजार करना पड़ता था। नए संशोधन के बाद अधिकतम आठ माह में रैयतों को बाजार का चार गुना मुआवजा राशि मिलेगी। कुछ लोग राजनीति कर गावों, गरीबों और आदिवासियों का विकास नहीं चाहते।
गांव में बिजली पहुंचेगी, तो हर किसी का विकास होगा। स्कूल खुलेंगे तो बच्चों को शिक्षा मिल सकेगी। अस्पताल खुलेंगे तो हर कोई चिकित्सा का लाभ ले सकेगा। नहर बनेंगी तो बहुफसलीय खेती हो सकेगी। लेकिन लोगों के बीच भ्रम फैला कर उन्हें विकास से दूर रखने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने आह्वान किया कि पढ़े-लिखे आदिवासी युवाओं की टीम इनके झूठ का पर्दाफाश करे। कार्यक्रम में युवाओं ने अपनी बातें रखीं। इस दौरान मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील कुमार वर्णवाल, धर्म गुरु बंधन तिग्गा, ट्राइबल ड्रीम के झारखंड को-ऑर्डिनेटर एंथोनी, उप संरक्षक सुनील हेंब्रम समेत बड़ी संख्या में युवा उपस्थित थे।
बालू घाटों का काम युवाओं को, जल्द बनेगी पालिसी
एससी, एसटी से जुड़े मामलों के निपटारे के लिए अलग सेल मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि बड़े बालू घाटों से बालू निकालने का काम ट्राइबल ड्रीम समेत अन्य सोसाइटी को दिया जाएगा। इससे युवक-युवतियों को रोजगार मिलेगा। इसके लिए जल्द ही एक पॉलिसी सरकार लाएगी। इसी प्रकार 108 आपातकालीन एंबुलेंस सेवा में चालकों के लिए संस्था के सदस्यों को सरकार प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ेगी। अनुसूचित जनजाति/अनुसूचित जाति के मामलों के निपटारे के लिए एक अलग सेल भी बनाया जायेगा। सरकार इनके कौशल विकास के लिए भी कृतसंकल्प है।
कौशल विकास से बनाएंगे हुनरमंद
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड जैसे समृद्धशाली राज्य की गोद में गरीबी पल रही है। शिक्षा से ही गरीबी को समाप्त किया जा सकता है। सरकार शिक्षा पर विशेष ध्यान दे रही है। कौशल विकास इसी की एक कड़ी है। लोगों को हुनरमंद बनाकर उन्हें आसानी से रोजगार से जोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि जनजाति समाज के युवा समूह बनाकर गाय पालन करें। प्रोसेसिंग प्लाट लगाएं। इससे उन्हें आमदनी भी होगी। वे लोगों को रोजगार दे सकेंगे। सरकार 100 प्रखंडों में कोल्ड रूम बनाने जा रही है। इनके संचालन का काम भी इन्हीं के माध्यम से कराया जाएगा। पोल्ट्री और शहद उत्पादन से भी महिलाओं व युवाओं को जोड़ा जा रहा है। रेडी टू इट में भी 15000 महिलाओं को जोड़ा जा रहा है, जो ताजा भोजन बनाकर आगनबाड़ी में उपलब्ध कराएंगी। इससे राज्य का 400 करोड़ रुपये राज्य में ही रह जायेगा।
ये सुझाव भी नहीं देते
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय नीति, सीएनटी-एसपीटी, भूमि अधिग्रहण आदि मुद्दों पर अबतक केवल राजनीति होती रही है। स्थानीय नीति परिभाषित होने के साथ ही राज्य में सरकारी नौकरियों के द्वार खुल गये हैं। तीन माह में स्थानीय नीति बनाया। हमने सुझाव भी मागें लेकिन इन्होंने (विपक्ष ने) सुझाव भी नहीं दिया।