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Rajasthan Political Crisis: अशोक गहलोत बोले, हमारे विधायकों को मानसिक रूप से परेशान किया गया

Rajasthan Political Crisis अशोक गहलोत ने कहा कि हमारे विधायकों को मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा था। बाहरी दबाव को दूर रखने के लिए हमने उन्हें स्थानांतरित किया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 31 Jul 2020 08:26 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 08:26 PM (IST)
Rajasthan Political Crisis: अशोक गहलोत बोले, हमारे विधायकों को मानसिक रूप से परेशान किया गया
Rajasthan Political Crisis: अशोक गहलोत बोले, हमारे विधायकों को मानसिक रूप से परेशान किया गया

जयपुर, एएनआइ। Rajasthan Political Crisis: राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि हमारे विधायक जो कई दिनों से यहां (जयपुर) ठहरे हुए थे, उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा था। बाहरी दबाव को दूर रखने के लिए हमने उन्हें स्थानांतरित करने के बारे में सोचा। सीएम के समर्थन कांग्रेसी विधायक को शुक्रवार को जयपुर के फेयरमोंट होटल से जैसलमेर के सूर्यगढ़ लाया गया है। गौरतलब है कि इससे पहले वीरवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों की खरीद-फरोख्त की आशंका जताते हुए कहा था कि विधानसभा सत्र की तारीख तय होने के बाद विधायकों के रेट बढ़ गए हैं।

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विधायकों को एकजुट रखने की नई रणनीति के तहत शुक्रवार को विधायकों को तीन चार्टर्ड विमानों से जयपुर के होटल से जैसलमेर के सूर्यगढ़ होटल में शिफ्ट किया गया। राज्य विधानसभा का सत्र 14 अगस्त से शुरू होने वाला है। माना जा रहा है कि तब तक ये विधायक इसी होटल में रहेंगे। राज्य के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह ने जयपुर में कहा कि विधायकों को एकजुट रखने के लिए जैेसलमेर शिफ्ट किया गया है। मुख्यमंत्री की रणनीति है कि एक भी विधायक की खरीद-फरोख्त नहीं हो सके। हालांकि एक कांग्रेसी विधायक प्रशांत बैरवा ने जयपुर एयरपोर्ट पर कहा कि हम चेंज के लिए जैसलमेर जा रहे हैं। 

उपमुख्यमंत्री पद से बर्खास्त सचिन पायलट तथा उनके समर्थक 18 अन्य विधायकों की बगावत के बाद गहलोत खेमा ने अपने विधायकों को एकजुट रखने के लिए 13 जुलाई से ही जयपुर के फेयरमॉन्ट होटल में बाड़ाबंदी कर रखी थी। इस बीच, मुख्यमंत्री ने कहा है कि जिन बागी विधायकों ने पैसे नहीं लिए हैं, उन्हें पार्टी में लौट आना चाहिए। इधर, विधानसभा सत्र आहूत होने के बाद भी राजस्थान की गहलोत सरकार पर संकट खत्म नहीं हुआ है। ऐसे में भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) उसके लिए संकट मोचक बनेगी। सदन में विश्वास मत पर उसका समर्थन गहलोत सरकार के लिए वरदान साबित होगा। आधिकारिक रूप से कोरोना महामारी पर चर्चा के लिए विस सत्र बुलाया जा रहा है, लेकिन गहलोत सरकार का असली मकसद बहुमत साबित करना है।


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